उज्जैन कलेक्टर की हिदायत: प्रोप्राइटर का नाम डिस्पले करें, श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली पर सील होगा होटल

Ujjain Collector instruction Display name proprietor hotel will sealed if arbitrary collection from devotees

नीरज
कुमार
सिंह,
कलेक्टर


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

उत्तर
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
के
द्वारा
कावड़
यात्रा
मार्ग
पर
लगी
खान-पान
की
दुकानों
पर
मालिक
और
कर्मचारियों
के
नाम
डिस्प्ले
करने
के
आदेश
के
बाद
मध्यप्रदेश
में
भी
इस
आदेश
पर
अमल
करने
के
निर्देश
मध्यप्रदेश
के
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
दे
दिए
हैं।
इसके
बाद
धार्मिक
नगरी
उज्जैन
में
भी
महाकालेश्वर
मंदिर
के
आसपास
बनी
होटल
और
दुकानों
के
मालिकों
के
नाम
और
मोबाइल
नंबर
डिस्प्ले
करने
के
निर्देश
दिए
थे।

बता
दें
कि
इन
निर्देशों
के
पालन
में
उज्जैन
कलेक्टर
नीरज
कुमार
सिंह
ने
बताया
कि होटल
संचालकों
की
मनमानी
नहीं
चलेगी।
अगर
होटल
संचालक
अपने
नाम
और
नंबर
का
डिस्प्ले
नहीं
करते
हैं
तो
इनके
खिलाफ

सिर्फ
वैधानिक
कार्रवाई
की
जाएगी।
बल्कि
होटल
सील
करने
के
साथ
FIR
भी
दर्ज
करवाई
जाएगी।


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कलेक्टर सिंह
ने
बताया
कि विशेष
रूप
से
श्रावण
मास
में
बाबा
महाकाल
के
दर्शन
करने
आने
वाले
श्रद्धालु
होटल
संचालकों
की
ठगी
के
शिकार
होते
हैं।
क्योंकि
यहां
पर
कुछ
होटल
संचालक
अपनी
मनमानी
करते
हुए
जमकर
किराया
वसूलते
हैं। होटल
संचालकों
की
बैठक
लेकर
उन्हें
समझाइश
दी
जा
चुकी
है।
साथ
ही
यह
भी
बता
दिया
गया
है
कि
अब
अगर
उनके
खिलाफ
कोई
शिकायत
मिलती
है
तो
सीधे
FIR
करने
की
कार्रवाई
की
जाएगी।


महामंडलेश्वर
आचार्य
शेखर
ने
कहा, शहर
में
नॉनवेज
के
साथ
परोसा
जा
रहा
है
वेज

महामंडलेश्वर
आचार्य
शेखर
ने
बताया
कि
बाबा
महाकाल
के
दर्शन
करने
आने
वाले
श्रद्धालु
व्रत
और
उपवास
रखते
हैं।
लेकिन
शहर
में
संचालित
हो
रहे होटल
पर
मालिकों
के
नाम
न लिखे
होने
से
श्रद्धालुओं
को
यह
पता
नहीं
चल
पाता
कि
कौन
सी
होटल
वेज
है
और
कौन
सी
नॉनवेज।
श्रद्धालु
जब
इन
होटलो
में
पहुंचते
हैं,
तब
वेज
के
साथ
नॉनवेज
भी
परोसा
जाता
है, जिससे
होटल
में
पहुंचने
वाले
भक्तों
की
आस्था
से
छलावा
होने
के
साथ
ही
वह
अपने
आप
को
ठगा
सा
महसूस
करते
हैं।
साथ
ही यह
भी
कहा
कि
कुछ
लोगों
ने
तो
अपने
होटल
के
नाम
ही
हिंदू
नाम
पर
रख
लिए
हैं,
जिसके
कारण
भी
अधिकतर
लोग
भ्रमित
होते
हैं
और
इन
दुकानों
में
पहुंच
जाते
हैं।
दुकान
संचालकों
के
नाम
डिस्प्ले
किए
जाने
का
मामला
मैंने
पहले
भी
उठाया
था।
मगर
इस
पर
समय
रहते
अमल
नहीं
लिया
गया।