मानसून निकोबार पहुंचा, 31 मई को केरल आएगा: मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून, राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक एंट्री

मानसून निकोबार पहुंचा, 31 मई को केरल आएगा: मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून, राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक एंट्री


नई
दिल्ली
6
मिनट
पहले

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केरल के तिरुवनंतपुरम में 18 मई की रात तेज बारिश हुई। जिसके चलते रविवार सुबह कई इलाकों में पानी भर गया। हालांकि ये प्री-मानूसन बारिश है। - Dainik Bhaskar


केरल
के
तिरुवनंतपुरम
में
18
मई
की
रात
तेज
बारिश
हुई।
जिसके
चलते
रविवार
सुबह
कई
इलाकों
में
पानी
भर
गया।
हालांकि
ये
प्री-मानूसन
बारिश
है।

भारतीय
मौसम
विभाग
(IMD)
के
मुताबिक,
मानसून
अंडमान-निकोबार
पहुंच
गया
है।
31
मई
तक
यह
केरल
पहुंच
जाएगा।
पिछले
साल
भी
मानसून
ने
अंडमान-निकोबार
द्वीप
समूह
में
19
मई
को
ही
दस्तक
दी
थी,
लेकिन
केरल
में
9
दिन
देरी
से
8
जून
को
पहुंचा
था।

इस
साल
मानसून
सामान्य
तारीख
से
पहले
ही
केरल
दस्तक
दे
सकता
है।
वैसे
केरल
में
मानसून
आने
की
सामान्य
तारीख
1
जून
है।
घोषित
तारीख
में
4
दिन
कम
या
ज्यादा
होने
की
गुंजाइश
रखी
गई
है।
यानी
मानसून
28
मई
से
3
जून
के
बीच
कभी
भी

सकता
है।

IMD
के
अनुसार,
मानसून
के
मध्य
प्रदेश
में
16
से
21
जून
और
राजस्थान
में
25
जून
से
6
जुलाई
तक
पहुंचने
के
आसार
हैं।
वहीं
यूपी
में
18
से
25
जून
और
बिहार-झारखंड
में
18
जून
तक
पहुंच
जाएगा।


1972
में
सबसे
देरी
से
18
जून
को
केरल
आया
था

IMD
के
आंकड़ों
के
मुताबिक,
बीते
150
साल
में
मानसून
के
केरल
पहुंचने
की
तारीखें
काफी
अलग
रही
हैं।
1918
में
मानसून
सबसे
पहले
11
मई
को
केरल
पहुंच
गया
था,
जबकि
1972
में
सबसे
देरी
से
18
जून
को
केरल
पहुंचा
था।
बीते
चार
साल
की
बात
करें
तो
2020
में
मानसून
1
जून
को,
2021
में
3
जून
को,
2022
में
29
मई
को
और
2023
में
8
जून
को
केरल
पहुंचा
था।


इस
बार
ला
नीना
से
अच्छी
बारिश
का
अनुमान

क्लाइमेट
(जलवायु)
के
दो
पैटर्न
होते
हैं,
अल
नीनो
और
ला
नीना।
पिछले
साल
अल-नीनो
सक्रिय
था,
जबकि
इस
बार
अल-नीनो
परिस्थितियां
इसी
हफ्ते
खत्म
हुई
हैं
और
संभावना
बन
रही
है
कि
तीन
से
पांच
हफ्तों
में
ला-नीना
परिस्थितियां
पैदा
हो
जाएंगी।
पिछले
साल
अल-नीनो
के
समय
सामान्य
से
कम
94%
बारिश
हुई
थी।
2020
से
2022
के
दौरान
ला-नीना
ट्रिपल
डिप
के
दौरान
109%,
99%

106%
बारिश
हुई
थी।


ला
नीना
और
अल
नीनो
क्या
होते
हैं


अल
नीनो:

इसमें
समुद्र
का
तापमान
3
से
4
डिग्री
बढ़
जाता
है।
इसका
प्रभाव
10
साल
में
दो
बार
होता
है।
इसके
प्रभाव
से
ज्यादा
बारिश
वाले
क्षेत्र
में
कम
और
कम
बारिश
वाले
क्षेत्र
में
ज्यादा
बारिश
होती
है।


ला
नीना:

इसमें
समुद्र
का
पानी
तेजी
से
ठंडा
होता
है।
इसका
दुनियाभर
के
मौसम
पर
असर
पड़ता
है।
आसमान
में
बादल
छाते
हैं
और
अच्छी
बारिश
होती
है।


IMD
का
अनुमान-
इस
साल
106%
यानी
87
सेंटीमीटर
बारिश
हो
सकती
है

पिछले
महीने
IMD
ने
बताया
था
कि
देश
में
इस
साल
सामान्य
से
बेहतर
मानसून
रहेगा।
मौसम
विभाग
(IMD)
104
से
110
फीसदी
के
बीच
बारिश
को
सामान्य
से
बेहतर
मानता
है।
यह
फसलों
के
लिए
अच्छा
संकेत
है।
खरीफ
की
फसलें
सामान्य
मानसूनी
बारिश
पर
निर्भर
करती
हैं।

IMD
ने
बताया
कि
2024
में
106%
यानी
87
सेंटीमीटर
बारिश
हो
सकती
है।
4
महीने
के
मानसून
सीजन
के
लिए
लॉन्ग
पीरियड
एवरेज
(LPA)
868.6
मिलीमीटर
यानी
86.86
सेंटीमीटर
होता
है।
यानी
मानसून
सीजन
में
कुल
इतनी
बारिश
होनी
चाहिए।


पूरी
खबर
यहां
पढ़ें…


स्काईमेट
का
अनुमान-
इस
साल
सामान्य
मानसून;
राजस्थान-MP
समेत
23
राज्यों
में
अच्छी
बारिश
होगी

वेदर
एजेंसी
स्काईमेट
ने
मंगलवार
9
अप्रैल
को
बताया
कि
इस
बार
मानसून
सामान्य
रहेगा।
यानी
जून
से
सितंबर
तक
4
महीने
में
औसत
या
सामान्य
बारिश
होगी।
मौसम
विभाग
(IMD)
96
से
104
फीसदी
के
बीच
बारिश
को
औसत
या
सामान्य
मानता
है।
यह
फसलों
के
लिए
अच्छा
संकेत
है।


पूरी
खबर
पढ़ें…


अब
मौजूदा
मौसम
का
हाल:
पंजाब-हरियाणा
समेत
4
राज्यों
में
हीटवेव
का
रेड
अलर्ट:
दिल्ली-राजस्थान
में
तापमान
46
डिग्री
के
पार

देश
के
कई
राज्य
इस
वक्त
तेज
गर्मी
की
चपेट
में
हैं।भारतीय
मौसम
विज्ञान
विभाग
(IMD)
ने
दिल्ली,
पंजाब,
हरियाणा
और
राजस्थान
में
आज
हीटवेव
का
रेड
अलर्ट
जारी
किया
है।
उत्तर
प्रदेश
और
बिहार
में
आज
हीटवेव
का
ऑरेंज
अलर्ट
है।

इसके
अलावा
उत्तराखंड,
गुजरात,
मध्यप्रदेश,
पश्चिम
बंगाल
और
झारखंड
में
भी
आज
लू
चलने
की
संभावना
है।
IMD
के
मुताबिक,
इन
राज्यों
में
5
दिनों
तक
तेज
गर्मी
पड़ेगी।
वहीं,
दिल्ली,
हरियाणा,
पंजाब,
राजस्थान
में
हीटवेव
का
असर
23
मई
तक
रहेगा।


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खबर
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