मृतक
किसान
विस्तार
टीकमगढ़
जिले
के
मोहनगढ़
थाना
अंतर्गत
केशवगढ़
गांव
में
पांच
साल
से
चल
रहे
जमीन
विवाद
से
परेशान
होकर
किसान
अखिल
यादव
ने
आत्महत्या
कर
ली।
उसने
उसी
जमीन
पर
फांसी
लगाई,
जिस
पर
दबंगों
ने
कब्जा
कर
रखा
था
और
उसे
कब्जा
नहीं
करने
दे
रहे
थे।
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पांच
साल
से
न्याय
के
लिए
संघर्ष
मृतक
के
परिजनों
ने
बताया
कि
अखिल
यादव
ने
पांच
साल
पहले
आधा
एकड़
जमीन
खरीदी
थी,
लेकिन
गांव
के
दबंगों
ने
उस
पर
कब्जा
कर
लिया।
इन
दबंगों
को
राजनीतिक
संरक्षण
प्राप्त
था।
अखिल
ने
कब्जा
छुड़ाने
के
लिए
तहसीलदार,
एसडीएम,
और
कलेक्टर
को
कई
बार
आवेदन
दिए,
लेकिन
कोई
सुनवाई
नहीं
हुई।
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कुछ
दिनों
पहले
जमीन
पर
लगे
पेड़ों
को
दबंगों
ने
काट
दिया।
अखिल
ने
इसकी
शिकायत
मोहनगढ़
थाने
में
की,
लेकिन
पुलिस
ने
कार्रवाई
करने
के
बजाय
मुख्यमंत्री
की
सुरक्षा
ड्यूटी
का
बहाना
बना
दिया।
प्रशासन
और
पुलिस
की
अनदेखी
से
टूटकर
अखिल
ने
अपनी
जीवन
लीला
समाप्त
कर
ली।
सुसाइड
नोट
में
लिखी
पीड़ा
पुलिस
और
परिजनों
को
मृतक
की
जेब
से
सुसाइड
नोट
मिला,
जिसमें
उसने
तहसीलदार,
एसडीएम,
और
पुलिस
की
उदासीनता
के
साथ
गांव
के
सूरज
समेत
पांच
लोगों
का
नाम
लिखा
है।
इन
लोगों
पर
उसे
प्रताड़ित
करने
और
जमीन
खाली
न
करने
का
आरोप
लगाया
गया
है।
उसने
पुलिस
पर
₹1000
लेने
और
कार्रवाई
न
करने
का
भी
जिक्र
किया
है।
मुख्यमंत्री
किसान
सम्मेलन
में,
किसान
ने
ली
जान
घटना
ऐसे
समय
हुई
जब
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
जतारा
के
बेरवार
गांव
में
किसान
सम्मेलन
को
संबोधित
कर
रहे
थे।
इस
विरोधाभास
ने
प्रशासन
की
कार्यप्रणाली
पर
सवाल
खड़े
कर
दिए
हैं।
पुलिस
ने
कहा
कि
मौके
पर
पहुंचकर
पंचनामा
की
कार्रवाई
की
गई
है।
शव
को
पोस्टमार्टम
के
लिए
भेज
दिया
गया
है।
सुसाइड
नोट
के
आधार
पर
मामले
की
जांच
की
जा
रही
है
और
दोषियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
का
आश्वासन
दिया
गया
है।