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घंटे
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शिवेंद्र
गौरव,
शुभांक
शुक्ला
-
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2024
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
बीजेपी
के
घोषणा
पत्र
का
टाइटल
है-
भाजपा
का
संकल्प,
मोदी
की
गारंटी।
इसे
लॉन्च
करते
हुए
PM
मोदी
ने
कहा,
‘पूरे
देश
को
BJP
के
घोषणापत्र
का
इंतजार
रहता
है।
इसकी
बड़ी
वजह
ये
है
कि
BJP
ने
हर
गारंटी
को
पूरा
किया
है।’
साल
2019
के
लोकसभा
चुनावों
के
लिए
BJP
ने
‘संकल्प
पत्र’
नाम
से
50
पेज
का
घोषणापत्र
जारी
किया
था।
इसमें
राष्ट्रीय
सुरक्षा,
जनकल्याण,
अर्थव्यवस्था,
महिलाओं
के
सशक्तीकरण,
चिकित्सा,
अर्थव्यवस्था,
सुरक्षा
और
कृषि
जैसे
मुद्दों
से
जुड़े
85
प्रमुख
वादे
किए
गए
थे।
कुल
13
प्रमुख
वादे
ऐसे
हैं
जो
BJP
के
राजनीतिक
और
हिंदुत्ववादी
एजेंडे
में
फिट
बैठते
हैं।
BJP
ने
इनमें
से
7
वादे
पूरे
किए
हैं,
और
जो
6
वादे
पूरे
नहीं
हुए
उनमें
से
4
भ्रष्टाचार
और
चुनाव
प्रक्रिया
में
सुधार
से
जुड़े
हुए
हैं।
‘BJPके
वादों
का
स्टेटस,
पार्ट-1’
में
आज
इन्हीं
13
वादों
की
पड़ताल
करेंगे…
वादा-
1:
संविधान
के
दायरे
में
राम
मंदिर
निर्माण
की
संभावनाओं
पर
प्रयास
BJP
ने
अपने
हिंदुत्ववादी
एजेंडे
के
तहत
यह
वादा
पूरा
किया
है।
-
9
नवंबर
2019
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
रामलला
के
पक्ष
में
फैसला
सुनाया।
5
फरवरी
2020
को
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
अयोध्या
में
मंदिर
बनाने
के
लिए
राम
जन्मभूमि
तीर्थ
क्षेत्र
ट्रस्ट
की
घोषणा
की। -
ठीक
6
महीने
बाद
5
अगस्त
2020
को
अयोध्या
में
मोदी
की
मौजूदगी
में
राम
मंदिर
की
आधारशिला
रखी
गई। -
22
जनवरी
2024
को
मंदिर
में
भगवान
राम
की
प्राण
प्रतिष्ठा
के
बाद
आम
लोगों
के
लिए
मंदिर
खोल
दिया
गया।
वादा-
2:
सिटिजनशिप
अमेंडमेंट
बिल
लागू
करेंगे
BJP
का
यह
वादा
पूरा
हो
गया
है।
-
10
दिसंबर
2019
को
सिटिजनशिप
अमेंडमेंट
बिल
(CAB)
लोकसभा
से
और
अगले
दिन
राज्यसभा
से
पारित
हुआ
था।
12
दिसंबर
2019
को
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
से
मंजूरी
मिलने
के
बाद
CAA
कानून
बन
गया
था,
लेकिन
केंद्र
सरकार
ने
इसे
4
साल
से
ज्यादा
वक्त
बाद
आम
चुनावों
के
ठीक
पहले
11
मार्च
2024
को
देशभर
में
CAA
लागू
कर
दिया
है। -
इसके
तहत
31
दिसंबर
2014
से
पहले
पाकिस्तान,
बांग्लादेश
और
अफगानिस्तान
से
आए
गैर-
मुस्लिम
शरणार्थियों
को
नागरिकता
मिलने
का
रास्ता
साफ
हो
गया
है।
31
दिसंबर
2014
से
पहले
इन
तीन
देशों
से
धार्मिक
आधार
पर
प्रताड़ित
होकर
भारत
आए
हिंदू,
सिख,
बौद्ध,
जैन,
पारसी
और
ईसाई
समुदाय
के
लोगों
को
नागरिकता
दी
जाएगी। -
हालांकि,
CAA
को
लेकर
देश
के
मुसलमानों
में
शंकाएं
रही
हैं।
कई
मुस्लिम
नेताओं
ने
इसे
मुसलमानों
के
प्रति
भेदभाव
वाला
कानून
बताया
है।
मुसलमानों
के
एक
बड़े
वर्ग
को
डर
है
कि
CAA
के
बाद
केंद्र
सरकार
NRC
लाएगी
और
इसके
तहत
उन्हें
देश
से
बाहर
कर
दिया
जाएगा।
मुस्लिम
वर्ग
का
यह
भी
कहना
है
कि
CAA
के
तहत
पड़ोसी
देशों
के
मुस्लिम
शरणार्थियों
के
लिए
रास्ते
बंद
कर
दिए
गए
हैं।
वादा-
3:
धारा
370,
35A
का
निर्मूलन
BJP
ने
अपना
ये
वादा
पूरा
किया
है।
-
5
अगस्त
2019
को
जम्मू-कश्मीर
से
अनुच्छेद
370
और
35A
के
प्रभाव
को
खत्म
कर
दिया
गया
था।
इसके
तहत
राज्य
को
जम्मू-कश्मीर
और
लद्दाख
में
बांटकर
दोनों
को
केंद्र
शासित
प्रदेश
बना
दिया
था। -
इस
फैसले
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
में
कई
याचिकाएं
दायर
हुईं।
लगभग
4
साल
बाद
11
दिसंबर
2023
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सरकार
के
फैसले
को
वैध
माना। -
हालांकि,
जम्मू-कश्मीर
से
धारा
370
हटाने
के
निर्णय
का
कांग्रेस,
PDP,
AIMIM
और
JDU
जैसे
कई
विपक्षी
दलों
ने
विरोध
किया
है।
वादा-
4:
घुसपैठ
से
प्रभावित
क्षेत्रों
में
चरणबद्ध
तरीके
से
NRC
लागू
करेंगे
BJP
का
यह
चुनावी
वादा
अभी
अधूरा
है।
-
20
नवंबर
2019
को
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
राज्यसभा
में
एक
सवाल
के
जवाब
में
कहा
था
कि
NRC
की
प्रक्रिया
पूरे
देश
में
लागू
की
जाएगी।
इसमें
किसी
भी
धर्म
के
आधार
पर
लोगों
को
बाहर
करने
का
कोई
प्रावधान
नहीं
है। -
दिलचस्प
बात
ये
है
कि
इसके
करीब
दो
महीने
बाद
ही
22
दिसंबर
2019
को
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
एक
रैली
में
कहा
कि
उनकी
सरकार
में
2014
से
आज
तक
NRC
को
लेकर
कोई
चर्चा
नहीं
हुई,
सिर्फ
असम
में
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
के
अनुसार
NRC
लागू
किया
गया
है।
अमित
शाह
और
मोदी
के
इन
बयानों
से
पैदा
हुए
विरोधाभास
की
खूब
चर्चा
हुई
थी। -
31
अगस्त
2019
को
NRC
की
आखिरी
लिस्ट
जारी
की
गई
है।
उधर,
मणिपुर
ने
साल
2022
में
विधानसभा
में
एक
प्रस्ताव
पारित
किया
गया
है
जिसमें
केंद्र
से
मणिपुर
में
NRC
लागू
करने
की
मांग
की
गई
है। -
NRC
को
लेकर
विपक्षी
दलों
ने
लगातार
शंकाएं
जाहिर
की
हैं
और
विरोध
भी
किया
है,
AIMIM
के
मुखिया
असदुद्दीन
ओवैसी
जैसे
कई
नेताओं
ने
इसे
देश
के
मुसलमानों
के
साथ
अन्यायपूर्ण
बताया
है। -
2024
के
संकल्प
पत्र
में
एनआरसी
नहीं
है,
लेकिन
नागरिकता
संशोधन
अधिनियम
(सीएए)
को
लागू
करने
की
बात
की
गई
है।
वादा-
5:
एक
साथ
लोकसभा
और
राज्यों
की
विधानसभाओं
के
चुनाव
के
लिए
सभी
पार्टियों
की
सहमति
का
प्रयास
एक
साथ
सभी
चुनाव
करा
पाना
अभी
भी
दूर
की
कौड़ी
है,
इसके
लिए
BJP
के
प्रयास
का
वादा
अभी
अधूरा
है।
-
1967
तक
देश
में
एक
साथ
ही
लोकसभा
और
राज्य
की
विधानसभाओं
के
चुनाव
हुए,
लेकिन
इसके
बाद
यह
क्रम
टूट
गया। -
‘एक
देश-एक
चुनाव’
BJP
का
पुराना
चुनावी
मुद्दा
रहा
है।
BJP
के
दिग्गज
नेता
और
देश
के
पूर्व
प्रधानमंत्री
रहे
अटल
बिहारी
बाजपेयी
और
लाल
कृष्ण
आडवाणी
भी
एक
साथ
लोकसभा
और
विधानसभाओं
के
चुनाव
करवाने
के
पक्ष
में
थे।
1999
में
जब
अटल
की
सरकार
थी
तब
एक
कानून
आयोग
की
रिपोर्ट
में
लोकसभा
और
राज्य
विधानसभाओं
के
चुनाव
एक
साथ
कराने
की
सिफारिश
की
गई
थी।
सरकारें
बदलने
के
साथ
‘एक
देश-एक
चुनाव’
की
बहस
भी
चलती
रही। -
2014
के
अपने
चुनावी
घोषणा
पत्र
में
BJP
ने
कहा,
‘वह
सभी
दलों
से
विमर्श
करके
ऐसा
तरीका
बनाना
चाहती
है
कि
लोकसभा
और
विधानसभाओं
के
चुनाव
एक
साथ
हों।’ -
हालिया
स्थिति
यह
है
कि
इसको
लेकर
2
सितंबर
2023
को
पूर्व
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
की
अध्यक्षता
में
एक
कमेटी
बनाई
गई
थी।
इसने
14
मार्च
2024
को
18,626
पन्नों
की
अपनी
रिपोर्ट
राष्ट्रपति
को
सौंप
दी
है।
इस
कमेटी
ने
62
राजनीतिक
दलों
से
संपर्क
किया
था,
जिसमें
47
राजनीतिक
दलों
ने
जवाब
दिया।
32
पार्टियों
ने
एक
साथ
चुनाव
कराने
को
लेकर
हामी
भरी
है।
वहीं,
15
पार्टियों
ने
इसका
विरोध
किया
है।
वादा-
6:
सभी
सार्वजनिक
निकायों
में
मतदान
के
लिए
एक
मतदाता
सूची
का
प्रयास
एक
मतदाता
सूची
के
प्रयास
का
BJP
का
वादा
पूरा
कहा
जा
सकता
है।
-
एक
देश-एक
चुनाव’
पर
विचार
और
सुझाव
के
लिए
बनी
पूर्व
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
की
अध्यक्षता
वाली
कमेटी
से
सिंगल
वोटर
लिस्ट
लागू
करने
के
तरीकों
पर
भी
सुझाव
मांगे
गए
थे।
जिसके
जवाब
में
कमेटी
ने
सिफारिश
की
है
कि
लोकसभा,
विधानसभा,
नगर
पालिकाओं
और
पंचायतों
के
चुनाव
के
लिए
एक
मतदाता
सूची
और
पहचान
पत्र
की
व्यवस्था
की
जानी
चाहिए।
इसके
लिए
संविधान
के
अनुच्छेद
325
को
संशोधित
किया
जा
सकता
है।
वादा-
7:
तीन
तलाक,
निकाह-हलाला
जैसी
प्रथाओं
के
उन्मूलन
के
लिए
कानून
तीन-तलाक
(तलाक-ए-बिद्दत)
के
उन्मूलन
का
BJP
का
वादा
पूरा
हुआ
है।
-
तीन
तलाक
(तलाक-ए-बिद्दत)
और
हलाला
जैसी
प्रथाओं
के
उन्मूलन
के
लिए
मुस्लिम
महिला
(विवाह
अधिकार
संरक्षण)
विधेयक,
2017
में
लोकसभा
से
पारित
हुआ,
लेकिन
विपक्ष
के
विरोध
के
चलते
राज्यसभा
में
अटक
गया
था। -
साल
2017
में
सुप्रीम
कोर्ट
ने
भी
सरकार
को
6
महीने
के
अंदर
तीन
तलाक
पर
कानून
बनाने
का
निर्देश
दिया
था।
2019
के
चुनाव
के
बाद
सरकार
ने
कुछ
संशोधनों
के
साथ
तीन
तलाक
के
बिल
को
फिर
से
सदन
में
पेश
किया।
इस
बार
ये
बिल
दोनों
सदनों
से
पास
हो
गया। -
इस
कानून
के
बनने
से
इस्लाम
में
तलाक
के
तीन
तरीकों
से
से
एक
तलाक-ए-बिद्दत
(एक
साथ
तील
तलाक
देकर
शादी
तोड़ना)
गैरकानूनी
हो
गया
है,
इस
तरह
से
तीन
तलाक
देने
पर
3
साल
की
सजा
का
प्रावधान
है। -
वहीं
इस्लाम
में
तलाक
के
एक
और
तरीके,
तलाक-ए-हसन
(तीन
महीने
में
तीन
बार
तलाक
देकर
शादी
तोड़ना)
की
वैधता
को
भी
चुनौती
देते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
में
कई
याचिकाएं
दायर
की
गई
थीं।
यह
मामला
अभी
जारी
है।
वादा-
8:
समान
नागरिक
संहिता
बनाना
समान
नागरिक
संहिता
लागू
करने
का
BJP
का
वादा
अभी
अधूरा
है।
-
संविधान
के
आर्टिकल-44
यानी
राज्य
के
नीति
निदेशक
तत्वों
में
सभी
नागरिकों
के
लिए
समान
कानून
लागू
करने
की
बात
कही
गई
है।
अभी
देश
में
नागरिकों
के
लिए
सामान
आपराधिक
संहिता
है,
लेकिन
समान
नागरिक
संहिता
लागू
(UCC)
नहीं
हो
पाई
है।
इसे
लेकर
समय-समय
पर
विरोध
भी
किया
गया
है। -
अभी
तक
सिर्फ
गोवा
में
समान
नागरिक
संहिता
लागू
है।
वहीं
फरवरी
2024
में
उत्तराखंड
विधानसभा
में
भी
UCC
ध्वनि
मत
से
पारित
हो
गया
है।
वादा-
9:
संसद
और
विधानसभाओं
में
महिलाओं
के
लिए
33%
आरक्षण
BJP
का
यह
चुनावी
वादा
पूरा
हुआ
कहा
जा
सकता
है।
-
लोकसभा
और
राज्य
की
विधानसभाओं
में
महिलाओं
के
लिए
एक-तिहाई
सीटें
आरक्षित
करने
के
लिए
पहली
बार
1996
में
कोई
बिल
लाया
गया
था। -
27
साल
बाद
20
सितंबर
2023
में
ये
बिल
लोकसभा
से
और
फिर
22
सितंबर
को
राज्यसभा
से
पारित
हो
गया।
28
सितंबर
को
राष्ट्रपति
ने
भी
इसे
अपनी
मंजूरी
दे
दी। -
इस
तरह
बिल
लागू
होने
के
लिए
जरूरी
कानूनी
जरूरतें
तो
पूरी
हो
चुकी
हैं,
लेकिन
परिसीमन
और
जनगणना
पूरी
होने
के
बाद
ही
इसे
लागू
किया
जा
सकता
है। -
20
सितंबर
2023
को
लोकसभा
में
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
कहा
कि
परिसीमन
की
कवायद
2024
के
लोकसभा
चुनाव
के
बाद
ही
की
जाएगी
और
इसलिए
2029
के
बाद
ही
महिला
आरक्षण
विधेयक
लागू
हो
सकेगा।
वादा-
10:
2022
तक
स्वच्छ
गंगा
का
लक्ष्य
सरकार
का
गंगा
को
साफ
करने
का
वादा
अभी
अधूरा
है।
-
साल
2014
में
BJP
की
सरकार
बनते
ही
‘नमामि
गंगे
योजना’
की
शुरुआत
हुई,
जिसका
उद्देश्य
गंगा
को
स्वच्छ
बनाना
था।
मीडिया
को
RTI
के
तहत
मिली
जानकारी
के
मुताबिक
2022
तक
सरकार
इस
योजना
के
लिए
जारी
हुए
20,000
करोड़
रुपए
का
सिर्फ
27%
ही
खर्च
कर
पाई।
दिसंबर
2022
में
जल
शक्ति
राज्य
मंत्री
विशेश्वर
टुडू
ने
कहा
कि
‘नमामि
गंगे
योजना’
के
तहत
अभी
तक
30,458
करोड़
रुपए
की
अनुमानित
लागत
के
साथ
कुल
353
परियोजनाओं
को
स्वीकृत
किया
गया
है,
जिसमें
से
178
परियोजनाएं
पूरी
हो
चुकी
हैं। -
संसद
में
गंगा
की
सफाई
के
सवाल
पर
सरकार
का
एक
सा
जवाब
रहा
है
कि
नदी
की
सफाई
सतत
प्रक्रिया
है।
हालांकि,
समय-समय
पर
गंगा
की
सफाई
के
लिए
‘अर्ध
गंगा
मॉडल
जैसी
अन्य
योजनाएं
भी
आईं,
लेकिन
अभी
गंगा
को
पूरी
तरह
साफ
नहीं
किया
जा
सका
है। -
14
दिसंबर
2023
को
जल
शक्ति
मंत्रालय
द्वारा
जारी
एक
प्रेस
रिलीज
में
कहा
गया
कि
‘नमामि
गंगे
कार्यक्रम’
के
तहत,
कुल
195
सीवरेज
बुनियादी
ढांचा
परियोजनाओं
में
से
109
सीवरेज
परियोजनाएं
पूरी
हो
चुकी
हैं
और
2,664
MLD
(मिलियन
लीटर
प्रति
दिन)
सीवरेज
ट्रीटमेंट
प्लांट
क्षमता
का
निर्माण
और
पुनर्वास
हो
चुका
है।
राष्ट्रीय
स्वच्छ
गंगा
मिशन
(NMCG)
ने
दिसंबर
2026
तक
7,000
MLD
की
ट्रीटमेंट
क्षमता
को
मंजूरी
देने
का
लक्ष्य
रखा
है। -
सरकार
की
उदासीनता
का
स्तर
यह
है
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
की
अध्यक्षता
वाली
राष्ट्रीय
गंगा
परिषद
की
बीते
छह
सालों
में
केवल
एक
बैठक
हुई
है,
जबकि
नियमतः
इसे
हर
साल
होना
चाहिए
था।
वादा-
11:
भ्रष्टाचार
मुक्त
भारत
के
प्रयास
BJP
का
भ्रष्टाचार
मुक्त
भारत
के
प्रयास
का
वादा
अभी
अधूरा
है।
-
PM
नरेंद्र
मोदी
ने
75वें
स्वतंत्रता
दिवस
के
मौके
पर
लाल
किले
से
कहा
था
कि
‘पिछले
आठ
सालों
में
जो
दो
लाख
करोड़
रुपए
गलत
हाथों
में
जाते
थे,
उनको
बचाकर
देश
की
भलाई
के
काम
में
लगाने
में
हम
सफल
हुए
हैं।’ -
केंद्र
सरकार
लगातार
भ्रष्टाचार
के
खिलाफ
सख्त
कदम
उठाने
की
बात
कहती
आई
है।
केंद्र
में
BJP
की
सरकार
आने
के
बाद
ED
और
CBI
जैसी
जांच
एजेंसियों
की
कार्रवाई
बढ़ी
है। -
हालांकि,
1995
से
हर
साल
भ्रष्टाचार
की
स्थिति
का
मूल्यांकन
करने
वाली
संस्था
‘ट्रान्सपेरेंसी
इंटरनेशनल’
की
रिपोर्ट
के
अनुसार
2023
में
करप्शन
परसेप्शन
इंडेक्स
में
भारत
39
अंकों
के
साथ
180
देशों
में
से
93वें
स्थान
पर
है,
जबकि
2019
में
भारत
80वें
स्थान
पर
था।
वादा-
12:
भगोड़े
आर्थिक
अपराधियों
को
भारत
वापस
लाने
और
मुकदमा
चलने
की
कार्रवाई
तेज
करेंगे
BJP
का
यह
वादा
अधूरा
है।
-
साल
2018
में
केंद्र
सरकार
ने
भगोड़ा
आर्थिक
अपराधी
अधिनियम
(FEOA)
पारित
किया
गया।
इसका
मकसद
कानूनी
कार्रवाई
से
बचने
के
लिए
देश
छोड़ने
वाले
आर्थिक
अपराधियों
को
रोकना
है। -
1
अगस्त
2023
को
केंद्र
सरकार
ने
बताया
कि
2018
से
अब
तक
विजय
माल्या,
नीरव
मोदी
समेत
10
लोगों
को
भगोड़ा
आर्थिक
अपराधी
घोषित
किया
गया
है।
इन्होंने
40,000
करोड़
रुपए
से
ज्यादा
का
घोटाला
किया
है,
जिसमें
से
15,000
करोड़
रुपए
की
संपत्ति
जब्त
कर
ली
गई
है। -
हालांकि,
केंद्र
सरकार
इन
भागे
हुए
10
लोगों
वापस
देश
लाने
में
नाकाम
रही
है।
BJP
ने
अपने
वादे
में
कार्रवाई
तेज
करने
की
बाद
कही
थी,
लेकिन
परिणाम
बताते
हैं
कि
इसका
कोई
फायदा
नहीं
हुआ
है।
वादा-
13:
भारत
गौरव
योजना
की
शुरुआत
BJP
का
यह
योजना
शुरू
करने
का
वादा
पूरा
हुआ
है।
-
नवंबर
2021
में
भारत
गौरव
योजना
की
शुरुआत
हो
चुकी
है।
इस
योजना
के
तहत
ट्रेनों
में
पर्यटन
के
लिये
तीसरा
अनुभाग
स्थापित
किया
गया।
इससे
पहले
रेलवे
के
पास
यात्री
अनुभाग
और
माल
अनुभाग
थे। -
इस
अभियान
का
उद्देश्य
भारत
में
ट्रेन
के
जरिए
सांस्कृतिक
विरासत
व
भव्य
ऐतिहासिक
स्थलों
के
दर्शन
और
देश
में
पर्यटन
को
बढ़ावा
देना
है। -
कोयंबटूर
उत्तर
से
साईंनगर
शिर्डी
के
लिए
पहली
भारत
गौरव
ट्रेन
14
जून,
2022
को
शुरू
हुई
थी।
वरिष्ठ
पत्रकार
और
राजनीतिक
विश्लेषक
अरुण
दीक्षित
कहते
हैं
कि
राम
मंदिर
निर्माण,
जम्मू-कश्मीर
से
धारा
370
और
35A
को
हटाने,
CAA,
NRA
तीन
तलाक,
एक
देश-एक
चुनाव
और
यूनिफार्म
सिविल
कोड
जैसे
मुद्दे,
BJP
के
राजनीतिक
एजेंडे
और
देश
की
बहुसंख्यक
आबादी
को
साधने
की
कोशिश
के
तहत
आते
हैं।
अरुण
के
मुताबिक,
राम
मंदिर
का
मुद्दा
देश-दुनिया
के
हिंदुओं
को
आकर्षित
करता
है।
असम
में
NRC
लागू
करने
के
उदेश्य
यह
संकेत
देना
है
कि
हम
असमिया
हिंदू
के
साथ
हैं।
धारा
370
के
उन्मूलन
के
पीछे
यह
उद्देश्य
भी
था
कि
पूरे
देश
के
बहुसंख्यकों
में
यह
संदेश
जाए
कि
हमने
जम्मू-कश्मीर
को
पूरी
तरह
देश
में
मिला
लिया
है।
एक
देश-एक
चुनाव’
एक
राजनीतिक
वादा
है,
पूरे
देश
में
अलग-अलग
भौगोलिक
परिस्थितियां
हैं,
ऐसे
में
एक
साथ
सभी
चुनाव
कराना
मुश्किल
है।
सरकार
को
कम
से
कम
एक
राज्य
में
पायलट
प्रोजेक्ट
के
तहत
एक
साथ
सभी
निकाय
और
विधानसभा
चुनाव
कराने
की
शुरुआत
करनी
चाहिए
थी।
सभी
चुनावों
के
लिए
एक
मतदाता
सूची
के
प्रयास
का
वादा
धराशायी
है।
चुनाव
आयोग
ही
सूचियां
बदल
देता
है।
लोकसभा
चुनाव
की
सूची
में
जिसका
वोट
होता
है
उसका
विधानसभा
चुनाव
में
कट
जाता
है।
तीन
तलाक
के
मुद्दे
पर
कानून
बनाने
के
बाद
सरकार
को
यह
आंकड़े
भी
जारी
करने
चाहिए
कि
कितनी
मुस्लिम
महिलाओं
को
इससे
फायदा
मिला।
******
रिसर्च
में
सहयोग:
आकाश
मिश्र
ग्राफिक्स:
अंकुर
बंसल,
महेंद्र
वर्मा
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भी
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