ब्यौहारी
विकासखंड
के
ग्राम
पंचायत
भमरहा
के
अंतर्गत
झांपर
नदी
पर
बनी
पुलिया
को
बने
हुए
लगभग
एक
से
दो
साल
होने
को
हैं,
लेकिन
इस
परियोजना
से
प्रभावित
किसानों
को
आज
तक
मुआवजा
नहीं
मिल
पाया
है।
यही
वजह
है
कि
किसानों
ने
पुल
से
आवागमन
रोक
रखा
है।
जिन
किसानों
की
भूमि
अधिग्रहित
की
गई
है,
उनका
साफ
कहना
है
कि
जब
तक
उन्हें
मुआवजा
नहीं
मिलेगा,
तब
तक
वे
पुल
का
उपयोग
शुरू
नहीं
होने
देंगे।
ग्रामीणों
का
कहना
है
कि
मुआवजे
की
मांग
को
लेकर
उन्होंने
कई
बार
स्थानीय
प्रशासन
और
जिला
अधिकारियों
को
लिखित
में
शिकायतें
दी
हैं,
लेकिन
अब
तक
कोई
समाधान
नहीं
निकला
है।
इस
स्थिति
से
नाराज
किसानों
ने
पुलिया
के
निकट
गड्ढा
खोदकर
खाई
बना
दी
है,
जिससे
आवाजाही
पूरी
तरह
बाधित
हो
गई
है।
किसान
प्रेम
शुक्ला
ने
बताया
कि
पुलिया
निर्माण
से
उनकी
खेती
पर
बुरा
असर
पड़ा
है,
लेकिन
मुआवजा
आज
तक
नहीं
मिला।
कई
बार
प्रशासन
को
सूचित
किया
गया,
मगर
कोई
ठोस
कार्रवाई
नहीं
हुई।
ग्रामीणों
का
कहना
है
कि
पुलिया
से
सटी
सड़क
का
निर्माण
भी
अधूरा
पड़ा
है,
जिससे
गोरखपुर,
कोना,
दुबरी,
कोइलारी,
लावानगरी
और
नागाडोल
जैसे
गांवों
का
आवागमन
पूरी
तरह
प्रभावित
है।
जिला
पंचायत
सदस्य
पुष्पेंद्र
पटेल
ने
कहा
कि
यह
सिर्फ
किसानों
की
समस्या
नहीं
है,
बल्कि
इससे
छात्र,
मरीज
और
आम
नागरिक
सभी
परेशान
हैं।
गांव
के
निवासी
हरि
शरण
ने
बताया
कि
बरसात
के
दौरान
नदी
का
जल
स्तर
अचानक
बढ़
जाता
है,
जिससे
दुर्घटना
की
आशंका
रहती
है।
उन्होंने
सरकार
से
जल्द
मुआवजा
दिलाने
की
मांग
की
है
ताकि
पुलिया
का
उपयोग
सुचारु
रूप
से
हो
सके।
पढ़ें: कुत्ते
के
काटने
को
लेकर
दो
पक्षों
में
विवाद,
तलवार
और
फावड़े
से
हमला
कर
पिता-पुत्र
को
किया
घायल
स्थानीय
प्रशासन
का
कहना
है
कि
मामला
गंभीरता
से
लिया
जा
रहा
है।
जिला
पंचायत
सदस्य
पुष्पेंद्र
पटेल
के
अनुसार
तहसीलदार
ने
एक
बार
मौके
पर
निरीक्षण
किया
था,
लेकिन
उसके
बाद
कोई
कार्रवाई
नहीं
हुई।
किसानों
ने
चेतावनी
दी
है
कि
जब
तक
उन्हें
मुआवजा
नहीं
दिया
जाएगा,
तब
तक
पुल
का
रास्ता
बंद
रहेगा।
पीड़ित
किसान
रमेश
पटेल
ने
बताया
कि
पुल
बने
एक
साल
से
ज्यादा
समय
बीत
चुका
है,
लेकिन
35
से
अधिक
किसानों
को
अब
तक
मुआवजा
नहीं
मिला।
अगर
जल्द
ही
मुआवजा
नहीं
दिया
गया
तो
बारिश
में
भी
किसानों
ने
पुल
से
लोगों
का
आना-जाना
रोकने
का
फैसला
किया
है।