
अपनी
दीदी
के
साथ
एलेक्सा
गर्ल
निकिता
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मनोरंजन
वाले
गैजेट
का
बेमिसाल
इस्तेमाल
कर
मासूम
भांजी
की
जान
बचाकर
निकिता
हर
किसी
की
चहेती
बन
चुकी
है।
अब
उसे
लोग
एलेक्सा
गर्ल
बुलाने
लगे
हैं।
ऑस्ट्रेलिया
तक
से
फोन
पर
उसे
शाबाशी
दी
जा
रही
है।
विभिन्न
भाषाओं
की
प्रिंट
और
इलेक्ट्राॅनिक
मीडिया
में
सुर्खियां
बनी
यह
लड़की
अब
भी
बेखबर
है।
बृहस्पतिवार
शाम
उसके
घर
पहुंचने
पर
वह
बहन
की
बेटी
वामिका
को
गोद
में
लेकर
बंदर
मामा
पहन
पजामा….गाते
मिली।
एलेक्सा
गर्ल
बोलने
पर
मुस्कुराती
हुई
अंदर
चली
गई।
मासूम
निकिता
कहती
है
कि
सब
लोग
पूछते
हैं
कि
आगे
क्या
करोगी
तो
क्या
बताऊं।
बताती
है
कि
उस
दिन
एलेक्सा
वाला
ट्रिक
दिमाग
में
न
आया
होता
तो
जाने
क्या
हो
जाता….।
शहर
के
आवास
विकास
कॉलोनी
में
अपनी
बहन
शिप्रा
के
घर
पर
तीन
अप्रैल
को
हुए
वाकये
के
कुछ
दिन
पहले
से
निकिता
वहीं
पर
है।
चार
अप्रैल
को
अचानक
ऐसा
कुछ
हुआ
कि
निकिता
मानो
स्टार
बन
गई।
उसके
जीजा
पंकज
ओझा
बताते
हैं
कि
निकिता,
निक्की
से
एलेक्सा
गर्ल
बन
गई।
मीडिया
में
आने
के
बाद
इसका
हाव-भाव
बदल
गया
है।
बचपन
से
नटखट
निक्की
उर्फ
निकिता
अब
बड़ी-बड़ी
बातें
करने
लगी
है।
हालांकि,
उसकी
दीदी
शिप्रा
बताती
हैं
कि
निक्की
बचपन
से
हाजिर
जवाब
है।
पढ़ाई
में
औसत
है
और
काॅमर्स
की
पढ़ाई
करना
चाहती
है।
उसके
पिता
धीरेंद्र
पांडेय
ने
बताया
कि
अभी
तो
बेटी
हाईस्कूल
की
परीक्षा
दी
है।
आगे
इसकी
रुचि
के
हिसाब
से
पढ़ाएंगे।
वह
कहते
हैं
कि
बेटी
की
इस
होशियारी
पर
उन्हें
नाज
है।
न
दीदी
के
घर
आई
होती
न
पड़ा
होता
बंदरों
से
पाला
निक्की
बताती
है
कि
यह
सबकुछ
अचानक
होता
चला
गया।
कहती
है
कि
अगर
दीदी
के
घर
न
आई
होती
और
न
बंदरोंं
से
पाला
पड़ता।
उसकी
दीदी
बताती
हैं
कि
घर
में
वाईफाई
लगा
होने
की
वजह
से
एलेक्सा
हमेशा
ऑन
मोड
में
रखा
रहता
है।
जब
भी
किसी
को
कुछ
मंत्र,
भजन,
गीत
या
बच्चों
के
कविताएं-श्लोक
सुनने
का
मन
हुआ
तो
वह
उसे
आवाज
लगा
लिया
करता
है।
बच्चे
अक्सर
जानवरों
की
आवाज
बुलवाकर
खेलते
रहते
थे।
निक्की
ने
उस
दिन
कमाल
कर
दिया।
अमर
उजाला
का
जताया
आभार
निकिता
के
कारनामे
को
दुनिया
के
सामने
लाने
का
श्रेय
परिवार
के
लोग
अमर
उजाला
को
देते
हैं।
वामिका
के
पिता
पंकज
ओझा
कहते
हैं
कि
अमर
उजाला
में
खबर
प्रकाशित
होने
के
दूसरे
दिन
एक
बड़े
टीवी
चैनल
की
टीम
पहुंची
थी।
इसके
बाद
से
निकिता
पूरे
देश
की
मीडिया
की
चहेती
बन
गई।