12
घंटे
पहलेलेखक:
अनुराग
आनंद
-
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लिंक
1
दिसंबर
1989
का
दिन…
संसद
भवन
के
सेंट्रल
हॉल
में
जनता
दल
की
बैठक
चल
रही
थी।
मंच
पर
बैठे
मधु
दंडवते
संसदीय
दल
के
नेता
का
चुनाव
करवा
रहे
थे।
बैठक
में
मौजूद
यशवंत
सिन्हा
अपनी
किताब
‘रेलेंटलेस’
में
लिखते
हैं
कि
मधु
दंडवते
ने
वीपी
सिंह
से
प्रस्ताव
रखने
के
लिए
कहा।
राजीव
सरकार
के
खिलाफ
जनता
दल
को
जीत
दिलाने
में
वीपी
सिंह
की
बड़ी
भूमिका
थी।
वे
खुद
प्रधानमंत्री
पद
के
दावेदार
थे,
लेकिन
उन्होंने
चौधरी
देवीलाल
के
नाम
का
प्रस्ताव
किया।
चंद्रशेखर
ने
फौरन
इसका
समर्थन
कर
दिया।
दंडवते
ने
देवीलाल
को
संसदीय
दल
का
नेता
घोषित
कर
दिया।
इससे
पूरे
सेंट्रल
हॉल
में
सन्नाटा
पसर
गया।
हॉल
के
बाहर
कान
लगाए
खड़े
पत्रकारों
तक
ये
खबर
पहुंची
और