मध्यप्रदेश
के
आदिवासी
अंचलों
में
तेंदुए
का
आतंक
एक
बार
फिर
से
लौट
आया
है।
अलीराजपुर
जिले
के
ग्राम
बेसवानी
और
झाबुआ
जिले
के
ग्राम
भूतखेड़ी
में
तेंदुए
ने
दो
अलग-अलग
हमलों
में
ग्रामीणों
को
घायल
कर
दिया।
लगातार
हो
रहे
इन
हमलों
से
ग्रामीणों
में
भय
और
वन्यजीव
सुरक्षा
को
लेकर
चिंता
का
माहौल
है।
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बेसवानी
में
दो
ग्रामीण
घायल
बुधवार
को
ग्राम
बेसवानी
के
पटेल
फलिया
क्षेत्र
में
तेंदुए
ने
पहले
बच्चू
चौहान
के
घर
में
घुसकर
बकरा
उठाया
और
बाद
में
एक
अन्य
बकरा
भी
उठा
ले
गया।
इसी
दिन
जंगल
में
मवेशी
चरा
रहे
ग्रामीण
वीरेंद्र
और
केसल
सिंह
पर
तेंदुए
ने
हमला
कर
उन्हें
गंभीर
रूप
से
घायल
कर
दिया।
दोनों
घायलों
को
प्राथमिक
उपचार
के
बाद
गुजरात
के
बोडेली
अस्पताल
रेफर
किया
गया
है।
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8
दिन
पहले
भी
हुआ
था
हमला,
वन
विभाग
को
नहीं
मिली
सफलता
इसी
इलाके
से
करीब
छह
किलोमीटर
दूर
ग्राम
कुंडवाट
में
7
जुलाई
को
तेंदुए
ने
हमला
किया
था।
उस
दौरान
बकरी
के
शिकार
की
सूचना
पर
मौके
पर
पहुंची
वन
विभाग
की
टीम
पर
भी
तेंदुए
ने
हमला
कर
दिया
था।
वनपाल
जीवन
प्रकाश
मंडलोई
और
वनरक्षक
विपुल
चौहान
इस
हमले
में
घायल
हुए
थे।
बाद
में
स्थानीय
युवक
कविंद्र
टूटिया
ने
साहस
दिखाकर
तेंदुए
को
पत्थर
मारकर
भगाया
और
मंडलोई
की
जान
बचाई
थी।
इसके
बाद
इंदौर
से
पांच
सदस्यीय
रेस्क्यू
टीम
और
आलीराजपुर
से
12
सदस्यीय
टीम
तेंदुए
को
पकड़ने
के
लिए
पहुंची
थी।
ड्रोन
कैमरे
और
दो
पिंजरों
की
मदद
से
सर्चिंग
की
गई,
लेकिन
तेंदुआ
पकड़
में
नहीं
आया।
ये
भी
पढ़े: झीलढाना
गांव
विकास
से
कोसों
दूर,
बरसात
में
टापू
बना
गांव,
उफनती
नदी
पार
कर
स्कूल
जाते
बच्चे
झाबुआ
में
पानी
भरने
गए
युवक
पर
हमला
उधर
झाबुआ
जिले
के
ग्राम
भूतखेड़ी
में
गुरुवार
सुबह
नदी
से
पानी
भरने
गए
रतन
पिता
मोती
बामनिया
पर
तेंदुए
ने
हमला
कर
दिया।
सिर
और
गर्दन
पर
गंभीर
चोटें
आईं।
उसे
झाबुआ
जिला
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
है।
डॉक्टरों
के
अनुसार
उसकी
स्थिति
सामान्य
है।
SDM
झाबुआ
ने
अस्पताल
पहुंचकर
रतन
की
स्थिति
की
जानकारी
ली।
वन
विभाग
की
अपील
वन
विभाग
के
SDO
एएस
ओहरिया
ने
बताया
कि
तेंदुआ
एक
बार
शिकार
कर
ले
तो
आठ
दिन
तक
भोजन
की
आवश्यकता
नहीं
होती।
संभवतः
कुंडवाट
में
शिकार
के
बाद
वह
जंगल
के
दूसरे
हिस्से
में
चला
गया
था
और
अब
फिर
से
शिकार
की
तलाश
में
बस्ती
की
ओर
लौटा
है।
बेसवानी
क्षेत्र
में
नए
सिरे
से
पिंजरे
लगाए
जाएंगे।
वन
विभाग
ने
ग्रामीणों
को
जंगल
में
अकेले
न
जाने,
झुंड
में
मवेशी
चराने
और
सतर्क
रहने
की
सलाह
दी
है।
दोनों
क्षेत्रों
में
वन
विभाग
की
टीमें
सतत
निगरानी
कर
रही
हैं
और
पूरे
घटनाक्रम
की
जांच
की
जा
रही
है।