
रेत
का
अवैध
खनन
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
उमरिया
जिले
में
जगह-जगह
से
रेत
का
अवैध
उत्खनन
किया
जा
रहा
है,
जिस
जगह
से
उत्खनन
किया
जाता
है
न तो
वहां
कंपनी
को
कोई
खदान
स्वीकृत
है
और
न ही
खदानों
पर
कोई
सीमांकन
और
न ही
कोई
सूचना
बोर्ड
लगा
होता
है। जब
स्थानीय
लोगों
द्वारा
इस
अवैध
उत्खनन
का
विरोध
किया
जाता
है
तो
कंपनी
के
द्वारा
वहां
से
अवैध
खनन
बंद
कर
दिया
जाता
है।
देखा
जाए
तो
कुछ
दिन
पहले
रेता
कंपनी
के
द्वारा
ग्राम
पंचायत
पड़वार
के
सलैया
खदान
से
रेत
का
अवैध
उत्खनन
किया
जा
रहा
था
तथा
रॉयल्टी
उमरिया
जिले
के
बाहर
की
काटी
जा
रही
थी,
जिसका
विरोध
ग्राम
पंचायत
के
सरपंच-उप
सरपंच
सहित
सभी
पंचों
ने
लिखित
की
थी।
बावजूद
उसके
कंपनी
के
गुर्गों
द्वारा
स्थानीय
प्रशासन
एवं
खनिज
विभाग
से
मिलकर
रेत
का
अवैध
उत्खनन
कर
रहे
थे।
लेकिन
हाईकोर्ट
में
रिट
पीटिशन
दायर
होने
के
बाद
हाईकोर्ट
के
जजमेंट
में
उमरिया
जिला
प्रशासन
एवं
खनिज
विभाग
से
संचालित
खदान
का
जांच
प्रतिवेदन
मांगे
जाने
पर
रेता
कंपनी
एवं
स्थानीय
प्रशासन
के
पांव
के
नीचे
से
जैसे
जमीन
खिसक
गई
हो।
20
मई
को
होगा
हाईकोर्ट
में
दायर
पीटिशन
में
सुनवाई
हाईकोर्ट
में
रेता
कंपनी
के
खिलाफ
याचिका
लगाने
वाले
समाज
सेवी
अयोध्या
प्रसाद
प्रजापति
से
जानकारी
लेने
पर
पता
चला
कि
मेरे
द्वारा
हाईकोर्ट
में
रेता
कंपनी
के
अवैध
उत्खनन
के
खिलाफ
जो
याचिका
दायर
की
गई
थी,
उसमें
इसी
महीने
की
20
तारीख
को
माननीय
उच्च
न्यायालय
का
सुनवाई
होना
है,
जब
से
मैं
रेता
कंपनी
के
अवैध
उत्खनन
के
खिलाफ
याचिका
दायर
किया
हूं,
तब
से
मुझे
बाबा
महाकाल
मिनरल्स
कंपनी
के
कर्मचारियों
द्वारा
लगातार
जान
से
मारने
और
देख
लेने
की
धमकी
दी
जा
रही
है।
बताया
गया
कि अभी
भी
हल
फल
नदी
रोज
शाम
को
सात बजे
से
सुबह
सात बजे
तक
बड़ी-
बड़ी
पोकलेन
मशीनों
से
रेत
का
अवैध
उत्खनन
किया
जाता
है,
जिसकी
जानकारी
खनिज
विभाग
को
मेरे
व
ग्रामवासियों
द्वारा
कई
बार
फोन
के
माध्यम
से
दी
गई। आज
तक
रेता
कंपनी
के
ऊपर
कोई
कार्रवाई खनिज
विभाग
द्वारा
नहीं
की
गई।
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विज्ञापन
अब
अमिलिया
सोन
नदी
में
कंपनी
द्वारा
किया
जा
रहा
अवैध
उत्खनन
वहीं,
अब
बाबा
महाकाल
मिनरल्स
प्राइवेट
लिमिटेड
कंपनी
के
द्वारा
अमिलिया
के
सोन
नदी
में
रेत
का
अवैध
उत्खनन
कर
टीपी
ग्राम
रिछाई
तहसील
जबलपुर
के
स्टॉक
की
काटी
जा
रही
है,
जिसकी
लीज
उमरिया
जिले
के
पूर्व
रेता
कम्पनी
आरएसआई
स्टोन
वर्ल्ड
के
नाम
से
है,
जिसका
मालिक
राहुल
शर्मा
है।
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कागज
खुद
दे
रहे
फर्जीवाड़े
का
सबूत,
फिर
भी
खनिज
विभाग
नहीं
कर
रहा
कार्रवाई
बीते
दिनों
गाड़ी
नंबर
MP-18
ZD-2437
अमिलिया
खादान
से
लोड
होती
है,
जिसकी
टीपी
क्रामंक
S2609173428
ग्राम
रिछाई
तहसील
जबलपुर
स्टॉक
आरएसआई स्टोन
वर्ल्ड
की
काट
दी
जाती
है
और
टीपी
में
गाड़ी
का
रूट
मानपुर
बिजौरी
पाली
उमरिया
करकेली
दर्ज
किया
जाता
है।
जबकि
नियम
कहता
है
कि खदान
में
गाड़ी
लोड
होने
के
बाद
रॉयलटी
कटेगी
और
किस
रूट
से
गाड़ी
को
जाना
है,
वह
टीपी
में
मेंशन
किया
जाएगा।
एनजीटी
के
नियमों
की
खुलेआम
हो
रही
है
अनदेखी
मध्यप्रदेश
की
नई
रेत
नीति
के
अनुसार,
नर्मदा
नदी
को
छोड़कर
पांच हेक्टेयर
से
ऊपर
की
खदानों
में
मशीनों
से
खुदाई
तीन मीटर
गहराई
तक
की
जा
सकती
है,
जिसका
खुलकर
मानपुर
की
अमिलिया
खदान
में
अनदेखी
की
जा
रही
है।
नदी
के
धार
को
रोककर
ही
बीच
नदी
से
रास्ता
बनाकर
रेत
का
अवैध
उत्खनन
किया
जा
रहा
है।
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स्वीकृत
रेत
जांच
चौकिया
में
लगा
है
बाहरी
आपराधिक
लोगों
का
जमावड़ा
वहीं,
देखा
जाए
तो
उमरिया
जिले
में
स्वीकृत
जांच
चौकिया
में
बाहरी
आपराधिक
लोगों
का
जमावड़ा
लगा
रहता
है।
यह
लोग
कहां
से
आए
हैं,
इनका
आपराधिक
रिकॉर्ड
क्या
है,
पूरी
रात
रेत
कंपनी
के
कर्मचारी
हथियारों
सहित
आसपास
के
गांव
में
दहशत
फैलाते
घूमते
हैं।
स्थानीय
पुलिस
थाने
पर
कंपनी
में
कार्यरत
कर्मचारियों
की
कोई
भी
जानकारी
नहीं
दी
गई
है,
जिससे
कोई
भी
एरिया में
बड़ी
आपराधिक
घटना
घट
सकती
है।
गुरुलाल
करता
है
टैक्टर
के
टोकनों
का
मैनेजमेंट
कंपनी
के
कर्मचारी
गुरुलाल
सिंह
के
हाथों
में
फ्लाइंग
स्क्वॉयड
की
कमान
है,
जिसमें
सैकड़ों
आपराधिक
प्रवत्ति
के
लड़के
बड़ी-बड़ी
गाड़ियों
में
हथियार
लिए
काली
कलर
की
बाउंसर
लिखी
टी
शर्ट
पहनते
हैं,
जिनके
द्वारा
उमरिया
जिले
के
कई
जगहों
पर
टीपी
के
नाम
से
3,200
रुपये लेकर
टोकन
देकर
ट्रैक्टर
चलवाए
जा
रहे हैं।
वहीं,
इनके
द्वारा
लिए
गए
रुपयों
की
न तो
टीपी
दी
जाती
है
और
न ही
कोई
खनिज
से
संबंधित
वैध
कागज
दिया
जाता
है।
बंदूक
के
दम
पर
पूरे
जिले
में
गुरुलाल
सिंह
के
द्वारा
ट्रैक्टर
के
टोकन
का
खेल
खेला
जा
रहा
है।
साथ
ही
जिस
ट्रैक्टर
मालिक
द्वारा
टोकन
की
जगह
टीपी
की
मांग
की
जाती
है।