
मध्यप्रदेश
के
सरकारी
महकमों
को
लेकर
अक्सर
ये
कहा
जाता
है
कि
यहां
के
अधिकारियों
कर्मचारियों
की
कारगुजारियों
के
अजीबो
गरीब
मामले
अक्सर
सुनने
को
मिलते
रहते
है।
ऐसा
ही
एक
अजब
गजब
मामला
सागर
जिले
की
बण्डा
तहसील
से
सामने
आया
है।
बण्डा
तहसील
में
पदस्थ
तहसीलदार
जिनका
नाम
ज्ञानचंद
राय
है
ये
कितने
बड़े
ज्ञानी
है,
इसका
जीता
जागता
उदाहरण
सामने
आया
है।
तहसीलदार
साहब
ने
अपने
नाम
के
अनुरूप
बिना
ज्ञान
का
प्रयोग
किए
ही
एक
गरीब
व्यक्ति
का
जो
आय
प्रमाण
पत्र
जारी
किया
है,
उसने
तहसीलदार
ज्ञानचंद
के
ज्ञान
की
कलई
खोल
दी
है।
बण्डा
तहसील
के
ग्राम
घोघरा
निवासी
बलराम
चढ़ार
पिता
तेजी
चढ़ार
का
तहसीलदार
ज्ञानचंद
राय
के
द्वारा
8
जनवरी
2024
को
जो
आय
प्रमाण
पत्र
जारी
किया
गया
है,
उसमें
परिवार
की
समस्त
श्रोतों
से
आय
महज
दो
रुपए
सालाना
दर्ज
की
गई
है।
अब
सवाल
ये
है
कि
क्या
किसी
परिवार
की
वार्षिक
आय
दो
रुपए
होना
संभव
है।
महज
दो
रुपए
सालाना
आय
वाला
परिवार
अपना
जीवन
यापन
कैसे
कर
रहा
है।
तहसील
के
द्वारा
किस
आधार
पर
दो
रुपए
वार्षिक
आय
का
प्रमाणपत्र
जारी
कर
दिया
यह
बात
समझ
से
परे
है।
तहसील
दार
की
इस
अक्षम
लापरवाही
का
खामयाजा
बेचारे
गरीब
परिवार
को
भुगतना
पड़
रहा
है।
पीड़ित
बलराम
चढ़ार
के
पुत्र
सौरभ
चढ़ार
जोकि
कक्षा
12वीं
का
छात्र
है,
उसको
गलत
आय
प्रमाण
पत्र
जारी
किया
जाने
के
कारण
छात्रवृत्ति
का
लाभ
नहीं
मिल
पा
रहा
है।
यह
मामला
बेहद
गंभीर
और
उच्च
स्तरीय
जांच
के
दायरे
में
बताया
जा
रहा।

