Lucknow: हिंदू अजादारों के घर भी गूंज रहीं या हुसैन… की सदाएं, हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की बने मिसाल

Lucknow: हिंदू अजादारों के घर भी गूंज रहीं या हुसैन… की सदाएं, हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की बने मिसाल
किसी का कोई मर जाए हमारे घर में मातम है, गरज बारह महीने तीस दिन को मुहर्रम है। रिंद लखनवी का ये शेर हमारे लखनऊ पर बिल्कुल सटीक बैठता है। राजधानी में मुसलमानों के अलावा कई हिंदू अजादार भी इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं।