
मृतक
नर्स
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
विदिशा
मेडिकल
कॉलेज
के
हॉस्पिटल
में
अर्थोपेटिक
विभाग
में
काम
करने
वाली
नर्स
किरण
रैकवार
गुरुवार सुबह
अपने
हॉस्टल
के
बाथरूम
में
बेहोश
मिली।
काफी
देर
तक
नहीं
निकलने
पर
रूम
मेट
ने
काफी
आवाज
दी,
दरवाजा
खुलवाने
की
कोशिश
की। जब
उसने
दरवाजे
के
नीचे
से
देखा
तो
किरण
बाथरूम
में
बेहोश
पड़ी
थी।
बता
दें
कि
रूम
मेट
ने
आसपास
के
रूम
में
रह
नहीं
नर्स
को बुलाया
और
बाथरूम
का
दरवाजा
तोड़कर
किरण
को
बाहर
निकाला
गया
और
उसे
मेडिकल
कॉलेज
ले
गए। जहां
काफी
कोशिश
की
गई,
आखिर
में
डॉक्टरों
ने
उसे
मृत
घोषित
कर
दिया।
किरण
की
मौत
से
उसके
साथ
काम
करने
वाली
नर्सों
को
सदमा
लग
गया।
उनका
रो-रो
कर
बुरा
हाल
था। कुछ
नर्सों
की
हालत
खराब
होने
पर
उनको
भर्ती
किया
गया।
मेडिकल
कॉलेज
के
डीन
डॉ.
मनीष
निगम
ने
बताया
कि
किरण
बाथरूम
में
बेहोश
मिली
थी।
दरवाजा
तोड़कर
उसे
बाहर
निकाला
गया,
जब
उसे
अस्पताल
लेकर
आए,
तब
उसकी
बीपी
और
पल्स
नहीं
थी।
तत्काल
उसे
वेंटिलेटर
पर
रखा
गया।
डॉक्टर
ने
काफी
कोशिश
की,
लेकिन
उसकी
जान
नहीं
बचाई
जा
सकी। उसका
पोस्टमॉर्टम
किया
जा
रहा
है।
पोस्टमॉर्टम
रिपोर्ट
के
बाद
ही
सही
वजह
सामने
आ
पाएगी।
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बताया
गया
कि
किरण
जबलपुर
की
रहने
वाली
है,
उसके
पिता
ऑटो
चलाते
हैं
और
वह
चार
भाई
बहनों
में
सबसे
बड़ी
थी। उसके
ऊपर
घर
की
जिम्मेदारी
थी।
हाल
ही
में
उसने
अपने
छोटे
भाई
को
लोन
लेकर
एक
लोडिंग
ऑटो
दिलवाया
था।
अपनी
बहन
को
नर्सिंग
की
पढ़ाई
करा
रही
थी। किरण
अपने
काम
के
प्रति
इतनी
गंभीर
थी
कि वह
अपनी
ड्यूटी
समय
से
पहले
ही
अस्पताल
पहुंच
जाती
थी
और
अपने
काम
को
बखूबी
अंजाम
देती
थी। उसके
काम
से
सभी
लोग
खुश
रहते
थे।
सुबह
जब
वह
ड्यूटी
पर
तैयार
हो
रही
थी,
वह
बाथरूम
में
नहाने
गई
थी।
इसी
दौरान
यह
हादसा
हो
गया।
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थाना
कोतवाली
की
एसआई
राठौर
ने
बताया
कि
मेडिकल
कॉलेज
से
सूचना
प्राप्त
हुई
थी
कि एक
किरण
रैकवार
करके
नर्सिंग
स्टाफ
थी,
जो
अपने
बाथरूम
में
उनकी
बॉडी
मिली
थी।
अभी
जाकर
घटनास्थल
का
निरीक्षण
करेंगे।
पोस्टमॉर्टम
के
बाद
जो
भी
तथ्य
आएंगे,
उस
अनुसार
कार्रवाई
करेंगे।