FY-2025 में 7% रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ: एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपने अनुमान को 0.3% बढ़ाया, इन्वेस्टमेंट और डिमांड में बढ़ोतरी इसका कारण

FY-2025 में 7% रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ: एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपने अनुमान को 0.3% बढ़ाया, इन्वेस्टमेंट और डिमांड में बढ़ोतरी इसका कारण


नई
दिल्ली
27
मिनट
पहले

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एशियन
डेवलपमेंट
बैंक
(ADB)
ने
मौजूदा
वित्त
वर्ष
(2024-25)
के
लिए
भारत
के
GDP
ग्रोथ
का
अनुमान
0.3%
बढ़ाकर
7%
कर
दिया
है।
ADB
ने
इससे
पहले
अपना
अनुमान
6.7%
रखा
था।
ADB
को
पब्लिक
और
प्राइवेट
सेक्टर
में
निवेश
के
साथ
कंज्यूमर
डिमांड
में
बढ़ोतरी
की
उम्मीद
है,
जिसके
चलते
उसने
ग्रोथ
प्रोजेक्शन
को
बढ़ाया
है।



एशियन
डेवलपमेंट
बैंक
ने
इसलिए
बढ़ाया
अपना
अनुमान…

  • मैन्यूफैक्चरिंग
    और
    सर्विस
    सेक्टर
    में
    तेज
    और
    मजबूत
    ग्रोथ
    हुई
    है।
  • कंज्यूमर
    डिमांड
    में
    सुधार
    के
    चलते
    ओवरऑल
    ग्रोथ
    में
    सुधार
    हुआ
    है।
  • इन्फ्लेशन
    में
    कमी
    के
    चलते
    मॉनेटरी
    पॉलिसी
    में
    सुधार
    की
    उम्मीद
    है।


वर्ल्ड
बैंक
ने
कहा-
FY-2025
में
6.6%
से
बढ़ेगी
इंडियन
इकोनॉमी

हाल
ही
में
वर्ल्ड
बैंक
ने
FY25
के
लिए
GDP
अनुमान
0.2%
बढ़ाकर
6.6%
कर
दिया
है।
वहीं,
वर्ल्ड
बैंक
ने
FY24
के
लिए
भारत
का
GDP
अनुमान
1.2%
बढ़ाकर
7.5%
कर
दिया
है।
वर्ल्ड
बैंक
को
सर्विस
और
इंडस्ट्रियल
सेक्टर
में
तेजी
की
उम्मीद
है
जिस
कारण
उसने
अनुमान
बढ़ाया
है।


RBI
को
FY25
में
7%
GDP
ग्रोथ
की
उम्मीद

रिजर्व
बैंक
ने
2
महीने
पहले
फरवरी
में
मॉनेटरी
पॉलिसी
कमेटी
की
मीटिंग
के
बाद
GDP
और
महंगाई
का
अनुमान
जारी
किया
था।

  • FY25
    में
    रियल
    GDP
    ग्रोथ
    अनुमान
    को
    6.70%
    से
    बढ़ाकर
    7%
    कर
    दिया
    था।
  • FY25
    के
    लिए
    RBI
    ने
    रिटेल
    महंगाई
    का
    अनुमान
    4.50%
    दिया
    था।


GDP
क्या
है?

GDP
इकोनॉमी
की
हेल्थ
को
ट्रैक
करने
के
लिए
उपयोग
किए
जाने
वाले
सबसे
कॉमन
इंडिकेटर्स
में
से
एक
है।
GDP
देश
के
भीतर
एक
स्पेसिफिक
टाइम
पीरियड
में
प्रोड्यूस
सभी
गुड्स
और
सर्विस
की
वैल्यू
को
रिप्रजेंट
करती
है।
इसमें
देश
की
सीमा
के
अंदर
रहकर
जो
विदेशी
कंपनियां
प्रोडक्शन
करती
हैं
उन्हें
भी
शामिल
किया
जाता
है।


दो
तरह
की
होती
है
GDP

GDP
दो
तरह
की
होती
है।
रियल
GDP
और
नॉमिनल
GDP।
रियल
GDP
में
गुड्स
और
सर्विस
की
वैल्यू
का
कैलकुलेशन
बेस
ईयर
की
वैल्यू
या
स्टेबल
प्राइस
पर
किया
जाता
है।
फिलहाल
GDP
को
कैलकुलेट
करने
के
लिए
बेस
ईयर
2011-12
है।
वहीं
नॉमिनल
GDP
का
कैलकुलेशन
करंट
प्राइस
पर
किया
जाता
है।


कैसे
कैलकुलेट
की
जाती
है
GDP?

GDP
को
कैलकुलेट
करने
के
लिए
एक
फॉर्मूले
का
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
GDP=C+G+I+NX,
यहां
C
का
मतलब
है
प्राइवेट
कंजम्प्शन,
G
का
मतलब
गवर्नमेंट
स्पेंडिंग,
I
का
मतलब
इन्वेस्टमेंट
और
NX
का
मतलब
नेट
एक्सपोर्ट
है।


GDP
की
घट-बढ़
के
लिए
जिम्मेदार
कौन
है?

GDP
को
घटाने
या
बढ़ाने
के
लिए
चार
इम्पॉर्टेंट
इंजन
होते
हैं।
पहला
है,
आप
और
हम।
आप
जितना
खर्च
करते
हैं,
वो
हमारी
इकोनॉमी
में
योगदान
देता
है।
दूसरा
है,
प्राइवेट
सेक्टर
की
बिजनेस
ग्रोथ।
ये
GDP
में
32%
योगदान
देती
है।
तीसरा
है,
सरकारी
खर्च।

इसका
मतलब
है
गुड्स
और
सर्विसेस
प्रोड्यूस
करने
में
सरकार
कितना
खर्च
कर
रही
है।
इसका
GDP
में
11%
योगदान
है।
और
चौथा
है,
नेट
डिमांड।
इसके
लिए
भारत
के
कुल
एक्सपोर्ट
को
कुल
इम्पोर्ट
से
घटाया
जाता
है,
क्योंकि
भारत
में
एक्सपोर्ट
के
मुकाबले
इम्पोर्ट
ज्यादा
है,
इसलिए
इसका
इम्पैक्ट
GPD
पर
निगेटिव
ही
पड़ता
है।


खबरें
और
भी
हैं…