
साल
1998,
एक
फिल्म
रिलीज
हुई
फायर।
विरोध
में
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
यानी
RSS
के
कार्यकर्ता
सड़कों
पर
उतर
आए।
उनका
कहना
था
कि
फिल्म
में
समलैंगिकता
की
तारीफ
की
गई
है।
.
18
साल
बाद
यानी,
2016
में
RSS
के
मौजूदा
सरकार्यवाह
दत्तात्रेय
होसबोले
ने
कहा
कि
समलैंगिकों
को
सजा
देना
ठीक
नहीं
है।
तब
समलैंगिकता
अपराध
था
और
इसके
लिए
10
साल
की
सजा
थी।
2023
में
एक
बार
फिर
से
संघ
की
तरफ
से
समलैंगिकता
पर
बयान
आया।
होसबोले
ने
कहा
कि
सेम
सेक्स
के
लोग
साथ
भले
रह
सकते
हैं,
लेकिन
शादी
तो
पुरुष
और
स्त्री
के
बीच
ही
हो
सकती
है।
दरअसल
संघ
की
सोच
में
बदलाव
का
यह
पहला
मामला
नहीं
है।
आरक्षण,
हिंदू-मुस्लिम,
महिला,
धर्मांतरण,
मंदिर
आंदोलन
जैसे
मुद्दों
पर
संघ
के
नेताओं
के
बयान
बदलते
रहे
हैं।
आज
RSS
सीरीज
के
आखिरी
एपिसोड
में
वक्त
के
साथ
संघ
में
बदलाव
और
उसके
फ्यूचर
प्लान
की
कहानी…










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