
12:12
AM13
मई
2024
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चौथे
चरण
की
12
हॉट
सीटों
पर
एक
नजर…
1.
कन्नौज,
यूपी

उत्तर
प्रदेश
की
कन्नौज
लोकसभा
सीट
से
पूर्व
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
12
साल
बाद
चुनाव
मैदान
में
हैं।
उनके
सामने
भाजपा
के
टिकट
पर
मौजूदा
सांसद
सुब्रत
पाठक
हैं।
कन्नौज
सीट
सपा
का
गढ़
मानी
जाती
है।
साल
1999
से
2019
तक
हुए
7
लोकसभा
चुनाव
में
से
6
बार
यहां
यादव
परिवार
का
कब्जा
रहा
है।
मुलायम
ने
इस
सीट
को
जीतने
के
बाद
इसे
बेटे
के
लिए
छोड़
दिया।
इसके
बाद
अखिलेश
3
बार
यहां
से
सांसद
बने।
जब
अखिलेश
यूपी
के
सीएम
बन
गए,
तब
उन्होंने
अपनी
पत्नी
डिंपल
को
यह
सीट
सौंप
दी।
डिंपल
यहां
से
दो
बार
चुनाव
जीतकर
संसद
पहुंचीं।
2019
में
डिंपल
सिर्फ
12,353
वोटों
से
हारी
थीं।
अखिलेश
अब
दोबारा
इस
सीट
को
बीजेपी
के
खाते
में
नहीं
जाने
देना
चाहते
हैं।
2.
लखीमपुर
खीरी,
उत्तर
प्रदेश

यूपी
की
खीरी
से
केंद्रीय
मंत्री
अजय
मिश्रा
टेनी
तीसरी
बार
चुनावी
मैदान
में
हैं।
उनके
सामने
समाजवादी
पार्टी
ने
उत्कर्ष
वर्मा
मधु
और
बसपा
ने
अंशय
कालरा
को
उतारा
है।
भाजपा
ने
पहली
बार
इस
सीट
पर
1991
में
जीत
हासिल
की
थी।
1996
में
भी
पार्टी
को
जीत
मिली
थी।
इसके
बाद
पार्टी
को
सीधे
2014
में
जीत
मिली,
जब
अजय
मिश्र
टेनी
भाजपा
के
उम्मीदवार
थे।
अक्टूबर
2021
में
टेनी
के
बेटे
पर
किसान
आंदोलन
के
दौरान
लखीमपुर
में
किसानों
पर
कार
चढ़ाने
का
आरोप
लगा।
इसके
चलते
वह
लंबे
समय
तक
विवादों
में
बने
रहे,
लेकिन
इन
विवादों
के
बावजूद
एक
बार
फिर
भाजपा
ने
टेनी
पर
भरोसा
जताया
है।
3.
उन्नाव,
यूपी

यूपी
की
उन्नाव
लोकसभा
सीट
से
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
और
मौजूदा
सांसद
साक्षी
महाराज
तीसरी
बार
चुनाव
मैदान
में
हैं।
वह
10
साल
से
इस
सीट
से
सांसद
हैं।
उनके
खिलाफ
इंडी
गठबंधन
की
तरफ
से
समाजवादी
पार्टी
ने
अन्नू
टंडन
को
उम्मीदवार
बनाया
है।
2019
के
चुनाव
में
साक्षी
महाराज
ने
सपा
प्रत्याशी
अरुण
शंकर
शुक्ल
को
4
लाख
से
ज्यादा
वोटों
से
हराया
था।
4.
हैदराबाद,
तेलंगाना

तेलंगाना
की
हैदराबाद
सीट
पर
AIMIM
चीफ
असदुद्दीन
ओवैसी
के
खिलाफ
भाजपा
ने
माधवी
लता
को
उतारा
है।
इस
सीट
पर
करीब
60
फीसदी
मुसलमान
तो
करीब
40
फीसदी
हिंदू
आबादी
है।
इस
हैदराबाद
सीट
पर
1984
से
AIMIM
लगातार
जीतती
आ
रही
है।
हैदराबाद
सीट
पर
असदुद्दीन
ओवैसी
के
पिता
दिवंगत
सलाहुद्दीन
ओवैसी
1984
से
1999
तक
लगातार
6
चुनाव
जीते।
इसके
बाद
2004
से
लेकर
2019
तक
लगातार
4
बार
से
असदुद्दीन
ओवैसी
यहां
से
जीत
रहे
हैं।
कुल
मिलाकर
10
बार
से
लगातार
इस
सीट
पर
ओवैसी
परिवार
का
कब्जा
है।
5.
सिकंदराबाद,
तेलंगाना

तेलंगाना
की
सिकंदराबाद
लोकसभा
सीट
से
केंद्रीय
मंत्री
जी
किशन
रेड्डी
दूसरी
बार
चुनाव
मैदान
में
हैं।
उनके
सामने
कांग्रेस
से
दानम
नागेंद्र,
बसपा
से
बस्वानंदम
दांडेपु,
बीआरएस
से
पद्म
राव
टी
की
चुनौती
है।
यह
सीट
1957
में
अस्तित्व
में
आई
थी।
2014
में
BJP
के
बंडारू
दत्तात्रेय
ने
चुनाव
जीता
था,
वहीं
2019
में
BJP
से
ही
जी.
किशन
रेड्डी
ने
चुनाव
जीता
था।
6.
बेगूसराय,
बिहार

बिहार
के
बेगुसराय
से
भाजपा
ने
केंद्रीय
मंत्री
गिरिराज
सिंह
को
चुनावी
मैदान
में
उतारा
हैं।
इंडी
गठबंधन
के
तहत
यह
सीट
CPI
के
खाते
में
गई
है।
CPI
ने
अपने
पूर्व
विधायक
अवधेश
राय
को
उम्मीदवार
बनाया
है।
2019
लोकसभा
चुनाव
में
CPI
ने
कन्हैया
कुमार
को
टिकट
दिया
था।
तब
गिरिराज
सिंह
ने
उन्हें
4
लाख
से
ज्यादा
वोटों
से
हराया
था।
7.
नित्यानंद
राय,
उजियारपुर

बिहार
की
उजियारपुर
लोकसभा
सीट
से
केंद्रीय
गृह
राज्य
मंत्री
नित्यानंद
राय
तीसरी
बार
चुनाव
मैदान
में
हैं।
उनके
खिलाफ
RJD
ने
आलोक
कुमार
मेहता
और
बसपा
ने
मोहन
कुमार
मौर्या
को
उतारा
है।
2019
के
चुनाव
में
नित्यानंद
राय
ने
लगभग
3
लाख
वोटों
से
राष्ट्रीय
लोक
समता
पार्टी
के
सुप्रीमो
उपेंद्र
कुशवाहा
को
हराया
था।
8.
खूंटी,
झारखंड

झारखंड
की
खूंटी
लोकसभा
सीट
से
केंद्रीय
मंत्री
अर्जुन
मुंडा
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
2019
के
चुनाव
में
वे
काफी
कम
1445
वोटों
के
अंतर
से
जीते
थे।
अर्जुन
मुंडा
के
खिलाफ
इस
बार
कांग्रेस
ने
मौजूदा
विधायक
काली
चरण
मुंडा
को
प्रत्याशी
बनाया
है।
उनके
भाई
नीलकंठ
सिंह
मुंडा
भाजपा
के
स्थानीय
विधायक
हैं।
9.
कृष्णानगर,
पश्चिम
बंगाल

पश्चिम
बंगाल
की
कृष्णानगर
लोकसभा
सीट
से
TMC
ने
महुआ
मोइत्रा
को
लगातार
दूसरी
बार
मैदान
में
उतारा
है।
8
दिसंबर
2023
को
कैश-फॉर-क्वेरी
मामले
में
उनकी
लोकसभा
सदस्यता
रद्द
कर
दी
गई
थी।
महुआ
को
पैसे
लेकर
संसद
में
सवाल
पूछने
के
मामले
में
दोषी
पाया
गया
था।
महुआ
के
खिलाफ
भाजपा
ने
अमृता
राय
को
टिकट
दिया
है।
इस
सीट
पर
साल
2019
के
चुनाव
में
महुआ
ने
BJP
के
कल्याण
चौबे
को
63,218
वोटों
से
हराया
था।
वहीं,
साल
2014
में
TMC
के
तापस
पाल
ने
CPM
प्रत्याशी
के
शांतनु
झा
को
हराया
था।
10.
बहरामपुर,
पश्चिम
बंगाल

पश्चिम
बंगाल
की
बहरामपुर
लोकसभा
सीट
से
कांग्रेस
के
बड़े
नेता
अधीर
रंजन
चौधरी
चुनाव
मैदान
में
हैं।
तृणमूल
कांग्रेस
(टीएमसी)
ने
क्रिकेटर
यूसुफ
पठान
पर
दांव
लगाया
है।
भाजपा
के
टिकट
पर
निर्मल
कुमार
साहा
उतरे
हैं।
इस
सीट
पर
1999
से
अब
तक
कांग्रेस
के
अधीर
चौधरी
ने
लगातार
चार
बार
जीत
हासिल
की
है।
2019
के
चुनाव
में
उन्होंने
TMC
की
अपूर्वा
सरकार
को
80
हजार
वोटों
से
हराया
था।
बहरामपुर
सीट
पर
52%
मुस्लिम
आबादी
है,
लेकिन
आज
तक
एक
भी
मुस्लिम
सांसद
चुनाव
जीत
कर
लोकसभा
में
नहीं
पहुंचा
है।
11.
आसनसोल,
पश्चिम
बंगाल

पश्चिम
बंगाल
की
आसनसोल
लोकसभा
सीट
से
मौजूदा
सांसद
शत्रुघ्न
सिन्हा
TMC
की
टिकट
पर
दूसरी
बार
मैदान
में
हैं।
भाजपा
ने
एसएस
अहलुवालिया
को
उनके
खिलाफ
उतारा
है।
2019
में
आसनसोल
सीट
से
भाजपा
से
बाबुल
सुप्रियो
सांसद
बने
थे।
इसके
बाद
वे
17
सितंबर
2021
को
TMC
में
शामिल
हो
गए
और
बालीगंज
विधानसभा
से
चुनाव
जीते।
अक्टूबर
2022
में
विधायक
बनने
के
बाद
बाबुल
सुप्रियो
ने
सांसद
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
यहां
उपचुनाव
हुए
और
TMC
से
शत्रुघ्न
सिन्हा
जीत
गए।
उन्होंने
BJP
की
अग्निमित्रा
पॉल
को
3
लाख
से
ज्यादा
वोटों
से
हराया
था।
12.
बर्धमान,
पश्चिम
बंगाल

पश्चिम
बंगाल
के
बर्धमान
से
क्रिकेटर
कीर्ति
आजाद
TMC
की
टिकट
पर
यहां
से
चुनाव
मैदान
में
हैं।
उनके
खिलाफ
भाजपा
ने
दिलीप
घोष
को
उतारा
है।
यह
सीट
2008
में
संसदीय
निर्वाचन
क्षेत्रों
के
पुनर्गठन
के
बाद
2009
में
बनाई
गई
थी।
तब
से
इसने
पिछले
तीन
चुनाव
में
मार्क्सवादी
कम्युनिस्ट
पार्टी,
TMC
और
भाजपा
प्रतिनिधियों
को
लोकसभा
भेजा
है।
भाजपा
के
एस.
एस.
अहलूवालिया
ने
2019
में
लगभग
3,000
वोटों
से
जीत
गए
थे।