64 साल बाद बारामती में फिर पवार VS पवार: सुप्रिया पर भारी पड़ रहीं भाभी सुनेत्रा, चुनाव तय करेगा परिवार में कौन पावरफुल

64 साल बाद बारामती में फिर पवार VS पवार: सुप्रिया पर भारी पड़ रहीं भाभी सुनेत्रा, चुनाव तय करेगा परिवार में कौन पावरफुल


बारामती
4
घंटे
पहले
लेखक:
विनोद
यादव

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64
साल
पुरानी
बात
है।
साल
1960
था।
शरद
पवार
तब
युवक
कांग्रेस
के
सचिव
हुआ
करते
थे।
बड़े
भाई
वसंतराव
बारामती
से
लोकसभा
चुनाव
में
कांग्रेस
के
खिलाफ
उम्मीदवार
थे।
हर
कोई
सोच
रहा
था
कि
अब
शरद
पवार
क्या
करेंगे।
चुनाव
में
भाई
का
साथ
देंगे
या
फिर
पार्टी
का।

बड़े
भाई
वसंतराव
ने
उनकी
ये
परेशानी
समझ
ली।
उन्होंने
शरद
पवार
को
बुलाया
और
कहा
कि
तुम
कांग्रेस
की
विचारधारा
के
लिए
समर्पित
हो,
मेरे
खिलाफ
प्रचार
करने
में
जरा
भी
संकोच
मत
करो।
इसके
बाद
शरद
पवार
ने
चुनाव
प्रचार
में
जान
लगा
दी
और
उनके
भाई
चुनाव
हार
गए।

अब
फिर
बारामती
में
वही
हालात
हैं।
फर्क
इतना
है
कि
शरद
पवार