
गौतम
टेटवाल
के
विरुद्ध
एडीएम
को
ज्ञापन
सौंपते
हुए
भीम
आर्मी
के
सदस्य।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्यप्रदेश
की
मोहन
यादव
सरकार
में
वर्तमान
में
स्वतंत्र
प्रभार
राज्यमंत्री
गौतम
टेटवाल
की
उनके
जाति
प्रमाण
पत्र
को
लेकर
मुश्किलें
बढ़ती
हुई
नजर
आ
रही
हैं।
जिसका
ताजा
उदाहरण
मंगलवार
को
कलेक्ट्रेट
में
देखने
को
मिला।
यहां
उनकी
जाति
के
विरोध
में
एकत्रित
हुए
भीम
आर्मी
के
कार्यकर्ताओं
ने
जमकर
विरोध
प्रदर्शन
करते
हुए
गौतम
टेटवाल
मुर्दाबाद
के
नारे
भी
लगाए।
साथ
ही
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
के
नाम
ज्ञापन
भी
सौंपा।
इसमें
उल्लेख
किया
गया
कि
गौतम
टेटवाल
वर्ष
2008
में
विधानसभा
क्षेत्र
कमांक
164
सारंगपुर
में
भाजपा
प्रत्याशी
विधायक
निर्वाचित
हुए
थे।
जो
वर्ष
2013
तक
विधायक
रहे
हैं।
उस
समय
इनकी
जाति
प्रमाण-पत्र
अनूसूचित
जाति
मोची
का
लगाया
गया,
जो
वर्ष
2003
में
हस्तलिखित
बना
हुआ
है।
गौतम
टेटवाल
के
पूरे
परिवार
के
सदस्यों
का
एवं
रिश्तेदार-नातेदारों
की
जाति
जिन्गर
है
जोकि,
ओ.बी.सी.
पिछड़ा
वर्ग
में
आती
है
फिर
गौतम
टेटवाल
मोची
कैसे
हुए?
वर्ष
2016
में
गौतम
टेटवाल
के
बेटे
पृथ्वीराज
टेटवाल
और
उपेन्द्र
सिंह
नीरज
छापरी
के
बीच
लड़ाई
हुई
थी।
गौतम
टेटवाल
ने
पुलिस
थाना
सांरगपुर
में
एस.सी.एस.टी.
एक्ट
के
तहत
मामला
दर्ज
कराया
था।
वर्ष
2019
में
जिला
न्यायालय
में
फरियादी
उपेन्द्र
सिंह
नीरज
छापरी
को
जाति
प्रमाण-पत्र
फर्जी
होने
के
कारण
दोष
मुक्त
किया
था।
आर.टी.आई.
सूचना
के
अधिकार
2005
के
अनुसार
ये
ज्ञात
हुआ
है
कि
गौतम
टेटवाल
अन्य
पिछड़ा
वर्ग
के
हैं,
जो
फर्जी
तरिके
से
बनाए
हुए
जाति
प्रमाण
से
अनूसूचित
जाति
के
कोटे
की
आरक्षित
सीट
पर
लाभ
ले
रहे
हैं,
जिसको
लेकर
पूरे
राजगढ़
जिले
के
अनूसूचित
जाति
के
लोगों
में
कड़ा
आक्रोश
देखने
को
मिल
रहा
है।
अतः
निवेदन
है
कि
इस
मामले
पर
तत्काल
संज्ञान
ले
और
जांच
कराएं।
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वर्ष
2008
में
पहली
बार
भारतीय
जनता
पार्टी
के
चुनाव
चिह्न
पर
चुनाव
जीतकर
राजगढ़
जिले
की
अनुसूचित
जाति
के
लिए
आरक्षित
सारंगपुर
विधानसभा
सीट
से
विधायक
बने
और
वर्ष
2023
में
हुए
विधानसभा
चुनाव
में
दोबारा
से
चुनाव
जीतकर
मोहन
सरकार
में
स्वतंत्र
प्रभार
राज्यमंत्री
बने
गौतम
टेटवाल
वर्ष
2024
में
अपनी
जाति
को
लेकर
अनुसूचित
जाति
वर्ग
के
लोगों
के
निशाने
पर
हैं,
जिस
कारण
उनके
खिलाफ
विरोध
प्रदर्शन
भी
देखने
को
मिल
रहा
है।
गौरतलब
है
कि
इसके
पूर्व
में
जिले
की
एक
ग्राम
पंचायत
के
सरपंच
के
द्वारा
मोहन
सरकार
के
स्वतंत्र
प्रभार
राज्यमंत्री
गौतम
टेटवाल
की
जाति
के
विरुद्ध
हाईकोर्ट
में
याचिका
लगाई
गई
है,
जिसके
बाद
से
यह
मामला
राजगढ़
जिले
सहित
प्रदेश
स्तर
पर
चर्चा
का
विषय
बना
हुआ
है
और
अब
उनके
खिलाफ
प्रदर्शन
और
ज्ञापन
जैसा
माहौल
भी
उत्पन्न
हो
रहा
है,
जिससे
कहीं
न
कहीं
टेटवाल
मुसीबात
में
घिरते
हुए
नजर
जरूर
आ
रहे
हैं।