

विशेष
दुकान
से
कॉपी-किताब
व
यूनिफॉर्म
खरीदने
के
लिए
बाध्य
करने
वाले
18
निजी
स्कूलों
के
खिलाफ
एक्शन
–
फोटो
:
Getty
विस्तार
जबलपुर
में
निजी
स्कूल
की
मनमानी
रोकने
के
लिए
जिला
प्रशासन
ने
सख्त
रुख
अपनाया
है।
अभिभावकों
को
विशेष
दुकान
से
कॉपी-किताब
व
यूनिफॉर्म
खरीदने
के
लिए
बाध्य
करने
वाले
18
निजी
स्कूलों
के
खिलाफ
वैधानिक
कार्रवाई
करने
के
निर्देश
कलेक्टर
ने
जारी
किए
हैं।
इसके
अलावा
एक
निजी
स्कूल
द्वारा
फीस
में
22
प्रतिशत
बढ़ोतरी
किए
जाने
पर
भी
कार्रवाई
के
निर्देश
जारी
किए
गए
हैं।
कलेक्टर
दीपक
सक्सेना
से
अभिभावकों
ने
व्हाट्सएप
के
माध्यम
से
शिकायत
की
थी।
शिकायत
में
कहा
गया
था
कि
निजी
स्कूल
प्रबंधन
द्वारा
विशेष
दुकान
से
कॉपी-किताब
तथा
यूनिफॉर्म
व
अन्य
शैक्षणिक
सामग्री
खरीदने
बाध्य
कर
रहा
है।
कलेक्टर
ने
18
निजी
स्कूलों
के
विरुद्ध
मध्यप्रदेश
निजी
विद्यालय
(फीस
तथा
अन्य
संबंधित
विषयों
का
विनियमन)
अधिनियम
2017
की
धारा
6
एवं
9
में
प्रकरण
दर्ज
कर
वैधानिक
कार्रवाई
प्रारंभ
करने
के
निर्देश
जारी
किए
हैं।
कार्रवाई
में
शिकायतों
की
जांच
और
खुली
सुनवाई
में
कलेक्टर
की
अध्यक्षता
में
गठित
जिला
समिति
द्वारा
की
जाएगी।
खुली
सुनवाई
में
अभिभावकों
तथा
अन्य
सभी
संबंधित
पक्षकारों
को
साक्ष्य
एवं
कथन
प्रस्तुत
करने
का
मौका
दिया
जाएगा।
इन
स्कूलों
के
खिलाफ
होगी
कार्रवाई
जिला
प्रशासन
ने
श्री
चैतन्य
टेक्नो
स्कूल,
सेंट
एलायसियस
सीनियर
सेकेंडरी
स्कूल
पोलीपाथर,
स्टम्फील्ड
इंटरनेशनल
स्कूल
विजय
नगर,
रेयान
इंटरनेशनल
स्कूल,
भेड़ाघाट
रोड
स्थित
आर्किड
इंटरनेशनल
स्कूल,
केयर
पब्लिक
स्कूल
नेपियर
टाउन,
विजडम
वैली
स्कूल,
माउंट
लिटेरा
स्कूल,
सेंट
जोसेफ
कॉन्वेंट
स्कूल
सदर,
सेंट
फ्रान्सिस
हाईस्कूल
खमरिया,
क्राइस्ट
चर्च
को-एड
स्कूल
सालीवाड़ा,
जूपिटर
इन्टनेशनल
स्कूल,
आइडियल
स्कूल,
क्राइस्ट
चर्च
डायसियस
स्कूल
घमापुर,
क्षितिज
मॉडल
हाईस्कूल,
नचिकेता
स्कूल,
कमलादेवी
पब्लिक
स्कूल
एवं
लिटिल
हार्ट
स्कूल
भेड़ाघाट
चैराहा
के
खिलाफ
प्रकरण
दर्ज
करने
के
निर्देश
जारी
किए
हैं।
स्टेमफील्ड
स्कूल
ने
बढ़ाई
22
प्रतिशत
फीस
विजय
नगर
स्थित
स्टेमफील्ड
इंटरनेशनल
स्कूल
के
विरुद्ध
22
प्रतिशत
फीस
बढ़ाने
की
शिकायत
जिला
प्रशासन
को
प्राप्त
हुई
थी।
कलेक्टर
सक्सेना
ने
फीस
वृद्धि
मामले
की
जांच
के
निर्देश
दिए
हैं।
शिकायत
सही
पाए
जाने
पर
स्कूल
प्रबंधन
के
विरुद्ध
2
लाख
रुपये
का
अर्थदंड
लगाने
के
साथ-साथ
स्कूल
की
मान्यता
को
निलंबित
अथवा
रद्द
करने
का
निर्णय
भी
लिया
जा
सकता
है।
गौरतलब
है
कि
निजी
स्कूल
द्वारा
मनमानी
फीस
वृद्धि
के
खिलाफ
हाईकोर्ट
में
याचिका
दायर
की
गई
थी।
हाईकोर्ट
ने
शैक्षणिक
सत्र
में
अधिकतम
10
प्रतिशत
फीस
वृद्धि
स्कूल
प्रबंधन
द्वारा
किए
जाने
के
निर्देश
जारी
किए
थे।