यूपी
सिपाही
भर्ती
पेपर
लीक।
–
फोटो
:
अमर
उजाला।
विस्तार
सिपाही
भर्ती
और
उप्र
लोक
सेवा
आयोग
की
आरओ/एआरओ
परीक्षा
का
पेपर
लीक
करने
वाले
गिरोह
के
सदस्य
रवि
अत्री
और
सुभाष
प्रकाश
ने
प्रवर्तन
निदेशालय
(ईडी)
के
सामने
कई
राज
उगले
हैं।
आरोपियों
ने
कुबूला
है
कि
उन्होंने
पेपर
लीक
कराने
के
बदले
अभ्यर्थियों
से
मिली
रकम
को
अपने
बैंक
खातों
में
जमा
कराया
था।
बाद
में
मुख्य
आरोपी
राजीव
नयन
मिश्रा
के
इशारे
पर
इसे
गिरोह
के
बाकी
सदस्यों
के
खातों
में
भेजा
गया।
उन्होंने
सिपाही
भर्ती
परीक्षा
कराने
वाली
गुजरात
की
एजुटेक
कंपनी
और
प्रश्नपत्रों
का
परिवहन
करने
वाली
टीसीआई
कंपनी
के
संचालकों
की
पेपर
लीक
में
कोई
भूमिका
की
जानकारी
से
इनकार
किया
है।
विज्ञापन
आरोपियों
ने
बताया
कि
बिहार
का
डॉ.
शुभम
मंडल
5
लाख
रुपये
मिलने
पर
ही
सिपाही
भर्ती
परीक्षा
का
पेपर
का
बॉक्स
अहमदाबाद
आकर
खोलने
पर
राजी
हुआ
था।
उसके
दो
बार
अहमदाबाद
से
आने-जाने
का
हवाई
जहाज
का
टिकट
भी
उन्होंने
ऑनलाइन
कराया
था।
इसी
तरह
टीसीआई
कंपनी
के
कर्मचारियों
ने
भी
उनसे
बैंक
खाते
में
रकम
ट्रांसफर
कराई
थी।
वहीं,
आरओ/एआरओ
परीक्षा
का
पेपर
आउट
कराने
के
लिए
प्रिंटिंग
प्रेस
में
काम
करने
वाले
इंजीनियर
ने
लाखों
रुपये
लिए
थे।
विज्ञापन
कंपनियों
की
भूमिका
की
जांच
जारी
ईडी
के
अधिकारी
गुजरात
की
एजुटेक
और
टीसीआई
कंपनी
की
भूमिका
की
भी
जांच
कर
रहे
हैं।
हालांकि,
अब
तक
उनका
आरोपियों
से
कोई
संपर्क
होने
के
पुख्ता
सुराग
हाथ
नहीं
लगा
है।
एजुटेक
कंपनी
द्वारा
पूर्व
में
हुईं
परीक्षाओं
की
भी
जानकारी
जुटाई
जा
रही
है।