स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: ईश्वर कई रूपों में क्यों दिखाई देता है?

स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: ईश्वर कई रूपों में क्यों दिखाई देता है?


हरिद्वार
2
मिनट
पहले

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स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: ईश्वर कई रूपों में क्यों दिखाई देता है?

बीज
से
वृक्ष
बनता
है
और
फूल-पत्ते,
फल,
छाल,
छाया,
सुगंध,
ये
सभी
चीजें
बीज
का
ही
विस्तार
स्वरूप
हैं।
ठीक
इसी
तरह
ईश्वर
बीज
है
और
ये
पूरा
विश्व
ईश्वर
का
विस्तार
स्वरूप
है।
मिट्टी
एक
ही
होती
है,
लेकिन
उसके
कई
साकार
रूप
हैं।
मिट्टी
घड़े,
सुराही
और
दीपक
के
अलग-अलग
रूप
में
दिखाई
देती
है।
हम
अलग-अलग
पंथ,
संप्रदाय,
वर्ग,
अनेक
देशों
में
अलग-अलग
दिखाई
देते
हैं।
हम
सभी
भिन्न-भिन्न
हैं,
हमारे
रूप
अनेक
हैं।
इसी
तरह
ईश्वर
भी
एक
से
अनेक
होकर
अलग-अलग
साकार
रूपों
में
दिखाई
देता
है।

आज
जूनापीठाधीश्वर
आचार्य
महामंडलेश्वर
स्वामी
अवधेशानंद
जी
गिरि
के
जीवन
सूत्र
में
जानिए
ईश्वर
कई
रूपों
में
क्यों
दिखाई
देता
है?


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