इटावा हत्याकांड में नया मोड़: पत्नी और तीन बच्चों के कत्ल में अकेले नहीं था मुकेश… प्रेमिका भी हुई गिरफ्तार

इटावा हत्याकांड में नया मोड़:                                    पत्नी और तीन बच्चों के कत्ल में अकेले नहीं था मुकेश… प्रेमिका भी हुई गिरफ्तार
पत्नी,
दो
बेटियों
और
बेटे
की
हत्या
के
मामले
में
पुलिस
ने
हत्यारोपी
मुकेश
वर्मा
की
प्रेमिका
स्वाति
सोनी
को
गिरफ्तार
कर
लिया।
स्वाति
मुकेश
की
पहली
पत्नी
की
रिश्तेदार
है।
वह
बुधवार
को
किसी
अधिवक्ता
से
चोरी
छिपे
मिलने
कोर्ट
पहुंची
थी।
सूचना
मिलने
पर
पुलिस
ने
उसे
गिरफ्तार
कर
लिया।
बता
दें
कि
11
नवंबर
को
मुकेश
ने
पत्नी
रेखा
वर्मा,
बेटी
भव्या,
काव्या
और
बेटे
अभीष्ट
को
नींद
गोलियां
खिलाकर
बेहोश
करने
के
बाद
गला
घोंटकर
हत्या
कर
दी
थी।

जानकारी
के
अनुसार,
मुकेश
ने
स्वाति
को
कानपुर
में
सराफा
की
दुकान
खुलवाई
थी।
मुकेश
का
अधिकतर
समय
भी
स्वाति
के
साथ
ही
गुजरता
था।
मुकेश
के
परिवार
ने
इस
बात
का
विरोध
किया,
तो
उसने
हत्याकांड
को
अंजाम
दिया।


पहले
से
अंदेशा,
हत्या
में
कोई
और
भी
शामिल

पुलिस
को
पड़ताल
में
अपनी
जांच
में
इस
बात
का
पहले
ही
अंदेशा
हो
गया
था
कि
सोमवार
सुबह
हत्या
के
समय
मुकेश
के
साथ
उसके
कमरे
में
कोई
और
व्यक्ति
भी
था।
आरोपी
के
मोबाइल
की
सीडीआर
निकालने
पर
इसका
खुलासा
हुआ
था।
पुलिस
उसकी
तलाश
में
जुटी
हुई
थी।
 

सबको
नींद
की
गोली
खिलाकर
दबाया
गला

कोतवाली
इलाके
के
लालपुरा
निवासी
सराफा
कारोबारी
मुकेश
वर्मा
ने
11
नवंबर
को
पत्नी
रेखा
वर्मा,
बेटी
भव्या,
काव्या
और
बेटे
अभीष्ट
को
नींद
गोलियां
खिलाकर
पहले
अधमरा
किया
था।
इसके
बाद
लगभग
चार
से
पांच
बजे
के
बीच
गला
घोंटकर
हत्या
कर
दी
थी।
वारदात
को
अंजाम
देने
के
बाद
आरोपी
मुकेश
नौ
बजे
के
बाद
घर
से
निकल
गया
था
और
दिनभर
शहर
में
घूमने
के
बाद
लगभग
08:20
पर
पत्नी
के
फोन
पर
स्टेट्स
पर
लिखकर
ये
सब
खत्म…
अपडेट
कर
दिया
था। 

सुसाइड
नोट
सीओ
के
व्हाट्सएप
पर
भेजा

इसके
बाद
यह
संदेश
और
एक
सुसाइड
नोट
लिखकर
सीओ
सिटी
को
व्हाट्सएप
पर
भेजकर
मुकेश
रेलवे
स्टेशन
चला
गया
था।
यहां
मरुधर
एक्सप्रेस
के
इंजन
के
नीचे
लेटकर
जान
देने
का
ढोंग
किया
था।
इस
दौरान
जीआरपी
और
आरपीएफ
ने
आत्महत्या
के
प्रयास
में
उसे
पकड़
लिया
था।
करीब
15
से
16
घंटे
शव
पड़े
होने
के
बाद
आरोपी
ने
पुलिस
को
शव
घर
में
पड़े
होने
की
जानकारी
दी
थी।

ट्रायल
बैरक
में
रखा
गया
है
मुकेश

सैफई
क्षेत्र
के
महोला
गांव
में
बने
केंद्रीय
कारागार
की
100
ट्रायल
बैरक
में
आरोपी
मुकेश
को
रखा
गया
है।
जेल
में
आने
में
नए
बंदियों
को
इसी
बैरक
में
रखकर
लगभग
10
दिन
तक
पूरी
निगरानी
में
रखा
जाता
है।
इस
बीच
उसकी
बीमारी,
उसके
व्यवहार
संबंधी
जांचों
आदि
को
परखा
जाता
है।
इसके
आधार
पर
ही
सामान्य
बैरक
में
रखा
जाता
है।
बाद
ही
जेल
सूत्रों
के
अनुसार,
आरोपी
इस
निगरानी
के
बीच
बहुत
ही
शातिर
अपराधी
के
रूप
में
प्रतीत
हो
रहा
है।
वह
सिर्फ
डिप्रेशन
में
होने
का
ढोंग
कर
रहा
है।