Damoh: जिला अस्पताल में 15 स्वास्थ्य कर्मियों को प्रबंधन ने हटाया, 50 साल की उम्र में कहां मिलेगी नौकरी

management removed 15 health workers who were serving in the district hospital for 20 years

दमोह
जिला
अस्पताल


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

पिछले
2
साल
से
वेतन

मिलने
के
कारण
इन
कर्मचारियों
की
पारिवारिक
स्थिति
भी
खराब
हो
गई
थी
और
15
दिन
पहले
जब
उन्होंने
अपनी
वेतन
को
लेकर
कलेक्टर
के
पास
आवेदन
दिया
और
इस
मामले
की
जांच
शुरू
हुई
तो
अस्पताल
प्रबंधन
ने
पत्र
जारी
करते
हुए
सभी
15
कर्मचारियों
को
सेवा
से
हटा
दिया
है।


यह
है
पूरा
मामला

जिला
अस्पताल
में
पिछले
15
से
20
सालों
से
करीब
15
कर्मचारी
कलेक्टर
रेट
पर
अपनी
सेवाएं
दे
रहे
थे।
जिनका
हर
साल
बाउंड
भी
भरा
जा
रहा
था।
इन
कर्मचारियों
में
कुछ
वाहन
चालक
थे,
कुछ
वार्डबॉय
थे

कुछ
अन्य
पदों
पर
पदस्थ
थे।
विगत
20
सालों
से
सेवाएं
देते
हुए
इन
कर्मचारियों
को
कोई
बड़ा
मानदेय
तो
नहीं
मिल
रहा
था,
लेकिन
कलेक्टर
रेट
पर
जो
भी
मानदेय
मिलता
था
उससे
उनके
परिवार
का
भरण
पोषण
होता
था। 

पिछले
2
साल
से
इन
कर्मचारियों
का
बाउंड
नहीं
भरा
गया
जिससे
2
साल
से
उनका
वेतन
भी
नहीं
मिला।
कर्मचारियों
में
शामिल
नदीम
खान,
इमरान
खान,
संदीप
सोनी,
संदीप
चौबे,
राजेंद्र
रैकवार
सहित
अन्य
कर्मचारियों
ने
बताया
कि
वह
20
वर्षों
से
अस्पताल
में
सेवाएं
दे
रहे
थे
और
लगातार
उनका
बाउंड
भरा
जा
रहा
था
2
साल
से
बाउंड
नहीं
भरा
गया
जिससे
उन्हें
वेतन
नहीं
मिला।
जब
उन्होंने
भोपाल
स्वास्थ्य
संचनालय
पत्राचार
किया
तो
वहां
से
उन्हें
पत्र
जारी
किया
गया
कि
यह
मामला
जिला
स्तर
का
है
इसलिए
अस्पताल
प्रबंधन
खुद
ही
इसे
सुलझा
सकता
है।
सभी
कर्मचारी
वेतन
मिलने
की
आस
में
बैठे
रहे,
लेकिन
वेतन
नहीं
मिला
और
लगातार
साहूकारों
से
कर्ज
लेकर
अपने
परिवार
का
भरण
पोषण
करते
रहे।
अब
साहूकारों
में
भी
इन्हें
कर्ज
देने
से
मना
कर
दिया
है।


विज्ञापन


बीमारी
में
नहीं
करा
पा
रहे
इलाज

कई
कर्मचारी
गंभीर
बीमारियों
से
जूझ
रहे
हैं।
हार्ट
का
ऑपरेशन
करने
वाले
वाहन
चालक
नदीम
खान
में
बताया
कि
उन्होंने
कर्ज
लेकर
अपने
हार्ट
का
ऑपरेशन
कराया
है
और
अब
आगे
इलाज
के
लिए
उनके
पास
पैसे
नहीं
है
2
साल
से
वेतन
नहीं
मिला
और
अब
सेवा
से
भी
हटा
दिया
है।
वहीं
55
वर्षीय
राजेंद्र
रैकवार
ने
बताया
कि
इस
अवस्था
में
वह
क्या
करेंगे
ना
उनके
पास
इतने
पैसे
हैं
कि
कोई
व्यवसाय
कर
सके
ना
वह
इस
अवस्था
में
है
कि
अब
उन्हें
कहीं
कोई
काम
मिल
सके।
इसके
अलावा
वार्डबॉय
संदीप
सोनी
ने
बताया
कि
उनकी
मां
लकवा
ग्रस्त
है
और
पारिवारिक
स्थिति
भी
खराब
है।
पहले
वेतन
नहीं
मिला
और
अब
उसे
सेवा
से
भी
हटा
दिया
है
ऐसी
स्थिति
में
वह
क्या
करेगा।
कैसे
मां
का
इलाज
करवाए
और 

कैसे
अपने
परिवार
का
भरण
पोषण
करेगा।

इन
कर्मचारियों
ने
बताया
कि
कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
के
पास
जाकर
उन्होंने
अपनी
वेतन
दिलाए
जाने
के
लिए
निवेदन
किया
था।
जिसके
बाद
सिविल
सर्जन
कार्यालय
से
एक
पत्र
जारी
हुआ
और
उनकी
नियुक्ति
के
संबंध
में
सभी
दस्तावेज
मांगे
गए
जो
इन्होंने
दिए।
इसके
बाद
इन
सभी
कर्मचारियों
को
उम्मीद
थी
कि
उनका
बकाया
वेतन
उन्हें
मिल
जाएगा,
लेकिन
शुक्रवार
को
अचानक
अस्पताल
प्रबंधन
की
ओर
से
सभी
कर्मचारियों
के
लिए
पत्र
जारी
किया
गया,
जिसमें
लिखा
गया
की
जांच
के
दौरान
पाया
गया
है
कि
आप
सभी
की
नियुक्ति
अनियमित
नियुक्ति
की
श्रेणी
में
आती
है,
इसलिए
आपको
सेवा
से
हटाया
जाता
है।
पत्र
मिलने
के
बाद
सभी
कर्मचारियों
के
पैरों
के
नीचे
से
जमीन
खिसक
गई।
क्योंकि
जिस
स्वास्थ्य
महकमे
में
में
वह
20
साल
से
सेवाएं
दे
रहे
थे,
अब
अचानक
से
उन्हें
घर
बैठने
के
लिए
कह
दिया
गया
है।
सभी
कर्मचारियों
के
सामने
बहुत
बड़ा
संकट
खड़ा
हो
गया
है।
इन
कर्मचारियों
को
हटाने
के
संबंध
में
जब
सीएमएचओ
डॉक्टर
सरोजिनी
जेम्स
बैक
से
बात
की
गई
तो
उन्होंने
बताया
कि
जांच
के
दौरान
पाया
गया
सभी
कर्मचारी
अधिनियमित
नियुक्ति
के
दायरे
में

रहे
हैं
इसलिए
इन्हें
अब
आगे
सेवा
में
नहीं
रखा
जा
सकता।