
पटना
से
गोरखपुर
के
बीच
चलने
वाली
पाटलिपुत्र-गोरखपुर
एक्सप्रेस
अब
22
मार्च
से
नए
कोच
के
साथ
दौड़ेगी।
नए
कोच
पहले
से
ज्यादा
सुरक्षित
और
सुविधाजनक
हैं।
ट्रेन
में
कोचों
की
संख्या
बढ़कर
19
हो
जाएगी
और
ये
स्टेनलेस
स्टील
से
निर्मित
हैं।
वहीं
अब
ट्रेन
की
गति
क्षमता
में
भी
वृद्धि
होगी
क्योंकि
पहले
की
तुलना
में
नए
कोच
ज्यादा
हल्के
हैं।
जागरण
टीम,
पटना/आरा।
पूर्व
मध्य
रेलवे
के
अंतर्गत
संचालित
की
जाने
वाली
पाटलिपुत्र-गोरखपुर
एक्सप्रेस
(Patliputra
Gorakhpur
Express)
अब
22
मार्च
से
नए
कोच
के
साथ
दौड़ेगी।
नए
कोच
पूर्व
की
तुलना
में
ज्यादा
सुरक्षित
एवं
सुविधाजनक
हैं।
अब
इस
ट्रेन
में
कोचों
की
संख्या
बढ़कर
19
हो
जाएगी।
पूर्व
में
इस
ट्रेन
में
12
कोच
होते
थे।
नए
कोच
स्टेनलेस
स्टील
से
निर्मित
हैं।
कोच
की
आंतरिक
सजावट
भी
काफी
बेहतर
तरीके
से
की
गई
है।
इससे
ट्रेन
की
गति
क्षमता
में
भी
वृद्धि
हो
जाएगी,
क्योंकि
पहले
की
तुलना
में
नए
कोच
ज्यादा
हल्के
हैं।
इसके
साथ
ही
इसकी
सुरक्षा
पहले
की
तुलना
में
ज्यादा
बेहतर
है।दुर्घटना
की
स्थिति
में
भी
इस
कोच
से
यात्रियों
को
काफी
बचाव
होगा।
यात्रियों
की
सुविधा
को
देखते
हुए
अधिकांश
ट्रेनों
में
अब
नए
कोच
लगाए
जा
रहे
हैं।
इस
तरह
के
कोच
की
मांग
पूरे
देश
में
हो
रही
है।
रेलवे
धीरे-धीरे
नए
कोच
अधिकांश
ट्रेनों
में
लगा
रहा
है।
दो
अप्रैल
तक
लंबी
दूरी
की
सभी
ट्रेनों
में
आरक्षण
की
लंबी
प्रतीक्षा
होली
के
बाद
काम
पर
लौटने
वालों
की
भीड़
है
और
स्पेशल
ट्रेन
चलने
के
बाद
भी
आरक्षण
टिकट
नहीं
मिल
रहा
है।
रुटीन
ट्रेनों
में
लंबी
दूरी
के
लिए
दो
अप्रैल
तक
कोई
स्कोप
नहीं
है,
जबकि
स्पेशल
ट्रेनों
में
सीट
पांच
दिनों
के
अंतराल
में
मिल
जा
रही
है।श्रमजीवी
एक्सप्रेस
में
दो
अप्रैल
तक
105
वेटिंग
टिकट
मिल
रही
है।
हावड़ा
और
दिल्ली-मुंबई
से
आने-जाने
वाली
ट्रेनों
में
यही
स्थिति
है।
आरा
से
दिल्ली
जाने
वाली
दोनों
मगध
एक्सप्रेस
में
दो
अप्रैल
से
टिकट
मिलेगा।
एडवांस
बुकिंग
पर
नजर
डालें
तो
लंबी
दूरी
की
अधिकतर
ट्रेनों
में
अभी
से
वेटिंग
का
बोर्ड
लग
गया
है।
ट्रेनों
के
थर्ड
एसी
में
नोरूम
की
भी
स्थिति
है।
इसी
तरह
होली
के
बाद
पटना
दानापुर
से
चलने
और
गुजरने
वाली
लंबी
दूरी
की
ट्रेनों
में
लंबी
वेटिंग
है।
आरा
में
आए
लोगों
को
लग
रहा
है
कि
पूरे
मार्च
तक
जिले
में
ही
रहना
होगा,
क्योंकि
दूसरा
कोई
विकल्प
नहीं
है।
ट्रेनों
में
अब
सहारा
बचा
तत्काल
आरा
जंक्शन
से
अपने
काम
पर
जाने
वाले
यात्रियों
को
आरक्षित
सीट
नहीं
मिलने
के
कारण
यात्री
ट्रेनों
के
गेट
पर
लटककर
जाने
को
मजबूर
हैं।
ट्रेन
में
अभी
से
जो
रिजर्वेशन
काउंटर
हैं,
वहां
भीड़
ही
भीड़
है।
यात्रियों
को
जब
लाइन
में
लगने
के
बाद
टिकट
नहीं
मिलता
है
तो
मायूस
होकर
लौट
जा
रहे
हैं।
वहीं,
तत्काल
ही
एकमात्र
सहारा
है।
ट्रेनों
में
सीट
की
स्थिति
पटना
से
दिल्ली
जाने
के
लिए
20
मार्च
से
दो
अप्रैल
के
बीच
स्लीपर
में
सवा
सौ
से
ढाई
सौ
तक
वेटिंग
है।
थर्ड
एसी
में
सभी
बर्थ
बुक
हैं।
मगध
एक्सप्रेस
स्पेशल
में
दो
से
छह
अप्रैल
से
टिकट
कन्फर्म
टिकट
मिलेगा।
भागलपुर
सूरत
एक्सप्रेस
और
ब्रमपुत्र
एक्सप्रेस
में
अभी
से
लंबी
वेटिंग
है।
इन
दोनों
ट्रेनों
में
पांच
अप्रैल
तक
कोई
सीट
खाली
नहीं
है।दानापुर
बैंगलोर
सिटी
तक
जाने
वाली
संगमित्रा
एक्सप्रेस
में
दो
अप्रैल
तक
56
वेटिंग
चल
रही
है।
छह
अप्रैल
से
इस
ट्रेन
में
सीट
उपलब्ध
बताई
जा
रही
है।
इसके
पहले
किसी
भी
क्लास
में
सीट
नहीं
है।दानापुर
से
चलकर
सिकंदराबाद
जाने
वाली
एक्सप्रेस
गाड़ी
में
दो
अप्रैल
तक
वेटिंग
है।
उसके
बाद
सीट
उपलब्ध
होगी।
लोकयमान्य
तिलक
एक्सप्रेस
ट्रेन
में
पांच
अप्रैल
के
बाद
सीट
उपलब्ध
होगी।
विभूति
एक्सप्रेस
स्पेशल
ट्रेन
में
पूरे
महीने
सीट
खाली
नहीं
है।
वहीं,
पटना
आनंद
विहार
स्पेशल
ट्रेन
नंबर
03255
में
25
मार्च
से
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