
इंफाल3
घंटे
पहलेलेखक:
याकूत
अली
-
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‘मणिपुर
में
हिंसा
और
लड़ाई
को
एक
साल
होने
वाला
है।
सरकार
अब
तक
इसे
नहीं
रोक
पाई।
हम
लोग
डरकर
जीते
हैं।
परिवार
को
साथ
नहीं
रख
पा
रहे।
बच्चों
की
पढ़ाई
रुक
गई
है।
बिजनेस
ठप
है।
कमाई
की
बात
तो
क्या
करूं।
हम
लोग
10
साल
पीछे
चले
गए
हैं।
हर
हाल
में
जी
लेंगे,
बस
सरकार
शांति
करवा
दे।’
मणिपुर
के
आखिरी
गांव
मोरे
में
रहने
वाले
केशव
तमिल
कम्युनिटी
से
हैं।
म्यांमार
बॉर्डर
से
सटा
मोरे
गांव
कभी
टूरिस्ट
से
भरा
रहता
था,
अब
सिर्फ
सन्नाटा
है।
जले
घर
हैं
और
हर
तरफ
हिंसा
के
निशान।
ये
हिंसा
मैतेई
और
कुकी
के
बीच
3
मई
2023,
यानी
11
महीने
से
चल
रही
है।
मैतेई
इंफाल
में
रहते
हैं
और
हिल
एरिया
कुकी
का
घर
है।
दोनों
कम्युनिटी
के
बीच
सेना
के
जवान
हैं,
ताकि
दंगे
न
हों।
इन
11
महीनों
में
मणिपुर
में
मर्डर,
रेप,
गैंगरेप
की
सैकड़ों