
कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी।
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सपा
से
गठबंधन
कर
लोकसभा
के
रण
में
उतरी
कांग्रेस
के
सामने
अबकी
पुराना
प्रदर्शन
दोहराने
की
चुनौती
है।
सीतापुर
संसदीय
सीट
पर
अब
तक
सबसे
अधिक
छह
बार
कांग्रेस
का
कब्जा
रहा
है।
90
के
दशक
में
कांग्रेस
का
मजबूत
किला
ढह
गया
था।
इसके
बाद
से
कांग्रेस
सियासी
वनवास
झेल
रही
है।
सपा
से
गठबंधन
के
बाद
सीतापुर
लोकसभा
सीट
कांग्रेस
के
हिस्से
में
आई
है।
कांग्रेस
ने
यहां
पूर्व
विधायक
राकेश
राठौर
पर
दांव
लगाया
है।
गठबंधन
के
चलते
कांग्रेस
को
समाजवादी
पार्टी
के
परंपरागत
वोटबैंक
यादव
और
मुस्लिम
अपनी
झोली
में
गिरने
की
उम्मीद
है।
अगर
ऐसा
हुआ
तो
निश्चित
तौर
पर
गठबंधन
प्रत्याशी
को
बड़ा
फायदा
मिल
सकता
है।
अच्छी
‘केमेस्ट्री’
होने
का
दिया
संदेश
सीतापुर
संसदीय
सीट
से
गठबंधन
प्रत्याशी
के
तौर
पर
पूर्व
विधायक
राकेश
राठौर
मैदान
में
हैं।
उम्मीदवार
के
नाम
का
ऐलान
किए
जाने
के
बाद
सपा
और
कांग्रेस
के
नेताओं
ने
सात
अप्रैल
को
संयुक्त
रूप
से
बैठक
कर
चुनाव
पर
मंथन
किया।
इस
बैठक
के
जरिए
दोनों
दलों
ने
अपने
बीच
अच्छी
‘केमेस्ट्री’
होने
का
संदेश
दिया
है।
इस
दौरान
सीतापुर
लोकसभा
क्षेत्र
से
कांग्रेस
प्रत्याशी
राकेश
राठौर,
जिलाध्यक्ष
उत्कर्ष
अवस्थी,
पूर्व
विधायक
हरीश
बाजपेई
के
अलावा
सपा
जिलाध्यक्ष
छत्रपाल
यादव,
एमएलसी
जासमीर
अंसारी,
विधायक
अनिल
वर्मा,
पूर्व
विधायक
अनूप
गुप्ता
आदि
एक
दूसरे
से
गर्मजोशी
से
मिले।
एक
दूसरे
की
तारीफ
करने
में
भी
पीछे
नहीं
रहे।
गठबंधन
से
मुख्य
मुकाबले
में
आई
कांग्रेस
सियासी
जानकारों
का
मानना
है
कि
कांग्रेस
अकेले
चुनाव
लड़ती
तो
मुख्य
मुकाबले
में
होना
मुश्किल
था।
सपा
से
गठबंधन
के
बाद
चुनावी
सीन
में
बदलाव
नजर
आया
है।
बसपा
की
चाल
के
बाद
मुकाबला
भले
त्रिकोणीय
हो
जाए
पर
कांग्रेस
मुख्य
मुकाबले
में
रहेगी।
गठबंधन
के
बाद
अच्छे
प्रदर्शन
से
कांग्रेस
को
संजीवनी
मिलने
की
भरपूर
उम्मीद
है।
…तो
चुनौतियां
भी
कम
नहीं
कांग्रेस
के
लिए
सबसे
बड़ी
चुनौती
अपने
नेताओं
और
कार्यकर्ताओं
के
साथ
सपा
खेमे
से
तालमेल
बनाए
रखने
की
होगी।
अगर
निचले
स्तर
पर
दोनों
दलों
के
नेताओं
व
कार्यकर्ताओं
में
बेहतर
केमेस्ट्री
न
बन
सकी
तो
कुछ
खास
फायदा
नहीं
होगा।
कांग्रेस
जिलाध्यक्ष
उत्कर्ष
अवस्थी
का
कहना
है
कि
कांग्रेस
अपने
घोषणा
के
आधार
पर
आगे
बढ़ेगी।
किसानों,
नौजवानों,
महिलाओं,
युवाओं,
शोषितों,
वंचितों
के
साथ
मिलकर
चुनाव
लड़ेगी।
हमें
उस
वर्ग
का
समर्थन
भी
मिल
रहा
है
जो
परंपरागत
वोटबैंक
नहीं
गिना
जाता।
सपा
जिलाध्यक्ष
छत्रपाल
यादव
ने
कहा
कि
सीतापुर
संसदीय
सीट
पर
गठबंधन
के
चलते
पूरी
ऊर्जा
के
साथ
कांग्रेस
प्रत्याशी
का
समर्थन
किया
जा
रहा
है।
इस
बार
कोई
कसर
नहीं
रहेगी।
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
भी
सीतापुर
में
सभा
करने
आ
सकते
हैं।