डोंगला
अब
एक
नगरी
के
रूप
में
विकसित
हो
रही
है।
यह
उज्जैन
काल
की
नगरी
है
और
प्राचीन
काल
में
समय
गणना
का
प्रमुख
केंद्र
रही
है।
अब
यह
पुनः
काल
गणना
के
केंद्र
के
रूप
में
स्थापित
होने
जा
रही
है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
भारत
के
प्राचीन
ज्ञान-विज्ञान
के
वाहक
योग
के
माध्यम
से
संपूर्ण
विश्व
में
भारतीय
संस्कृति
की
पताका
फहराई
है।
प्रधानमंत्री
मोदी
के
विजन
के
अनुसार
आज
की
दुनिया
युद्ध
की
नहीं,
अहिंसा
और
भगवान
बुद्ध
के
विचारों
की
दुनिया
है।
हमारी
सनातन
संस्कृति
ताकत
के
प्रदर्शन
के
स्थान
पर
शिक्षा
और
विज्ञान
के
माध्यम
से
विश्व
कल्याण
की
बात
करती
है।
हजारों
वर्षों
से
हमारे
ऋषि-मुनियों
ने
ध्यान
के
माध्यम
से
ज्ञान
अर्जित
किया
और
उससे
विश्व
कल्याण
के
कार्य
किए।
ये
बातें
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
डोंगला
स्थित
वराहमिहिर
खगोलीय
वेधशाला
में
विद्यार्थियों
से
चर्चा
के
दौरान
कहीं।
ये
भी
पढ़ें: अमर
उजाला
संवाद
इस
बार
मध्य
प्रदेश
में,
कार्यक्रम
में
शामिल
होने
के
लिए
रजिस्टर
करें
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
कहा
कि
डोंगला
वेधशाला
में
स्थित
शंकु
यंत्र
के
माध्यम
से
सूर्य
के
परिचालन
का
मापन
किया
जा
सकता
है।
भारतीय
ज्ञान
परंपरा
में
छोटे-छोटे
सिद्धांतों
के
माध्यम
से
हमारे
पूर्वजों
ने
विज्ञान
को
जीवनशैली
का
हिस्सा
बना
दिया
था।
वैज्ञानिक
जीवनशैली
ने
ही
हमारी
संस्कृति
को
आज
तक
जीवित
रखा
है।
डोंगला
स्थित
वराहमिहिर
खगोलीय
वेधशाला
को
अंतरराष्ट्रीय
शोध
केंद्र
के
रूप
में
विकसित
करने
के
लिए
मध्यप्रदेश
सरकार,
प्रधानमंत्री
मोदी
के
मार्गदर्शन
में,
पूर्णतः
प्रतिबद्ध
है।
राष्ट्रीय
संगठन
मंत्री,
विज्ञान
भारती,
डॉ.
शिवकुमार
शर्मा
ने
कहा
कि
अंतरराष्ट्रीय
योग
दिवस
के
अवसर
पर
प्राचीन
भारतीय
विज्ञान
से
संबंधित
प्रश्न
अक्सर
सामने
आते
हैं।
हमारे
यहां
नक्षत्रों
के
आधार
पर
समय
का
मापन
किया
जाता
है।
इस
संवाद
के
माध्यम
से
आपको
भारतीय
ज्ञान
परंपरा
का
वाहक
बनने
का
अवसर
मिला
है।
यह
स्थल
प्राचीन
काल
गणना
का
केंद्र
रहा
है,
और
अब
हम
इसे
पुनः
शोध
के
माध्यम
से
सक्रिय
केंद्र
बनाएंगे।
ये
भी
पढ़ें: अमर
उजाला
संवाद
पहली
बार
मध्य
प्रदेश
में,
26
जून
को
भोपाल
में
जुटेंगी
हस्तियां
कार्यक्रम
की
शुरुआत
में
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
को
प्रभारी
मंत्री
गौतम
टेटवाल
और
सांसद
अनिल
फिरोजिया
ने
पौधा
भेंट
किया।
इसके
पश्चात
मुख्यमंत्री
ने
दीप
प्रज्वलन
कर
विद्यार्थियों
से
चर्चा
की।
उन्होंने
शाला
में
प्रवेश
करने
वाले
विद्यार्थियों
को
पाठ्यपुस्तकें
और
बैग
वितरित
किए।
इस
अवसर
पर
प्रभारी
मंत्री
गौतम
टेटवाल,
सांसद
अनिल
फिरोजिया,
अपर
मुख्य
सचिव
संजय
दुबे,
विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी
परिषद
के
महानिदेशक
डॉ.
अनिल
कोठारी,
वैज्ञानिक
गंटी
एस.
मूर्ति,
डॉ.
अरविंद
रानाडे,
जनप्रतिनिधि
राजेश
धाकड़,
बहादुर
सिंह
चौहान,
संभागायुक्त
संजय
गुप्ता,
कलेक्टर
रौशन
कुमार
सिंह,
पुलिस
अधीक्षक
प्रदीप
शर्मा
आदि
उपस्थित
थे।
डोंगला
में
अत्याधुनिक
तारामंडल
का
लोकार्पण
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
डोंगला
में
अत्याधुनिक
आचार्य
वराहमिहिर
तारामंडल
का
लोकार्पण
किया।
इस
आधुनिक
तारामंडल
में
आने
वाले
बच्चों
और
आगंतुकों
को
आधुनिक
खगोल
विज्ञान
से
संबंधित
रहस्यों
की
जानकारी
4K
फिल्म
के
माध्यम
से
दी
जाएगी।
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
बच्चों
के
साथ
बैठकर
सूर्य
विकिरण
और
उसकी
तरंगों
के
अध्ययन
पर
आधारित
फिल्म
भी
देखी।
उल्लेखनीय
है
कि
आचार्य
वराहमिहिर
न्यास
द्वारा
अवादा
फाउंडेशन
के
आर्थिक
सहयोग
और
डीप
स्काई
प्लैनेटेरियम,
कोलकाता
के
तकनीकी
सहयोग
से
ग्राम
डोंगला
में
यह
अत्याधुनिक
डिजिटल
तारामंडल
स्थापित
किया
गया
है।
इस
तारामंडल
में
8
मीटर
व्यास
के
एफ.आर.पी.
डोम
में
ई-विजन
4K
डिजिटल
प्रोजेक्टर
एवं
डिजिटल
साउंड
सिस्टम
लगाया
गया
है।
यह
वातानुकूलित
गोलाकार
तारामंडल
एक
साथ
55
लोगों
को
बैठाकर
रोमांचक
अनुभव
प्रदान
करेगा।
इसकी
कुल
लागत
लगभग
1.6
करोड़
रुपये
है।