
‘मेरे
पिता
काम
में
इतने
व्यस्त
रहते
थे
कि
उनके
पास
परिवार
के
लिए
कभी
समय
नहीं
रहा।
मैं
मां
से
शिकायत
करता
था
कि
पापा
मुझे
समय
नहीं
देते।’
.
ये
बात
श्रीकांत
शिंदे
ने
तीन
महीने
पहले
फरवरी
में
कही
थी।
श्रीकांत
महाराष्ट्र
के
CM
एकनाथ
शिंदे
के
बेटे
हैं।
कल्याण
लोकसभा
सीट
से
दो
बार
के
सांसद
हैं
और
इस
बार
भी
यहीं
से
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
यही
वजह
है
कि
एकनाथ
शिंदे
बेटे
के
लिए
न
सिर्फ
समय
दे
रहे
हैं,
बल्कि
पूरी
ताकत
भी
लगा
रहे
हैं।
खबरें
हैं
कि
BJP
कार्यकर्ता
श्रीकांत
शिंदे
से
नाराज
हैं।
इससे
नुकसान
न
हो,
इसलिए
15
मई
को
यहां
PM
मोदी
की
रैली
कराई
गई।
चर्चा
ऐसी
भी
है
कि
उद्धव
ठाकरे
ने
कल्याण
सीट
से
वैशाली
दरेकर
को
टिकट
देकर
श्रीकांत
शिंदे
के
लिए
मुकाबला
आसान
कर
दिया
है।
बदले
में
CM
एकनाथ
शिंदे
ने
ठाणे
में
ठाकरे
गुट
के
कैंडिडेट
और
मौजूदा
सांसद
राजन
विचारे
के
सामने
कमजोर
प्रत्याशी
उतारा
है।

एकनाथ
शिंदे
खुद
ठाणे
की
कोपरी-पचपखाड़ी
विधानसभा
सीट
से
विधायक
हैं।
उन्होंने
ठाणे
सीट
से
पूर्व
मेयर
नरेश
म्हस्के
को
टिकट
दिया
है।
कल्याण
सीट
पर
20
मई
को
चुनाव
है।
इससे
पहले
दैनिक
भास्कर
ग्राउंड
पर
पहुंचा
और
यहां
के
समीकरण
समझे।
आम
लोगों
को
अलावा
एक्सपर्ट्स
और
दोनों
बड़ी
पार्टियों
के
कैंडिडेट
और
पार्टी
के
नेताओं
से
बात
की।
इस
बातचीत
से
4
पॉइंट
समझ
आते
हैं
1.
श्रीकांत
शिंदे
लगातार
दो
बार
से
सांसद
हैं,
इस
बार
भी
वे
सबसे
मजबूत
कैंडिडेट
हैं।
उन्हें
पिता
के
CM
होने
का
फायदा
मिल
रहा
है।
2.
कल्याण
सीट
शिवसेना
का
मजबूत
गढ़
रही
है।
2009
में
बनी
इस
सीट
पर
हमेशा
शिवसेना
ही
जीती
है।
ये
एरिया
एकनाथ
शिंदे
के
प्रभाव
वाला
है।
3.
उद्धव
ठाकरे
की
पार्टी
शिवसेना
(UBT)
ने
वैशाली
दरेकर
को
टिकट
दिया
है।
एक्सपर्ट्स
के
मुताबिक,
श्रीकांत
शिंदे
के
मुकाबले
में
वे
कमजोर
कैंडिडेट
हैं।
4.
BJP
विधायक
गणपत
गायकवाड
और
मनसे
विधायक
राजीव
पाटिल
श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
हैं।
इससे
श्रीकांत
शिंदे
का
थोड़ा
नुकसान
हो
सकता
है।

श्रीकांत
शिंदे
बोले-
मुकाबले
में
कौन
है,
इससे
फर्क
नहीं
पड़ता
पेशे
से
डॉक्टर
श्रीकांत
शिंदे
2014
में
पहली
बार
कल्याण
सीट
से
सांसद
चुने
गए
थे।
2019
में
भी
इसी
सीट
से
जीते।
वे
कहते
हैं,
‘हम
डेवलपमेंट
का
मुद्दा
लेकर
लोगों
के
बीच
जा
रहे
हैं।
लोग
जो
बातें
कर
रहे
हैं
कि
ठाकरे
गुट
ने
मेरे
सामने
डमी
कैंडिडेट
उतारा
है,
उन्हें
एक
बार
डिसाइड
करना
चाहिए
कि
वे
क्या
कहना
चाहते
हैं।’
‘मुझे
लगता
है
कि
उन्होंने
(ठाकरे
गुट)
किसे
उम्मीदवारी
दी
है,
इस
पर
बात
करने
की
बजाय
हम
अपना
काम
लोगों
तक
पहुंचाने
पर
काम
कर
रहे
हैं।’

शिवसेना
(UBT)
कैंडिडेट
बोलीं-
PM
मेरे
खिलाफ
प्रचार
करने
आए,
यही
मेरी
जीत
कल्याण
सीट
से
चुनाव
लड़ने
के
लिए
पहले
आदित्य
ठाकरे
के
नाम
की
चर्चा
थी।
हालांकि,
पार्टी
ने
वैशाली
दरेकर
पर
भरोसा
दिखाया।
वैशाली
19
साल
से
राजनीति
में
हैं
और
2009
में
मनसे
के
टिकट
पर
लोकसभा
चुनाव
लड़
चुकी
हैं।
2018
में
उन्होंने
मनसे
छोड़कर
शिवसेना
जॉइन
की
थी।
वैशाली
कहती
हैं,
‘शुरुआत
में
मेरा
नाम
डिक्लेयर
हुआ,
तो
इन
लोगों
ने
कहा
कि
ये
तो
डमी
उम्मीदवार
है।
अब
प्रधानमंत्री
को
खुद
यहां
आना
पड़ा
है।
इसमें
ही
हमारी
जीत
है
कि
प्रधानमंत्री
को
खुद
प्रचार
के
लिए
आना
पड़
रहा
है।
अगर
काम
किया
होता,
तो
इसकी
जरूरत
नहीं
पड़ती।’
‘मेरे
खिलाफ
ED
और
इनकम
टैक्स
से
कुछ
नहीं
कर
सकते,
तो
मेरे
चुनाव
कार्यालय
के
पास
बड़ा
होर्डिंग
लगा
रहे
हैं।
लोगों
को
धमका
रहे
हैं,
लेकिन
हम
रुकने
वाले
नहीं
हैं।’
‘ये
मेरा
पहला
इलेक्शन
नहीं
है।
पहले
भी
मैंने
चुनाव
लड़ा
है।
उस
समय
तो
कांग्रेस
की
सरकार
थी,
लेकिन
कभी
ऐसा
नहीं
हुआ
कि
ऑफिस
नहीं
मिल
रहा
है।
कहीं
होर्डिंग
नहीं
लगा
सकते,
कहीं
प्रचार
नहीं
कर
सकते,
ये
सब
नहीं
होता
था।
आज
तानाशाही
हो
रही
है।’
एक्सपर्ट
बोले-
BJP
वर्कर्स
श्रीकांत
शिंदे
से
नाराज
सीनियर
जर्नलिस्ट
विवेक
भावसार
कहते
हैं,
‘वैशाली
दरेकर
ने
2009
के
लोकसभा
चुनाव
में
अच्छी
फाइट
दी
थी।
उसके
बाद
से
वे
पॉलिटिक्स
से
दूर
थीं।
इस
बार
शिवसेना
(UBT)
को
यहां
उम्मीदवार
नहीं
मिल
रहा
था,
इसलिए
वैशाली
दरेकर
को
टिकट
दिया
गया।
दूसरी
ओर
श्रीकांत
शिंदे
ने
10
साल
में
कम
से
कम
2
हजार
करोड़
का
काम
किया
है।
इसी
वजह
लोगों
के
बीच
उनके
बारे
में
अच्छी
राय
है।’
‘श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
दिखने
में
वैशाली
दरेकर
कमजोर
उम्मीदवार
नजर
आ
रही
हैं,
लेकिन
जैसे-जैसे
इलेक्शन
करीब
आ
रहा
है,
वे
लोगों
के
नजदीक
पहुंच
रही
हैं।
इसकी
बड़ी
वजह
BJP
वर्कर्स
में
श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
बहुत
ज्यादा
नाराजगी
है।’

सीनियर
जर्नलिस्ट
विवेक
भावसार
कहते
हैं,
‘कल्याण
सीट
में
आने
वाला
डोंबिवली
बड़ा
शहर
है।
ये
BJP
और
RSS
का
गढ़
है।
श्रीकांत
शिंदे
ने
कई
बार
यहां
BJP
वर्कर्स
के
छोटे-छोटे
काम
तक
नहीं
किए।
BJP
में
दबी
जुबान
में
कहा
जाता
है
कि
ठाणे
जिला
BJP
के
लिए
और
देवेंद्र
फडणवीस
के
लिए
अलग
स्टेट
है।
मतलब
यहां
देवेंद्र
फडणवीस
का
हुक्म
और
शासन
नहीं
चलता।
मुख्यमंत्री
एकनाथ
शिंदे
की
ही
चलती
है।’
‘इसीलिए
BJP
वर्कर्स
में
श्रीकांत
शिंदे
और
CM
के
खिलाफ
नाराजगी
है।
इसका
नुकसान
श्रीकांत
शिंदे
को
हो
सकता
है।
हालांकि,
श्रीकांत
शिंदे
और
वैशाली
दरेकर
के
बीच
वोटों
को
बहुत
बड़ा
फर्क
रहेगा।’
‘कुछ
और
फैक्टर
भी
हैं।
BJP
विधायक
गणपत
गायकवाड
को
श्रीकांत
शिंदे
की
वजह
से
आपसी
झगड़े
में
जेल
में
जाना
पड़ा।
उनकी
पत्नी
वैशाली
दरेकर
का
प्रचार
करते
हुए
साथ
में
घूम
रही
थीं।
गणपत
गायकवाड
की
नाराजगी
श्रीकांत
शिंदे
से
है।
मनसे
विधायक
राजीव
पाटिल
भी
श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
हैं।
BJP
के
जितने
भी
वर्कर्स
श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
हैं,
वे
चुनाव
में
काम
नहीं
कर
रहे
हैं।’

विवेक
भावसार
आगे
कहते
हैं,
‘अंबरनाथ
हो
या
कल्याण,
क्रिमिनल
रिकॉर्ड्स
वाले
कई
लोग
एकनाथ
शिंदे
की
शिवसेना
में
शामिल
कराए
गए
हैं।
उनके
लिए
साम,दाम,
दंड,
भेद
सब
इस्तेमाल
किया
गया।
कहा
गया
कि
आप
हमारे
साथ
आओ
वरना
आपको
अंदर
करवा
देंगे।’
‘इस
तरह
दबाव
बनाकर
पार्टी
का
विस्तार
किया
है।
अब
तो
इलेक्शन
चल
रहा
है।
फिर
भी
एकनाथ
शिंदे
कल्याण-डोंबिवली
इलाके
में
आकर
लोगों
को
पार्टी
में
शामिल
कर
रहे
हैं।
इसका
मतलब
है
कि
उनके
मन
में
शंका
है
कि
श्रीकांत
शिंदे
चुनाव
जीत
पाएंगे
या
नहीं।’

पॉलिटिकल
एक्सपर्ट
भगवान
परब
बताते
हैं,
‘कल्याण
लोकसभा
क्षेत्र
में
6
विधानसभा
सीट
मुंब्रा-कलवा,
डोंबिवली,
कल्याण
(पूर्व),
कल्याण
(रूरल),
उल्हासनगर
और
अंबरनाथ
आती
हैं।
मुंब्रा-कलवा
में
NCP
और
कल्याण
रूरल
में
मनसे
के
विधायक
हैं।
बाकी
चारों
विधानसभा
सीट
BJP
के
पास
हैं।’
‘खास
बात
ये
कि
यहां
ठाकरे
गुट
का
एक
भी
विधायक
नहीं
है।
इस
लिहाज
से
मुकाबला
थोड़ा
अलग
है।
फिर
भी
वैशाली
दरेकर
श्रीकांत
शिंदे
को
टक्कर
दे
रही
हैं।
जातीय
समीकरण
देखें
तो
मुंब्रा-कलवा
विधानसभा
क्षेत्र
में
मुस्लिम
वोटर
बहुत
हैं।
यहां
से
NCP
के
जितेंद्र
आव्हाड
विधायक
हैं।
मुस्लिम
वोटर्स
पर
उनकी
अच्छी
पकड़
है।’
‘महाराष्ट्र
में
तीन
पार्टियों
कांग्रेस,
शिवसेना
(UBT)
और
NCP
(SP)
का
गठबंधन
है।
इसलिए
विधायक
जितेंद्र
आव्हाड
वैशाली
दरेकर
का
सपोर्ट
कर
रहे
हैं।
मराठी
भाषी
वोटर्स
को
देखें
तो
यहां
लोकल
आगरी
पॉपुलेशन
बहुत
बड़ी
तादाद
में
है।
ये
उद्धव
गुट
और
एकनाथ
शिंदे
गुट
में
बराबर
बंटे
हुए
हैं।’

शिवसेना
के
पुराने
कार्यकर्ता
एकनाथ
शिंदे
के
साथ
आए
सीनियर
जर्नलिस्ट
योगेश
त्रिवेदी
बताते
हैं,
‘मुख्यमंत्री
एकनाथ
शिंदे
ने
अजित
पवार
गुट
और
BJP
के
साथ
अच्छी
तरह
मेलजोल
बना
रखा
है।
ऊपरी
स्तर
का
ये
समन्वय,
नीचे
तक
ले
जाना
जरूरी
है।
कल्याण
सीट
से
आने
वाले
BJP
के
रविंद्र
चव्हाण
राज्य
सरकार
में
मिनिस्टर
हैं।
उन्होंने
पहले
कहा
था
कल्याण
से
BJP
चुनाव
लड़ेगी।
हालांकि
अब
BJP
श्रीकांत
शिंदे
को
सपोर्ट
कर
रही
है।’

अब
आम
लोगों
की
बात
श्रीकांत
ने
अच्छा
काम
किया,
उनकी
जीत
के
चांस
ज्यादा
कल्याण
में
रहने
वाले
सुशील
पवार
कहते
हैं,
‘यहां
का
माहौल
श्रीकांत
शिंदे
के
पक्ष
में
है।
उन्होंने
यहां
बहुत
काम
कराए
हैं।
उल्हासनगर,
अंबरनाथ
और
कल्याण
के
के
लिए
सबसे
ज्यादा
फंड
मिला
है।
वे
युवाओं
से
सीधे
बात
करते
हैं।
10
साल
में
श्रीकांत
शिंदे
ने
जिस
तरह
काम
किया
है,
मुझे
लगता
है
इस
बार
वे
ज्यादा
लीड
से
चुनाव
जीतेंगे।


श्रीकांत
शिंदे
के
खिलाफ
एंटी
इनकम्बेंसी
दिख
रही,
लेकिन
हिंदुत्व
पर
सपोर्ट
कल्याण
के
ही
संजय
दांगले
कहते
हैं
कि
अब
जनता
बदलाव
चाहती
है।
यहां
ट्रैफिक,
रेल,
हेल्थ,
एजुकेशन
के
मुद्दे
तो
हैं
ही,
मणिपुर
हिंसा
का
भी
असर
है।
इससे
लगता
है
कि
पलड़ा
वैशाली
दरेकर
का
ही
भारी
है।
वहीं
जितेंद्र
मिश्रा
कहते
हैं
कि
यहां
तो
वोटिंग
हिंदू
और
सनातन
धर्म
के
आधार
पर
होगी।
जितेंद्र
की
तरह
ही
केशवराम
गुप्ता
दावा
करते
हैं
कि
यहां
तो
श्रीकांत
शिंदे
ही
चुनाव
जीतेंगे।
यहां
विकास
अच्छा
है,
लेकिन
हम
सिर्फ
हिंदुत्व
पर
वोट
देते
हैं
और
किसी
मुद्दे
पर
नहीं।
चाहे
हमारा
कोई
फायदा
हो
या
न
हो।
………………………………………..
महाराष्ट्र
से
इलेक्शन
पर
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हवा
का
रुख:
महाराष्ट्र
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घट
सकती
हैं
NDA
की
10
सीटें:30-32
सीटें
मिलने
के
आसार,
ठाकरे-पवार
परिवार
और
पार्टी
तोड़ने
से
लोग
नाराज -
टॉप
इश्यूज:
महाराष्ट्र
के
लोग
बोले-
राम
ठीक
हैं,
काम
भी
चाहिए:बाबरी
ढांचा
ढहाने
के
बाद
दंगों
में
जहां
700
लोग
मरे,
वहां
राममंदिर
मुद्दा
नहीं -
मोदी
की
रिपोर्टिंग:
क्या
‘भटकती
आत्मा’
से
बदलेगा
पुणे
का
सियासी
सेंटीमेंट:4
में
से
3
सीटों
पर
टफ
फाइट,
शरद
पवार
का
गढ़
बारामती -
VIP
सीट:
औरंगाबाद
में
शिवसेना
के
सामने
बालासाहेब
के
शिवसैनिक:ओवैसी
की
पार्टी
हैदराबाद
के
बाद
यहीं
जीत
पाई,
उद्धव
के
कैंडिडेट
को
मुस्लिम
वोटर्स
से
उम्मीद -
VIP
सीट:
सातारा
में
पहली
बार
जीत
सकती
है
BJP:विधानसभा
सीट
छत्रपति
शिवाजी
महाराज
के
वंशज
ने
दिलाई,
लोकसभा
में
भी
उन्हीं
पर
दांव -
VIP
सीट:
सिंधुदुर्ग
में
जीत
से
ज्यादा
एक-दूसरे
को
हराने
की
जिद:ग्राउंड
पर
आई
उद्धव-राणे
की
25
साल
पुरानी
लड़ाई,
पहली
बार
मुकाबले
में
BJP -
VIP
सीट:
नागपुर
में
गडकरी
के
लिए
उतरे
RSS
के
36
संगठन:कांग्रेस
कैंडिडेट
मजबूत,
लेकिन
विपक्ष
के
बिखरने
से
BJP
को
फायदा -
VIP
सीट:
मुंबई
नॉर्थ
में
पीयूष
गोयल
को
M
फैक्टर
से
खतरा:सेफ
सीट
से
लड़
रहे
पहला
चुनाव,
30
साल
में
सिर्फ
दो
बार
हारी
BJP -
VIP
इंटरव्यू:
उज्ज्वल
निकम
बोले-
टिकट
मिलते
ही
मुझे
देशद्रोही
कहा:कसाब
ने
करकरे
को
गोली
मारने
की
बात
मानी,
कांग्रेसी
नहीं
मान
रहे