
हादसे
से
पहले
ली
गई
सेल्फी
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
कासगंज
झाल
के
पुल
के
पिकनिक
प्वाइंट
हजारा
नहर
पर
जैसे
ही
हादसे
के
शिकार
किशोरों
के
परिजन
पहुंचे
तो
एकदम
चीत्कार
का
आलम
बन
गया।
ईद
पर्व
की
खुशियां
मातम
में
बदलती
हुईं
नजर
आईं।
सभी
के
घरों
में
ईद
की
खुशियां
मनाई
जा
रहीं
थीं,
लेकिन
नहर
में
डूबने
के
हादसे
ने
परिजनों
को
झकझोर
कर
रख
दिया।
उनके
मुंह
से
आह
व
चीत्कार
ही
निकल
रही
थी।
मंजर
ऐसा
था
कि
मौके
पर
पहुुंचे
लोग
भी
गमगीन
हो
गए।
घटना
की
सूचना
के
बाद
करीब
3:20
बजे
एटा
के
नगला
पोता
गांव
से
परिवार
के
लोग
आए।
डूबकर
लापता
हुए
आसिफ
की
मां
शबीना
बेगम
व
भाई
शान
मोहम्मद
मौके
पर
पहुंचा।
वह
बुरी
तरह
से
चीत्कार
करने
लगा।
उसने
बताया
कि
नमाज
के
बाद
आशिफ
अपने
दोस्तों
के
साथ
निकल
आया।
घर
पर
भी
इस
बात
की
जानकारी
नहीं
थी।
वह
सिलाई
का
कार्य
करता
था।
भाई
बार-बार
आसिफ
को
कलेजे
का
टुकड़ा
कहकर
पुकार
रहा
था।
वहीं
किशोर
सलमान
की
मां
नसरीन
भी
रो-रोकर
बेसुध
हो
रही
थी।
उसके
साथ
परिवार
की
अन्य
महिलाएं
भी
थीं।
परिवार
की
महिलाएं
नसरीन
को
पानी
पिलाकर
ढांढस
बंधा
रहीं
थीं।
नसरीन
ने
बताया
कि
सलमान
ने
नहर
की
बात
नहीं
बताई
थी।
वह
घर
पर
बोला
था
कि
स्विमिंग
पुल
पर
नहाने
जा
रहा
है।
नहर
में
डूबे
जाहिद
के
पिता
मेहंदी
हसन,
चाचा
मुन्ने
भी
जाहिद
के
डूबने
से
बेहद
परेशान
थे।
उनका
रो-रोकर
बुरा
हाल
था।
चाचा
अपना
सब्र
खोकर
बेसुध
हो
रहे
थे।
इसी
तरह
से
अन्य
सभी
किशोरों
के
परिजनों
का
हाल
था।
जैसे
ही
जिसको
सूचना
मिल
रही
थी
वैसे
वैसे
वह
घटनास्थल
पर
पहुंचते
जा
रहे
थे।
चीत्कार
का
आलम
बना
हुआ
था।
350
रुपये
में
ई-रिक्शा
में
बैठकर
आए
थे
किशोर
गांव
से
ही
किशोरों
ने
ई-रिक्शा
किराए
पर
तय
कर
लिया
था।
350
रुपये
में
फहीम
से
किराया
तय
करके
ई-रिक्शा
लाए
थे।
हादसे
में
डूबा
युवक
जाहिद
खुद
ई-रिक्शा
को
चलाकर
लाया
था।
हादसे
में
बचे
युवक
सोहेल
ने
इस
बात
की
जानकारी
दी।