
हाइलाइट्स
एक
अनुमान
के
अनुसार
धारावी
में
8
लाख
लोग
रहते
हैं.यहां
करीब
13
हजार
छोटे-मोटे
कारखाने
चल
रहे
हैं.अडानी
समूह
को
धारावी
के
पुनर्विकास
का
टेंडर
मिला
है.
नई
दिल्ली.
शिवसेना
(UBT)
प्रमुख
उद्धव
ठाकरे
ने
कल
यानी
शनिवार
20
जुलाई
को
कहा
कि
अगर
उनकी
पार्टी
महाराष्ट्र
विधानसभा
चुनाव
के
बाद
सत्ता
में
आती
है
तो
मुंबई
में
अडानी
समूह
(Adani
Group)
को
मिले
‘धारावी
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट’
(Dharavi
Redevelopment
Project)
के
टेंडर
को
रद्द
कर
देगी.
उद्धव
ठाकरे
के
इस
ऐलान
से
एक
बार
फिर
मुंबई
की
धारावी
(Dharavi)
और
धारावी
का
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
सुर्खियों
में
आ
गया
है.
धारावी
दुनिया
की
तीसरी
सबसे
बड़ी
स्लम
बस्ती
है
और
एशिया
की
सबसे
बड़ी
स्लम
बस्ती
है.
यह
भारत
का
सबसे
घनी
आबादी
वाला
इलाका
है
और
यहां
पेयजल
सहित
लगभग
सभी
मूलभूत
सुविधाओं
का
अभाव
है.
धारावी
के
रीडेवलपमेंट
के
लिए
पिछले
करीब
45
सालों
से
प्रयास
हो
रहे
हैं,
लेकिन
अभी
तक
धरातल
पर
कुछ
भी
नहीं
हुआ
है.
अडानी
के
धारावी
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
(Adani’s
Dharavi
Redevelopment
Project)
को
जानने
से
पहले
धारावी
के
बारे
में
जानते
हैं.
एशिया
की
इस
सबसे
बड़ी
स्लम
बस्ती
को
अंग्रेजों
ने
बसाया
था.
धारावी
करीब
625
एकड़
में
फैली
है.
इसका
साइज
न्यूयॉर्क
के
सेंट्रल
पार्क
जितना
है.
धारावी
में
कितने
लोग
रहते
हैं
इसका
सही
आंकड़ा
नहीं
है.
एक
अनुमान
के
मुताबिक,
240
हेक्टेयर
की
इस
बस्ती
में
8
लाख
लोग
रहते
हैं
और
13
हजार
छोटे
बिजनेस
हैं.
इस
छोटे
से
इलाके
में
हजारों
छोटे-छोटे
घर
बने
हैं.
धारावी
वाणिज्यिक
प्रॉपर्टी
के
लिहाज
से
देश
के
सबसे
महंगे
इलाके
बांद्रा-कुर्ला
कॉम्प्लेक्स
से
कुछ
ही
दूरी
पर
स्थित
है.
क्या
है
धारावी
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट?
धारावी
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
एक
महत्वाकांक्षी
परियोजना
है
जिसका
मकसद
धारावी
का
पूरी
तरह
कायाकल्प
करना
है.
धारावी
को
रीडेवलप
करने
की
योजना
पहली
बार
1980
में
बनी
थी.
लेकिन,
यह
अब
तक
सिरे
नहीं
चढ
पाई
है.
वर्ष
2004
में
महाराष्ट्र
राज्य
सरकार
ने
धारावी
का
बेहतर
शहरी
बुनियादी
ढांचे
के
साथ
कायाकल्प
करने
की
परिकल्पना
एक
बार
फिर
की.
इस
परियोजना
में
झुग्गी-झोपड़ियों
में
रहने
वाले
और
व्यावसायिक
प्रतिष्ठानों
वाले
लोगों
सहित
68,000
लोगों
को
स्थानांतरित
करना
शामिल
था.
जिन
लोगों
की
झुग्गी-झोपड़ी
यहां
1
जनवरी,
2000
से
पहले
अस्तित्व
में
है
उन्हें
300
वर्ग
फीट
का
घर
सरकार
की
तरफ
से
फ्री
में
दिया
जाना
था.
योजना
तो
बनी
पर
इस
पर
काम
नहीं
हुआ.
2018
में
भाजपा-शिवसेना
सरकार
ने
धारावी
के
लिए
एक
स्पेशल
पर्पज
व्हिकल
का
गठन
किया
और
पुनर्विकास
परियोजना
की
अधिसूचना
जारी
की.
बाद
में
वैश्विक
निविदाएं
आमंत्रित
की
गईं.
दुबई
स्थित
इंफ्रास्ट्रक्चर
फर्म
सेकलिंक
टेक्नोलॉजीज
कॉर्पोरेशन
जनवरी
2019
में
धारावी
के
के
रीडेवलपमेंट
का
टेंडर
हासिल
किया.
लेकिन,
रेलवे
की
जमीन
हस्तांतरित
न
होने
के
साल
2020
में
यह
टेंडर
रद्द
कर
दिया
गया.
2022
में
अडानी
समूह
को
मिला
टेंडर
धारावी
के
पुनर्विकास
के
लिए
साल
2022
में
फिर
से
ग्लोबल
टेंडर
निकाला
गया.
इसमें
तीन
कंपनिया
अडानी
ग्रुप,
डीएलएफ
समूह
और
नमन
ग्रुप
ने
टेंडर
भरा.
नमन
ग्रुप
को
टेंडर
की
शर्तों
को
पूरा
न
करने
पर
बोली
लगाने
से
पहले
ही
बाहर
कर
दिया
गया.
इस
टेंडर
के
लिए
सबसे
बड़ी
बोली
अडानी
समूह
ने
लगाई.
अडानी
ग्रुप
ने
5,069
करोड़
रुपये
की
बोली
लगाई
और
धारावी
पुनर्विकास
परियोजना
का
काम
हासिल
कर
लिया.
इस
परियोजना
के
लिए
महाराष्ट्र
सरकार
(Maharashtra
Government)
और
अडानी
ग्रुप
ने
एक
ज्वाइंट
वेंचर
धारावी
रिडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
प्राइवेट
लि.
(डीआरपीपीएल)
बनाया.
अडानी
ग्रुप
ने
घोषणा
की
कि
वह
धारावी
स्लम
बस्ती
को
एक
अत्याधुनिक
शहर
के
रूप
में
विकसित
करेगा.
अडानी
ग्रुप
ने
झुग्गी
पुनर्विकास
प्रोजेक्ट
में
300
वर्ग
फीट
की
जगह
धारावी
के
निवासियों
को
350
वर्ग
फीट
का
मकान
सभी
सुविधाओं
के
साथ
देने
का
भी
ऐलान
किया.
साथ
ही
धारावी
में
चल
रही
व्यावसायिक
गतिविधियों
के
लिए
भी
मूलभूत
ढांचा
खड़ा
करने
की
भी
बात
कही
गई
है.
अडानी
समूह
ने
धारावी
रीडेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
(DRPPL)
के
आर्किटेक्ट
हफीज
कॉन्ट्रेक्टर
(Hafeez
Contractor),
अमेरिका
की
डिजाईन
फर्म
ससाकी
(Sasaki)
और
ब्रिटिश
कंसल्टेंसी
फर्म
बूरो
हपोल्ड
(Buro
Happold)
के
साथ
पार्टनरशिप
की
है.
हफीज
कॉन्ट्रेक्टर
को
कई
सारे
सोशल
हाउसिंग
प्रोजेक्ट
(Social
Housing
Project)
बनाने
का
अनुभव
है.
अब
उद्धव
ठाकरे
के
अडानी
को
मिले
धारावी
के
पुनर्विकास
टेंडर
को
रद्ध
कर
देने
के
ऐलान
से
इस
प्रोजेक्ट
पर
संशय
के
बादल
मंडराने
लगे
हैं.
Tags:
Adani
Group,
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Mumbai
News
FIRST
PUBLISHED
:
July
21,
2024,
11:53
IST