Jabalpur News: हैदराबाद से लाए गए घोड़ों की मौत का बताओ कारण, हाईकोर्ट का आदेश- कलेक्टर पेश करें जानकारी

हैदराबाद
से
जबलपुर
लाए
गए
घोड़ों
की
मौत
किन
कारणों
से
हुई।
इस
संबंध
में
हाईकोर्ट
के
कार्यवाहक
चीफ
जस्टिस
संजीव
सचदेवा
तथा
जस्टिस
विशाल
मिश्रा
की
युगलपीठ
ने
जिला
कलेक्टर
को
हलफनामा
में
जानकारी
पेश
करने
के
आदेश
जारी
किए
हैं।
इसके
अलावा
उपचाररत
घोड़े
की
मेडिकल
रिपोर्ट
तथा
उसके
उपचार
संबंधित
जानकारी
पेश
करने
को
कहा
गया
है।
अगली
सुनवाई
25
जून
को
निर्धारित
की
गई
है।


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जबलपुर
निवासी
पशु
प्रेमी
सिमरन
इस्सर
की
तरफ
से
दायर
याचिका
में
कहा
गया
था
कि
हैदराबाद
निवासी
सुरेश
पाल
गुडू
हॉर्स
पावर
लीग
के
सूत्रधार
हैं।
हैदराबाद
रेस
क्लब
में
दो
घोड़ों
की
रेस
करवाकर
उन्होंने
ट्रोपंग
करेठस्ता
नाम
एप
के
माध्यम
से
फिलीपींस में
ऑनलाइन
स्ट्रीमिंग
करते
हुए
सट्टा
लगवाया।
फिलीपींस
सरकार ने
इस
संबंध
में
भारत
सरकार
से
शिकायत
की
थी।
शिकायत
के
बाद
उन्होंने
इसे
बंद
कर
दिया
था।
सुरेश
पाल
गुडू
के
पास
डेढ़
सौ
से
अधिक
घोड़े
थे
और
भोजन
नहीं
मिलने
के
कारण
लगभग
90
घोड़ों
की
मौत
हो
गई
थी।
साक्ष्य
छुपाने
के
लिए
57
घोड़ों
को
नियम
विरुद्ध
तरीके
से
जबलपुर
लाकर
सचिन
तिवारी
द्वारा
पनागर
के
रैपुरा
में
रखा
गया।
देखरेख
तथा
भोजन

उपचार
नहीं
मिलने
के
कारण
घोड़ों
की
मौत
हो
रही
है।


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पढ़ें- प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
को
हाईकोर्ट
से
आंशिक
राहत,
बेटी
के
दीक्षांत
समारोह
में
यूके
जाने
की
अनुमति

युगलपीठ
ने
अभी
तक
हुई
घोड़ों
की
मौत
की
संख्या
के
संबंध
में
जानकारी
चाही
गई
तो
सरकार
की
तरफ
से
संख्या
12
बताई
गई।
याचिकाकर्ता
की
तरफ
से
बताया
गया
कि
रास्ते
में
लाते
समय
6
घोड़ों
की
मौत
हो
गई
थी।
अभी
तक
18
घोड़ों
की
मौत
हुई
है।
जबलपुर
लाने
के
लिए
घोड़ों
का
नियम
अनुसार
मेडिकल
टेस्ट
नहीं
करवाया
गया
था।
ऑनलाइन
गैबलिंग
के
साक्ष्य
छुपाने
के
लिए
घोड़े
का
जबलपुर
लाकर
उन्हें
भूखे-प्यासे
रखकर
मारा
जा
रहा
है।
घोड़ों
को
जबलपुर
लाने
वाले
केयरटेकर
सचिन
तिवारी
की
तरफ
से
उपस्थित
अधिवक्ता
की
तरफ
से
युगलपीठ
को
बताया
गया
कि
जिन
घोड़ों
की
मौत
हुई
है,
वे वृद्ध
थे।
घोड़ों
को
जबलपुर
लाने
का
कारण
उन्होंने
ब्रीडिंग
बताया
था।
वृद्ध
घोड़ों
को
ब्रीडिंग
के
लिए
लाए
जाने
पर
हाईकोर्ट
ने
आश्चर्य
व्यक्त
किया।
ये
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भावना
भड़काने
वाले
मैसेज-वीडियो
भेजने
पर
अनिश्चितकाल
तक
नहीं
रख
सकते
जेल
में,
HC
ने
दी
जमानत

युगलपीठ
ने
घोड़ों
को
उपलब्ध
कराए
जा
रहे
उपचार
तथा
भोजन
के
संबंध
जानकारी
प्रस्तुत
करने
के
अलावा
घोड़ों के
केयरटेकर
सचिन
तिवारी
का
ट्रैक
रिकॉर्ड
पेश
करने
के
आदेश
भी
जारी
किए
हैं।
युगलपीठ
ने
जबलपुर
लाए
गए
घोड़ों
की
संख्या
तथा
लाने
के
उद्देश्य
के
संबंध
में
हलफनामा
में
जानकारी
के
साथ
उनके
रजिस्ट्रेशन
तथा
मेडिकल
संबंधित
दस्तावेज
भी
पेश
करने
के
निर्देश
केयरटेकर
सचिन
तिवारी
को
दिए
हैं।

याचिका
में
प्रमुख
सचिव
पशुपालन
विभाग,
कलेक्टर

पुलिस
अधीक्षक
जबलपुर,
थाना
प्रभारी
पनागर,
राज्य
पशु
कल्याण
बोर्ड
पशुपालन
एवं
डेयरी
फार्मिंग
विभाग,
निदेशक
पशुपालन
पशुपालन
एवं
डेयरी
फार्मिंग
विभाग,
पशु
प्रकोप
नियंत्रण
उप
निदेशक
पशु
चिकित्सा
महाविद्यालय,
जिला
पशु
चिकित्सा
अधिकारी
पशुपालन
एवं
डेयरी
फार्मिंग
विभाग,
सचिन
तिवारी,
सुरेश
पलाडागु
एचपीएसएल
स्पोर्ट्स
लीजर
प्राइवेट
लिमिटेड,
मैसर्स
हिटनेट
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड
को
अनावेदक
बनाया
गया
था।
युगलपीठ
ने
सभी
अनावेदकों
को
हमदस्त
नोटिस
जारी
कर
जवाब
मांगा
है।
याचिकाकर्ता
की
तरफ
से
अधिवक्ता
उमेश
त्रिपाठी
ने
पैरवी
की।