Ashoknagar News: गांव में मुक्तिधाम नहीं, अंतिम संस्कार के लिए बारिश रुकने का करना पड़ता है इंतजार

अशोकनगर
जिले
के
कोलुआ
गांव
में
आदिवासी
महिला
के
अंतिम
संस्कार
की
व्यवस्था
में
परिजनों
को
कई
मुश्किलों
का
सामना
करना
पड़ा।
गांव
में
श्मशान

होने
और
लगातार
बारिश
के
कारण
परिवार
को
रात
9
बजे
3
किलोमीटर
दूर
जमाखेड़ी
गांव
जाना
पड़ा।
वहां
भी
कोई
उजाले

पानी
से
सर
छुपाने
की
व्यवस्था
नहीं
थी।
केवल
एक
हल्का
टीन
शेड
था।

30
वर्षीय
सोमवती
आदिवासी
का
बीमारी
के
कारण
निधन
हो
गया।
मृतिका
का
परिवार
गुना
जिले
के
आरोन
इलाके
के
जाखोदा
गांव
में
रहता
है।
परिवार
के
पास
पैसों
की
कमी
के
कारण
शव
को
मूल
गांव
ले
जाने
की
व्यवस्था
नहीं
हो
पाई।
इसलिए
कोलुआ
गांव
में
मृतका
की
बड़ी
बहन
के
यहां
अंतिम
संस्कार
का
निर्णय
लिया
गया।

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वहां
लोगों
ने
बारिश
रुकने
पर
खुले
में
अंतिम
संस्कार
करने
कुछ
देर
इंतजार
किया,
लेकिन
पानी
नहीं
रुका।
कोलुआ
में
श्मशान

होने
और
लगातार
बारिश
के
कारण
परिजनों
को
जमाखेड़ी
गांव
जाना
पड़ा।
शव
एवं
लकड़ियों
को
ट्राली
में
रखकर
ले
जाया
गया।
अंधेरे
में
मोबाइल
फोन
की
टॉर्च,
बाइक
और
ट्रैक्टर
की
लाइटों
की
मदद
से
अंतिम
संस्कार
किया
गया।

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पर
करेंगे
बात

घटना
की
जानकारी
मिलने
पर
अशोकनगर
विधायक
हरीबाबू
राय
भी
मौके
पर
पहुंचे।
उन्हें
भी
मोबाइल
टॉर्च
की
रोशनी
में
पैदल
चलकर
जाना
पड़ा। विधायक
हरीबाबू
राय
का
कहना
है
कि
शासन
भले
ही
इस
समय
को
अमृत
काल
बता
रही
हो,
लेकिन
मुझे
लगता
है
आदिवासियों
के
लिए
यह
विष
काल
है।
उन्होंने
कहा
कि
संबंध
में
मैं
भी
प्रशासनिक
अधिकारियों
के
सामने
मांग
रखूंगा
कि मेरी
विधानसभा
के
सभी
गांव
में
काम
से
कम
मुक्तिधाम
तो
बने
हों।

बता
दें,
कोलूआ
गांव
में
बरसों
से
अंतिम
संस्कार
के
लिए
कोई
मुक्ति
धाम
नहीं
बनाया
गया।
एक
साल
पहले
भी
किसी
व्यक्ति
की
मौत
होने
के
बाद
बारिश
नहीं
रुकी
तो
अंतिम
संस्कार
करने
के
लिए
अशोकनगर
के
तुलसी
सरोवर
की
मुक्ति
धाम
में
ले
जाना
पड़ा
था
उसे
समय
काफी
गहन
गई
चली
भरोसा
दिलाया
कि
जल्द
ही
शमशान
घाट
बना
दिया
जाएगा
लेकिन
वह
भरोसा
केवल
शब्दों
में
ही
तब्दील
हो
गया।