BJP के वादों का स्टेटस, पार्ट-1: राजनीतिक एजेंडे और हिंदुत्व से जुड़े 54% प्रमुख वादे पूरे; स्वच्छ गंगा, NRC और UCC अधूरा

BJP के वादों का स्टेटस, पार्ट-1: राजनीतिक एजेंडे और हिंदुत्व से जुड़े 54% प्रमुख वादे पूरे; स्वच्छ गंगा, NRC और UCC अधूरा


1
घंटे
पहले
लेखक:
शिवेंद्र
गौरव,
शुभांक
शुक्ला

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2024
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
बीजेपी
के
घोषणा
पत्र
का
टाइटल
है-
भाजपा
का
संकल्प,
मोदी
की
गारंटी।
इसे
लॉन्च
करते
हुए
PM
मोदी
ने
कहा,

‘पूरे
देश
को
BJP
के
घोषणापत्र
का
इंतजार
रहता
है।
इसकी
बड़ी
वजह
ये
है
कि
BJP
ने
हर
गारंटी
को
पूरा
किया
है।’

साल
2019
के
लोकसभा
चुनावों
के
लिए
BJP
ने
‘संकल्प
पत्र’
नाम
से
50
पेज
का
घोषणापत्र
जारी
किया
था।
इसमें
राष्ट्रीय
सुरक्षा,
जनकल्याण,
अर्थव्यवस्था,
महिलाओं
के
सशक्तीकरण,
चिकित्सा,
अर्थव्यवस्था,
सुरक्षा
और
कृषि
जैसे
मुद्दों
से
जुड़े
85
प्रमुख
वादे
किए
गए
थे।

कुल
13
प्रमुख
वादे
ऐसे
हैं
जो
BJP
के
राजनीतिक
और
हिंदुत्ववादी
एजेंडे
में
फिट
बैठते
हैं।
BJP
ने
इनमें
से
7
वादे
पूरे
किए
हैं,
और
जो
6
वादे
पूरे
नहीं
हुए
उनमें
से
4
भ्रष्टाचार
और
चुनाव
प्रक्रिया
में
सुधार
से
जुड़े
हुए
हैं।


‘BJPके
वादों
का
स्टेटस,
पार्ट-1’
में
आज
इन्हीं
13
वादों
की
पड़ताल
करेंगे…


वादा-
1:
संविधान
के
दायरे
में
राम
मंदिर
निर्माण
की
संभावनाओं
पर
प्रयास

BJP
ने
अपने
हिंदुत्ववादी
एजेंडे
के
तहत
यह
वादा
पूरा
किया
है।

  • 9
    नवंबर
    2019
    को
    सुप्रीम
    कोर्ट
    ने
    रामलला
    के
    पक्ष
    में
    फैसला
    सुनाया।
    5
    फरवरी
    2020
    को
    प्रधानमंत्री
    मोदी
    ने
    अयोध्या
    में
    मंदिर
    बनाने
    के
    लिए
    राम
    जन्मभूमि
    तीर्थ
    क्षेत्र
    ट्रस्ट
    की
    घोषणा
    की।
  • ठीक
    6
    महीने
    बाद
    5
    अगस्त
    2020
    को
    अयोध्या
    में
    मोदी
    की
    मौजूदगी
    में
    राम
    मंदिर
    की
    आधारशिला
    रखी
    गई।
  • 22
    जनवरी
    2024
    को
    मंदिर
    में
    भगवान
    राम
    की
    प्राण
    प्रतिष्ठा
    के
    बाद
    आम
    लोगों
    के
    लिए
    मंदिर
    खोल
    दिया
    गया।


वादा-
2:
सिटिजनशिप
अमेंडमेंट
बिल
लागू
करेंगे

BJP
का
यह
वादा
पूरा
हो
गया
है।

  • 10
    दिसंबर
    2019
    को
    सिटिजनशिप
    अमेंडमेंट
    बिल
    (CAB)
    लोकसभा
    से
    और
    अगले
    दिन
    राज्यसभा
    से
    पारित
    हुआ
    था।
    12
    दिसंबर
    2019
    को
    राष्ट्रपति
    रामनाथ
    कोविंद
    से
    मंजूरी
    मिलने
    के
    बाद
    CAA
    कानून
    बन
    गया
    था,
    लेकिन
    केंद्र
    सरकार
    ने
    इसे
    4
    साल
    से
    ज्यादा
    वक्त
    बाद
    आम
    चुनावों
    के
    ठीक
    पहले
    11
    मार्च
    2024
    को
    देशभर
    में
    CAA
    लागू
    कर
    दिया
    है।
  • इसके
    तहत
    31
    दिसंबर
    2014
    से
    पहले
    पाकिस्तान,
    बांग्लादेश
    और
    अफगानिस्तान
    से
    आए
    गैर-
    मुस्लिम
    शरणार्थियों
    को
    नागरिकता
    मिलने
    का
    रास्ता
    साफ
    हो
    गया
    है।
    31
    दिसंबर
    2014
    से
    पहले
    इन
    तीन
    देशों
    से
    धार्मिक
    आधार
    पर
    प्रताड़ित
    होकर
    भारत
    आए
    हिंदू,
    सिख,
    बौद्ध,
    जैन,
    पारसी
    और
    ईसाई
    समुदाय
    के
    लोगों
    को
    नागरिकता
    दी
    जाएगी।
  • हालांकि,
    CAA
    को
    लेकर
    देश
    के
    मुसलमानों
    में
    शंकाएं
    रही
    हैं।
    कई
    मुस्लिम
    नेताओं
    ने
    इसे
    मुसलमानों
    के
    प्रति
    भेदभाव
    वाला
    कानून
    बताया
    है।
    मुसलमानों
    के
    एक
    बड़े
    वर्ग
    को
    डर
    है
    कि
    CAA
    के
    बाद
    केंद्र
    सरकार
    NRC
    लाएगी
    और
    इसके
    तहत
    उन्हें
    देश
    से
    बाहर
    कर
    दिया
    जाएगा।
    मुस्लिम
    वर्ग
    का
    यह
    भी
    कहना
    है
    कि
    CAA
    के
    तहत
    पड़ोसी
    देशों
    के
    मुस्लिम
    शरणार्थियों
    के
    लिए
    रास्ते
    बंद
    कर
    दिए
    गए
    हैं।


वादा-
3:
धारा
370,
35A
का
निर्मूलन

‌BJP
ने
अपना
ये
वादा
पूरा
किया
है।

  • 5
    अगस्त
    2019
    को
    जम्मू-कश्मीर
    से
    अनुच्छेद
    370
    और
    35A
    के
    प्रभाव
    को
    खत्म
    कर
    दिया
    गया
    था।
    इसके
    तहत
    राज्य
    को
    जम्मू-कश्मीर
    और
    लद्दाख
    में
    बांटकर
    दोनों
    को
    केंद्र
    शासित
    प्रदेश
    बना
    दिया
    था।
  • इस
    फैसले
    के
    खिलाफ
    सुप्रीम
    कोर्ट
    में
    कई
    याचिकाएं
    दायर
    हुईं।
    लगभग
    4
    साल
    बाद
    11
    दिसंबर
    2023
    को
    सुप्रीम
    कोर्ट
    ने
    सरकार
    के
    फैसले
    को
    वैध
    माना।
  • हालांकि,
    जम्मू-कश्मीर
    से
    धारा
    370
    हटाने
    के
    निर्णय
    का
    कांग्रेस,
    PDP,
    AIMIM
    और
    JDU
    जैसे
    कई
    विपक्षी
    दलों
    ने
    विरोध
    किया
    है।


वादा-
4:
घुसपैठ
से
प्रभावित
क्षेत्रों
में
चरणबद्ध
तरीके
से
NRC
लागू
करेंगे

‌BJP
का
यह
चुनावी
वादा
अभी
अधूरा
है।

  • 20
    नवंबर
    2019
    को
    गृहमंत्री
    अमित
    शाह
    ने
    राज्यसभा
    में
    एक
    सवाल
    के
    जवाब
    में
    कहा
    था
    कि
    NRC
    की
    प्रक्रिया
    पूरे
    देश
    में
    लागू
    की
    जाएगी।
    इसमें
    किसी
    भी
    धर्म
    के
    आधार
    पर
    लोगों
    को
    बाहर
    करने
    का
    कोई
    प्रावधान
    नहीं
    है।
  • दिलचस्प
    बात
    ये
    है
    कि
    इसके
    करीब
    दो
    महीने
    बाद
    ही
    22
    दिसंबर
    2019
    को
    प्रधानमंत्री
    मोदी
    ने
    एक
    रैली
    में
    कहा
    कि
    उनकी
    सरकार
    में
    2014
    से
    आज
    तक
    NRC
    को
    लेकर
    कोई
    चर्चा
    नहीं
    हुई,
    सिर्फ
    असम
    में
    सुप्रीम
    कोर्ट
    के
    आदेश
    के
    अनुसार
    NRC
    लागू
    किया
    गया
    है।
    अमित
    शाह
    और
    मोदी
    के
    इन
    बयानों
    से
    पैदा
    हुए
    विरोधाभास
    की
    खूब
    चर्चा
    हुई
    थी।
  • 31
    अगस्त
    2019
    को
    NRC
    की
    आखिरी
    लिस्ट
    जारी
    की
    गई
    है।
    उधर,
    मणिपुर
    ने
    साल
    2022
    में
    विधानसभा
    में
    एक
    प्रस्ताव
    पारित
    किया
    गया
    है
    जिसमें
    केंद्र
    से
    मणिपुर
    में
    NRC
    लागू
    करने
    की
    मांग
    की
    गई
    है।
  • NRC
    को
    लेकर
    विपक्षी
    दलों
    ने
    लगातार
    शंकाएं
    जाहिर
    की
    हैं
    और
    विरोध
    भी
    किया
    है,
    AIMIM
    के
    मुखिया
    असदुद्दीन
    ओवैसी
    जैसे
    कई
    नेताओं
    ने
    इसे
    देश
    के
    मुसलमानों
    के
    साथ
    अन्यायपूर्ण
    बताया
    है।
  • 2024
    के
    संकल्प
    पत्र
    में
    एनआरसी
    नहीं
    है,
    लेकिन
    नागरिकता
    संशोधन
    अधिनियम
    (सीएए)
    को
    लागू
    करने
    की
    बात
    की
    गई
    है।


वादा-
5:
एक
साथ
लोकसभा
और
राज्यों
की
विधानसभाओं
के
चुनाव
के
लिए
सभी
पार्टियों
की
सहमति
का
प्रयास

एक
साथ
सभी
चुनाव
करा
पाना
अभी
भी
दूर
की
कौड़ी
है,
इसके
लिए
‌BJP
के
प्रयास
का
वादा
अभी
अधूरा
है।

  • 1967
    तक
    देश
    में
    एक
    साथ
    ही
    लोकसभा
    और
    राज्य
    की
    विधानसभाओं
    के
    चुनाव
    हुए,
    लेकिन
    इसके
    बाद
    यह
    क्रम
    टूट
    गया।
  • ‘एक
    देश-एक
    चुनाव’
    ‌BJP
    का
    पुराना
    चुनावी
    मुद्दा
    रहा
    है।
    ‌BJP
    के
    दिग्गज
    नेता
    और
    देश
    के
    पूर्व
    प्रधानमंत्री
    रहे
    अटल
    बिहारी
    बाजपेयी
    और
    लाल
    कृष्ण
    आडवाणी
    भी
    एक
    साथ
    लोकसभा
    और
    विधानसभाओं
    के
    चुनाव
    करवाने
    के
    पक्ष
    में
    थे।
    1999
    में
    जब
    अटल
    की
    सरकार
    थी
    तब
    एक
    कानून
    आयोग
    की
    रिपोर्ट
    में
    लोकसभा
    और
    राज्य
    विधानसभाओं
    के
    चुनाव
    एक
    साथ
    कराने
    की
    सिफारिश
    की
    गई
    थी।
    सरकारें
    बदलने
    के
    साथ
    ‘एक
    देश-एक
    चुनाव’
    की
    बहस
    भी
    चलती
    रही।
  • 2014
    के
    अपने
    चुनावी
    घोषणा
    पत्र
    में
    ‌BJP
    ने
    कहा,
    ‘वह
    सभी
    दलों
    से
    विमर्श
    करके
    ऐसा
    तरीका
    बनाना
    चाहती
    है
    कि
    लोकसभा
    और
    विधानसभाओं
    के
    चुनाव
    एक
    साथ
    हों।’
  • हालिया
    स्थिति
    यह
    है
    कि
    इसको
    लेकर
    2
    सितंबर
    2023
    को
    पूर्व
    राष्ट्रपति
    रामनाथ
    कोविंद
    की
    अध्यक्षता
    में
    एक
    कमेटी
    बनाई
    गई
    थी।
    इसने
    14
    मार्च
    2024
    को
    18,626
    पन्नों
    की
    अपनी
    रिपोर्ट
    राष्ट्रपति
    को
    सौंप
    दी
    है।
    इस
    कमेटी
    ने
    62
    राजनीतिक
    दलों
    से
    संपर्क
    किया
    था,
    जिसमें
    47
    राजनीतिक
    दलों
    ने
    जवाब
    दिया।
    32
    पार्टियों
    ने
    एक
    साथ
    चुनाव
    कराने
    को
    लेकर
    हामी
    भरी
    है।
    वहीं,
    15
    पार्टियों
    ने
    इसका
    विरोध
    किया
    है।


वादा-
6:
सभी
सार्वजनिक
निकायों
में
मतदान
के
लिए
एक
मतदाता
सूची
का
प्रयास

एक
मतदाता
सूची
के
प्रयास
का
‌BJP
का
वादा
पूरा
कहा
जा
सकता
है।

  • एक
    देश-एक
    चुनाव’
    पर
    विचार
    और
    सुझाव
    के
    लिए
    बनी
    पूर्व
    राष्ट्रपति
    रामनाथ
    कोविंद
    की
    अध्यक्षता
    वाली
    कमेटी
    से
    सिंगल
    वोटर
    लिस्ट
    लागू
    करने
    के
    तरीकों
    पर
    भी
    सुझाव
    मांगे
    गए
    थे।
    जिसके
    जवाब
    में
    कमेटी
    ने
    सिफारिश
    की
    है
    कि
    लोकसभा,
    विधानसभा,
    नगर
    पालिकाओं
    और
    पंचायतों
    के
    चुनाव
    के
    लिए
    एक
    मतदाता
    सूची
    और
    पहचान
    पत्र
    की
    व्यवस्था
    की
    जानी
    चाहिए।
    इसके
    लिए
    संविधान
    के
    अनुच्छेद
    325
    को
    संशोधित
    किया
    जा
    सकता
    है।


वादा-
7:
तीन
तलाक,
निकाह-हलाला
जैसी
प्रथाओं
के
उन्मूलन
के
लिए
कानून

तीन-तलाक
(तलाक-ए-बिद्दत)
के
उन्मूलन
का
‌BJP
का
वादा
पूरा
हुआ
है।

  • तीन
    तलाक
    (तलाक-ए-बिद्दत)
    और
    हलाला
    जैसी
    प्रथाओं
    के
    उन्मूलन
    के
    लिए
    मुस्लिम
    महिला
    (विवाह
    अधिकार
    संरक्षण)
    विधेयक,
    2017
    में
    लोकसभा
    से
    पारित
    हुआ,
    लेकिन
    विपक्ष
    के
    विरोध
    के
    चलते
    राज्यसभा
    में
    अटक
    गया
    था।
  • साल
    2017
    में
    सुप्रीम
    कोर्ट
    ने
    भी
    सरकार
    को
    6
    महीने
    के
    अंदर
    तीन
    तलाक
    पर
    कानून
    बनाने
    का
    निर्देश
    दिया
    था।
    2019
    के
    चुनाव
    के
    बाद
    सरकार
    ने
    कुछ
    संशोधनों
    के
    साथ
    तीन
    तलाक
    के
    बिल
    को
    फिर
    से
    सदन
    में
    पेश
    किया।
    इस
    बार
    ये
    बिल
    दोनों
    सदनों
    से
    पास
    हो
    गया।
  • इस
    कानून
    के
    बनने
    से
    इस्लाम
    में
    तलाक
    के
    तीन
    तरीकों
    से
    से
    एक
    तलाक-ए-बिद्दत
    (एक
    साथ
    तील
    तलाक
    देकर
    शादी
    तोड़ना)
    गैरकानूनी
    हो
    गया
    है,
    इस
    तरह
    से
    तीन
    तलाक
    देने
    पर
    3
    साल
    की
    सजा
    का
    प्रावधान
    है।
  • वहीं
    इस्लाम
    में
    तलाक
    के
    एक
    और
    तरीके,
    तलाक-ए-हसन
    (तीन
    महीने
    में
    तीन
    बार
    तलाक
    देकर
    शादी
    तोड़ना)
    की
    वैधता
    को
    भी
    चुनौती
    देते
    हुए
    सुप्रीम
    कोर्ट
    में
    कई
    याचिकाएं
    दायर
    की
    गई
    थीं।
    यह
    मामला
    अभी
    जारी
    है।


वादा-
8:
समान
नागरिक
संहिता
बनाना

समान
नागरिक
संहिता
लागू
करने
का
‌BJP
का
वादा
अभी
अधूरा
है।

  • संविधान
    के
    आर्टिकल-44
    यानी
    राज्य
    के
    नीति
    निदेशक
    तत्वों
    में
    सभी
    नागरिकों
    के
    लिए
    समान
    कानून
    लागू
    करने
    की
    बात
    कही
    गई
    है।
    अभी
    देश
    में
    नागरिकों
    के
    लिए
    सामान
    आपराधिक
    संहिता
    है,
    लेकिन
    समान
    नागरिक
    संहिता
    लागू
    (UCC)
    नहीं
    हो
    पाई
    है।
    इसे
    लेकर
    समय-समय
    पर
    विरोध
    भी
    किया
    गया
    है।
  • अभी
    तक
    सिर्फ
    गोवा
    में
    समान
    नागरिक
    संहिता
    लागू
    है।
    वहीं
    फरवरी
    2024
    में
    उत्तराखंड
    विधानसभा
    में
    भी
    UCC
    ध्वनि
    मत
    से
    पारित
    हो
    गया
    है।


वादा-
9:
संसद
और
विधानसभाओं
में
महिलाओं
के
लिए
33%
आरक्षण

‌BJP
का
यह
चुनावी
वादा
पूरा
हुआ
कहा
जा
सकता
है।

  • लोकसभा
    और
    राज्य
    की
    विधानसभाओं
    में
    महिलाओं
    के
    लिए
    एक-तिहाई
    सीटें
    आरक्षित
    करने
    के
    लिए
    पहली
    बार
    1996
    में
    कोई
    बिल
    लाया
    गया
    था।
  • 27
    साल
    बाद
    20
    सितंबर
    2023
    में
    ये
    बिल
    लोकसभा
    से
    और
    फिर
    22
    सितंबर
    को
    राज्यसभा
    से
    पारित
    हो
    गया।
    28
    सितंबर
    को
    राष्ट्रपति
    ने
    भी
    इसे
    अपनी
    मंजूरी
    दे
    दी।
  • इस
    तरह
    बिल
    लागू
    होने
    के
    लिए
    जरूरी
    कानूनी
    जरूरतें
    तो
    पूरी
    हो
    चुकी
    हैं,
    लेकिन
    परिसीमन
    और
    जनगणना
    पूरी
    होने
    के
    बाद
    ही
    इसे
    लागू
    किया
    जा
    सकता
    है।
  • 20
    सितंबर
    2023
    को
    लोकसभा
    में
    गृहमंत्री
    अमित
    शाह
    ने
    कहा
    कि
    परिसीमन
    की
    कवायद
    2024
    के
    लोकसभा
    चुनाव
    के
    बाद
    ही
    की
    जाएगी
    और
    इसलिए
    2029
    के
    बाद
    ही
    महिला
    आरक्षण
    विधेयक
    लागू
    हो
    सकेगा।


वादा-
10:
2022
तक
स्वच्छ
गंगा
का
लक्ष्य

सरकार
का
गंगा
को
साफ
करने
का
वादा
अभी
अधूरा
है।

  • साल
    2014
    में
    ‌BJP
    की
    सरकार
    बनते
    ही
    ‘नमामि
    गंगे
    योजना’
    की
    शुरुआत
    हुई,
    जिसका
    उद्देश्य
    गंगा
    को
    स्वच्छ
    बनाना
    था।
    मीडिया
    को
    RTI
    के
    तहत
    मिली
    जानकारी
    के
    मुताबिक
    2022
    तक
    सरकार
    इस
    योजना
    के
    लिए
    जारी
    हुए
    20,000
    करोड़
    रुपए
    का
    सिर्फ
    27%
    ही
    खर्च
    कर
    पाई।
    दिसंबर
    2022
    में
    जल
    शक्ति
    राज्य
    मंत्री
    विशेश्वर
    टुडू
    ने
    कहा
    कि
    ‘नमामि
    गंगे
    योजना’
    के
    तहत
    अभी
    तक
    30,458
    करोड़
    रुपए
    की
    अनुमानित
    लागत
    के
    साथ
    कुल
    353
    परियोजनाओं
    को
    स्वीकृत
    किया
    गया
    है,
    जिसमें
    से
    178
    परियोजनाएं
    पूरी
    हो
    चुकी
    हैं।
  • संसद
    में
    गंगा
    की
    सफाई
    के
    सवाल
    पर
    सरकार
    का
    एक
    सा
    जवाब
    रहा
    है
    कि
    नदी
    की
    सफाई
    सतत
    प्रक्रिया
    है।
    हालांकि,
    समय-समय
    पर
    गंगा
    की
    सफाई
    के
    लिए
    ‘अर्ध
    गंगा
    मॉडल
    जैसी
    अन्य
    योजनाएं
    भी
    आईं,
    लेकिन
    अभी
    गंगा
    को
    पूरी
    तरह
    साफ
    नहीं
    किया
    जा
    सका
    है।
  • 14
    दिसंबर
    2023
    को
    जल
    शक्ति
    मंत्रालय
    द्वारा
    जारी
    एक
    प्रेस
    रिलीज
    में
    कहा
    गया
    कि
    ‘नमामि
    गंगे
    कार्यक्रम’
    के
    तहत,
    कुल
    195
    सीवरेज
    बुनियादी
    ढांचा
    परियोजनाओं
    में
    से
    109
    सीवरेज
    परियोजनाएं
    पूरी
    हो
    चुकी
    हैं
    और
    2,664
    MLD
    (मिलियन
    लीटर
    प्रति
    दिन)
    सीवरेज
    ट्रीटमेंट
    प्लांट
    क्षमता
    का
    निर्माण
    और
    पुनर्वास
    हो
    चुका
    है।
    राष्ट्रीय
    स्वच्छ
    गंगा
    मिशन
    (NMCG)
    ने
    दिसंबर
    2026
    तक
    7,000
    MLD
    की
    ट्रीटमेंट
    क्षमता
    को
    मंजूरी
    देने
    का
    लक्ष्य
    रखा
    है।
  • सरकार
    की
    उदासीनता
    का
    स्तर
    यह
    है
    कि
    प्रधानमंत्री
    मोदी
    की
    अध्यक्षता
    वाली
    राष्ट्रीय
    गंगा
    परिषद
    की
    बीते
    छह
    सालों
    में
    केवल
    एक
    बैठक
    हुई
    है,
    जबकि
    नियमतः
    इसे
    हर
    साल
    होना
    चाहिए
    था।


वादा-
11:
भ्रष्टाचार
मुक्त
भारत
के
प्रयास

‌BJP
का
भ्रष्टाचार
मुक्त
भारत
के
प्रयास
का
वादा
अभी
अधूरा
है।

  • PM
    नरेंद्र
    मोदी
    ने
    75वें
    स्वतंत्रता
    दिवस
    के
    मौके
    पर
    लाल
    किले
    से
    कहा
    था
    कि
    ‘पिछले
    आठ
    सालों
    में
    जो
    दो
    लाख
    करोड़
    रुपए
    गलत
    हाथों
    में
    जाते
    थे,
    उनको
    बचाकर
    देश
    की
    भलाई
    के
    काम
    में
    लगाने
    में
    हम
    सफल
    हुए
    हैं।’
  • केंद्र
    सरकार
    लगातार
    भ्रष्टाचार
    के
    खिलाफ
    सख्त
    कदम
    उठाने
    की
    बात
    कहती
    आई
    है।
    केंद्र
    में
    ‌BJP
    की
    सरकार
    आने
    के
    बाद
    ED
    और
    CBI
    जैसी
    जांच
    एजेंसियों
    की
    कार्रवाई
    बढ़ी
    है।
  • हालांकि,
    1995
    से
    हर
    साल
    भ्रष्टाचार
    की
    स्थिति
    का
    मूल्यांकन
    करने
    वाली
    संस्था
    ‘ट्रान्सपेरेंसी
    इंटरनेशनल’
    की
    रिपोर्ट
    के
    अनुसार
    2023
    में
    करप्शन
    परसेप्शन
    इंडेक्स
    में
    भारत
    39
    अंकों
    के
    साथ
    180
    देशों
    में
    से
    93वें
    स्थान
    पर
    है,
    जबकि
    2019
    में
    भारत
    80वें
    स्थान
    पर
    था।


वादा-
12:
भगोड़े
आर्थिक
अपराधियों
को
भारत
वापस
लाने
और
मुकदमा
चलने
की
कार्रवाई
तेज
करेंगे

‌BJP
का
यह
वादा
अधूरा
है।

  • साल
    2018
    में
    केंद्र
    सरकार
    ने
    भगोड़ा
    आर्थिक
    अपराधी
    अधिनियम
    (FEOA)
    पारित
    किया
    गया।
    इसका
    मकसद
    कानूनी
    कार्रवाई
    से
    बचने
    के
    लिए
    देश
    छोड़ने
    वाले
    आर्थिक
    अपराधियों
    को
    रोकना
    है।
  • 1
    अगस्त
    2023
    को
    केंद्र
    सरकार
    ने
    बताया
    कि
    2018
    से
    अब
    तक
    विजय
    माल्या,
    नीरव
    मोदी
    समेत
    10
    लोगों
    को
    भगोड़ा
    आर्थिक
    अपराधी
    घोषित
    किया
    गया
    है।
    इन्होंने
    40,000
    करोड़
    रुपए
    से
    ज्यादा
    का
    घोटाला
    किया
    है,
    जिसमें
    से
    15,000
    करोड़
    रुपए
    की
    संपत्ति
    जब्त
    कर
    ली
    गई
    है।
  • हालांकि,
    केंद्र
    सरकार
    इन
    भागे
    हुए
    10
    लोगों
    वापस
    देश
    लाने
    में
    नाकाम
    रही
    है।
    ‌BJP
    ने
    अपने
    वादे
    में
    कार्रवाई
    तेज
    करने
    की
    बाद
    कही
    थी,
    लेकिन
    परिणाम
    बताते
    हैं
    कि
    इसका
    कोई
    फायदा
    नहीं
    हुआ
    है।


वादा-
13:
भारत
गौरव
योजना
की
शुरुआत

‌BJP
का
यह
योजना
शुरू
करने
का
वादा
पूरा
हुआ
है।

  • नवंबर
    2021
    में
    भारत
    गौरव
    योजना
    की
    शुरुआत
    हो
    चुकी
    है।
    इस
    योजना
    के
    तहत
    ट्रेनों
    में
    पर्यटन
    के
    लिये
    तीसरा
    अनुभाग
    स्थापित
    किया
    गया।
    इससे
    पहले
    रेलवे
    के
    पास
    यात्री
    अनुभाग
    और
    माल
    अनुभाग
    थे।
  • इस
    अभियान
    का
    उद्देश्य
    भारत
    में
    ट्रेन
    के
    जरिए
    सांस्कृतिक
    विरासत

    भव्य
    ऐतिहासिक
    स्थलों
    के
    दर्शन
    और
    देश
    में
    पर्यटन
    को
    बढ़ावा
    देना
    है।
  • कोयंबटूर
    उत्तर
    से
    साईंनगर
    शिर्डी
    के
    लिए
    पहली
    भारत
    गौरव
    ट्रेन
    14
    जून,
    2022
    को
    शुरू
    हुई
    थी।

वरिष्ठ
पत्रकार
और
राजनीतिक
विश्लेषक
अरुण
दीक्षित
कहते
हैं
कि
राम
मंदिर
निर्माण,
जम्मू-कश्मीर
से
धारा
370
और
35A
को
हटाने,
CAA,
NRA
तीन
तलाक,
एक
देश-एक
चुनाव
और
यूनिफार्म
सिविल
कोड
जैसे
मुद्दे,
‌BJP
के
राजनीतिक
एजेंडे
और
देश
की
बहुसंख्यक
आबादी
को
साधने
की
कोशिश
के
तहत
आते
हैं।

अरुण
के
मुताबिक,
राम
मंदिर
का
मुद्दा
देश-दुनिया
के
हिंदुओं
को
आकर्षित
करता
है।
असम
में
NRC
लागू
करने
के
उदेश्य
यह
संकेत
देना
है
कि
हम
असमिया
हिंदू
के
साथ
हैं।
धारा
370
के
उन्मूलन
के
पीछे
यह
उद्देश्य
भी
था
कि
पूरे
देश
के
बहुसंख्यकों
में
यह
संदेश
जाए
कि
हमने
जम्मू-कश्मीर
को
पूरी
तरह
देश
में
मिला
लिया
है।

एक
देश-एक
चुनाव’
एक
राजनीतिक
वादा
है,
पूरे
देश
में
अलग-अलग
भौगोलिक
परिस्थितियां
हैं,
ऐसे
में
एक
साथ
सभी
चुनाव
कराना
मुश्किल
है।
सरकार
को
कम
से
कम
एक
राज्य
में
पायलट
प्रोजेक्ट
के
तहत
एक
साथ
सभी
निकाय
और
विधानसभा
चुनाव
कराने
की
शुरुआत
करनी
चाहिए
थी।

सभी
चुनावों
के
लिए
एक
मतदाता
सूची
के
प्रयास
का
वादा
धराशायी
है।
चुनाव
आयोग
ही
सूचियां
बदल
देता
है।
लोकसभा
चुनाव
की
सूची
में
जिसका
वोट
होता
है
उसका
विधानसभा
चुनाव
में
कट
जाता
है।
तीन
तलाक
के
मुद्दे
पर
कानून
बनाने
के
बाद
सरकार
को
यह
आंकड़े
भी
जारी
करने
चाहिए
कि
कितनी
मुस्लिम
महिलाओं
को
इससे
फायदा
मिला।

******



रिसर्च
में
सहयोग:
आकाश
मिश्र



ग्राफिक्स:
अंकुर
बंसल,
महेंद्र
वर्मा


खबरें
और
भी
हैं…