Ujjain: रंगपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में नहीं उड़ा गुलाल, बाबा महाकाल को केसरयुक्त जल चढ़ाकर मनाया पर्व

Ujjain: रंगपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में नहीं उड़ा गुलाल, बाबा महाकाल को केसरयुक्त जल चढ़ाकर मनाया पर्व
Ujjain: रंगपंचमी पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में नहीं उड़ा गुलाल, बाबा महाकाल को केसरयुक्त जल चढ़ाकर मनाया पर्व

बाबा
महाकाल
को
चढ़ाया
गया
केसर
जल।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

उज्जैन
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
में
रंगपंचमी
का
पर्व
हर्षोल्लास
और
उमंग
के
साथ
मनाया
जा
रहा
हैं।
बाबा
महाकाल
को
केसरयुक्त
जल
अर्पित
कर
प्रतीकात्मक
रूप
से
रंगपंचमी
का
त्योहार
मनाया
गया।
भस्म
आरती
के
दौरान
प्रशासन,
पुलिस
और
मंदिर
प्रशासन
का
अमल
पूरी तरह
मुस्तैद
रहा।
उज्जैन
कलेक्टर
नीरज
कुमार
सिंह
द्वारा
भस्म
आरती
की
व्यवस्थाओं
की
सतत
मॉनिटरिंग
की
गई।
मंदिर
प्रशासक
मृणाल
मीना
द्वारा
भी
लगातार
व्यवस्थाओं
की
निगरानी
की
गई।  प्रशासन,
पुलिस
और
सुरक्षा
एजेंसी
के
आपसी
समन्वय
से
भस्म
आरती
का
सुव्यवस्थित
संचालन
किया
गया। 

विश्व
प्रसिद्ध
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
में
आज
चैत्र
कृष्ण
पक्ष
की
पंचमी
पर
शनिवार
को
तड़के
भस्म
आरती
के
दौरान
चार
बजे
मंदिर
के
पट
खुलते
ही
पंडे
पुजारियों
ने
गर्भगृह
में
स्थापित
भगवान
की
प्रतिमाओं
का
पूजन
किया।
भगवान
महाकाल
का
जलाभिषेक
दूध,
दही,
घी,
शक्कर
और
फलों
के
रस
से
बने
पंचामृत
से
कर
पूजन
अर्चन
किया
गया।
प्रथम
घंटाल
बजाकर
हरि
ओम
का
जल
अर्पित
किया
गया।
साथ
ही
केसरयुक्त
जल
अर्पित
कर
प्रतीकात्मक
रूप
से
रंगपंचमी
का
त्योहार
मनाया
गया।
कपूर
आरती
के
बाद
बाबा
महाकाल
को
चांदी
का
मुकुट
और
रुद्राक्ष

पुष्पों
की
माला
धारण
करवाई
गई।
श्रृंगार
के
बाद
बाबा
महाकाल
के
ज्योतिर्लिंग
को
कपड़े
से
ढांककर
भस्म
रमाई
गई
और
फिर
भोग
लगाया
गया।
भस्म
आरती
में
बड़ी
संख्या
में
श्रद्धालु
पहुंचे
जिन्होंने
बाबा
महाकाल
के
दर्शन
कर
आशीर्वाद
प्राप्त
किया।
इस
दौरान
पूरा
मंदिर
परिसर
जय
श्री
महाकाल
की
गूंज
से
गुंजायमान
हो
गया।


परंपरा
का
हुआ
निर्वहन,
नहीं
उड़ा
रंग
गुलाल

महाकालेश्वर
मंदिर
प्रबंध
समिति
के
निर्णय
अनुसार
रंग
पंचमी
पर्व
पर
परंपरा
के
सम्यक
निर्वहन
के
लिए
भस्मार्ती
में
एक
लोटा
केसरयुक्त
जल
भगवान
महाकाल
को
अर्पित
किया
गया।
इसके
अतिरिक्त
गर्भगृह,
नंदी
मण्डपम्,
गणेश
मण्डपम्,
कार्तिकेय
मण्डपम्
और
सम्पूर्ण
मंदिर
परिसर
में
किसी
भी
प्रकार
का
रंग-गुलाल
इत्यादि
ले
जाना,
रंग-गुलाल
उड़ाया
जाना,
आपस
में
रंग-गुलाल
लगाना,
किसी
विशेष
उपकरण
का
उपयोग
कर
रंग
के
उड़ाने
पर
पूरी
तरह
प्रतिबंधित
रहा।

सभी
श्रद्धालुओं
को
मंदिर
में
किसी
प्रकार
का
रंग-गुलाल
लेकर
प्रवेश
नहीं
कर
सकें,
इसके
लिए
श्रद्धालुओं
को
जांच
के
बाद
मंदिर
में
प्रवेश
दिया
गया।
समस्त
द्वारों
पर
कार्यरत
निरीक्षक
और
सुरक्षा
कर्मियों
ने
श्रद्धालुओं
के
साथ
विनम्र
और
सौजन्यता
पूर्वक
व्यवहार
बनाए
रखकर,
श्रद्धालुओं
की
जांच
करने
के
उपरांत
ही
मंदिर
में
प्रवेश
दिए
जाने
की
व्यवस्था
की
गई।


पहले
हुई
जांच
फिर
हुआ
मंदिर
में
प्रवेश

श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
के
पुजारी,
पुरोहित,
प्रतिनिधि
और
मंदिर
परिसर
स्थित
अन्य
छोटे-बड़े
मंदिर
के
पुजारी,
सेवक,
अपने
साथ
लाए
जाने
वाले
सामान
की
स्वयं
जांच
कराकर
मंदिर
में
प्रवेश
लिया।
मंदिर
कंट्रोल
रूम
में
तैनात
कर्मचारियों
ने
भी
कैमरो
के
माध्यम
से
समस्त
द्वारों
और
मंदिर
परिक्षेत्र
की
निगरानी
की।
भस्म
आरती
से
पूर्व
प्रशासक
महाकाल
मंदिर
मीना
द्वारा
समस्त
अधिकारियों
कर्मचारियों
को
दिशा
निर्देशों
के
संबंध
में
विस्तार
से
जानकारी
दी
गई
और
उनका
क्रियान्वयन
करने
की
निर्देश
दिए
गए
थे।