Traffic Jam: तीन मौतों पर लगी जनहित याचिका, NHAI ने कहा लोग बिना काम से इतनी जल्दी निकलते ही क्यों हैं


इंदौर-देवास
रोड
पर
लगे
भीषण
जाम
(Traffic
Jam)
के
मामले
में
सोमवार
को
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट
की
इंदौर
खंडपीठ
में
जनहित
याचिका
पर
सुनवाई
हुई।
देवास
के
एडवोकेट
आनंद
अधिकारी
द्वारा
दायर
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
न्यायमूर्ति
विवेक
रूसिया
और
न्यायमूर्ति
पवन
कुमार
द्विवेदी
की
युगल
पीठ
ने
एनएचएआई,
पुलिस
कमिश्नर,
कलेक्टर,
टोल
कंपनी
और
निर्माण
एजेंसी
को
नोटिस
जारी
कर
7
दिन
में
जवाब
मांगा
है।
याचिकाकर्ता
की
ओर
से
एडवोकेट
गिरीश
पटवर्धन
ने
कोर्ट
को
बताया
कि
जाम
के
कारण
तीन
लोगों
की
मौत
हुई
है।
कोर्ट
ने
एनएचएआई
को
आदेश
दिया
है
कि
वह
निर्माण
एजेंसी
और
टोल
ठेकेदार
को
भी
नोटिस
जारी
करें।


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सुनवाई
में
NHAI
की
टिप्पणी
पर
कोर्ट
ने
जताई
नाराजगी

सुनवाई
के
दौरान
एनएचएआई
की
ओर
से
पेश
वकील
ने
कहा
कि
लोग
“बिना
कारण
इतनी
जल्दी
क्यों
निकलते
हैं”।
इस
पर
कोर्ट
ने
नाराजगी
जताई
और
पूछा
कि
“क्या
सांसद
और
मंत्री
पहुंचने
पर
ही
जाम
खत्म
किया
जाएगा?”
कोर्ट
ने
यह
भी
पूछा
कि
अगर
व्यवस्थाएं
सही
थीं,
तो
40
घंटे
तक
जाम
क्यों
रहा?
एनएचएआई
की
ओर
से
यह
भी
कहा
गया
कि
देवास
रोड
के
बाद
उज्जैन
रोड
पर
भी
ट्रैफिक
की
समस्या
रही।


कलेक्टर
ने
NHAI
पर
डाली
जिम्मेदारी,
NHAI
ने
कहा
मौतों
की
रिपोर्ट
भ्रामक

शनिवार
को
इंदौर
कलेक्टर
आशीष
सिंह
ने
मौके
का
निरीक्षण
कर
कहा
कि
बायपास
पर
एनएचएआई
द्वारा
बनाई
गई
सर्विस
रोड
कमजोर
है,
जिससे
गड्ढे
बन
गए
हैं
और
ट्रैफिक
जाम
की
स्थिति
बन
रही
है।
उन्होंने
बताया
कि
इंदौर-उज्जैन
रोड
निर्माण
और
मांगलिया
फ्लाईओवर
के
चलते
ट्रैफिक
दबाव
बढ़ा
है।
वहीं,
रविवार
को
एनएचएआई
के
परियोजना
निदेशक
सोमेश
बांझल
ने
बयान
जारी
कर
कहा
कि
तीन
मौतों
की
खबर
भ्रामक
है।
उन्होंने
कहा
कि
एक
मौत
शाजापुर
से
इंदौर
आते
समय
और
दूसरी
लसूडिया
क्षेत्र
में
हुई,
जिनका
अर्जुन
बड़ोद
क्षेत्र
के
जाम
से
कोई
संबंध
नहीं
है।
हालांकि,
एनएचएआई
ने
बताया
कि
डायवर्शन
मार्ग
की
मरम्मत
पूरी
कर
ली
गई
है
और
अब
यातायात
सामान्य
हो
गया
है।


40
घंटे
तक
रहा
जाम,
तीन
लोगों
की
मौत

शुक्रवार
को
इंदौर-देवास
रोड
पर
लगभग
8
किलोमीटर
लंबा
जाम
लगा
रहा,
जो
करीब
40
घंटे
तक
चला।
इसमें
इंदौर
निवासी
किसान
कमल
पांचाल
(62),
शुजालपुर
के
बलराम
पटेल
(55)
और
गारी
पिपल्या
के
संदीप
पटेल
(32)
की
जान
चली
गई।
कमल
पांचाल
की
कार
डेढ़
घंटे
तक
जाम
में
फंसी
रही,
जिसके
दौरान
उन्हें
घबराहट
और
बेचैनी
हुई।
उन्हें
देवास
के
निजी
अस्पताल
ले
जाया
गया,
जहां
उन्हें
मृत
घोषित
कर
दिया
गया।
दो
अन्य
की
मौत
हार्ट
अटैक
और
अस्पताल

पहुंच
पाने
के
कारण
हुई।