Ujjain Mahakal Bhasm Arti: महाकाल का निराकार से साकार रूप, वैष्णव तिलक से सजे बाबा

Ujjain Mahakal Bhasm Arti: Mahakal transformed from formless to formless, Baba adorned with Vaishnav Tilak

बाबा
महाकाल
के
भस्म
आरती
दर्शन


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

बाबा
महाकाल
के
दर्शन
के
लिए
देशभर
से लाखों
भक्त
उज्जैन
आते
हैं।
बाबा
की
भस्म
आऱती
का
अलग
ही
महत्व
है।
रविवार
को
भी
बाबा
महाकाल
की
भस्म
आरती
दर्शन
के
लिए
हजारों
लोग
बाबा
के
दरबार
में
पहुंचे। 

महाकालेश्वर
मंदिर
ऐसा
स्थान
है
जहां
प्रतिदिन
बाबा
भोलेनाथ
की
भस्म
आरती
की
जाती
है।
मान्यताओं
के
अनुसार
बाबा
महाकाल
के
दर्शन
करने
से
जीवन-मृत्यु
का
चक्र
खत्म
हो
जाता
है
और
व्यक्ति
को
मृत्यु
के
बाद
मोक्ष
की
प्राप्ति
होती
है। विश्व
प्रसिद्ध
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
में
रविवार
को
तड़के
चार
बजे
मंदिर
के
पट
खोले
गए।
पंडे
पुजारी
ने
गर्भगृह
में
स्थापित
सभी
भगवान
की
प्रतिमाओं
का
पूजन
कर
भगवान
महाकाल
का
जलाभिषेक
और
दूध,दही,
घी,शक़्कर
फलों
के
रस
से
बने
पंचामृत
पूजन
किया।
इसके
बाद
प्रथम
घंटाल
बजाकर
हरि
ओम
का
जल
अर्पित
किया
गया।
कपूर
आरती
के
बाद
भगवान
के
मस्तक
पर
भांग,
चन्दन
अर्पित
कर
शृंगार
किया
गया।

आज
के
शृंगार
की
खास
बात
रही
कि
बाबा
को
वैष्णव
तिलक
और
आभूषणों
से
सजाया
गया
था।
श्रृंगार
पूरा
होने
के
बाद
ज्योतिर्लिंग
को
कपड़े
से
ढांककर
भस्मी
रमाई
गई।
महा
निर्वाणी
अखाड़े
की
ओर
से
भगवान
महाकाल
को
भस्म
अर्पित
की
गई।
भस्म
अर्पित
करने
के
पश्चात
शेषनाग
का
रजत
मुकुट
रजत
की
मुण्डमाल
और
रुद्राक्ष
की
माला
के
साथ
साथ
सुगन्धित
पुष्प
से
बनी
फूलों
की
माला
अर्पित
की। 


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