अब मेरे बच्चों के लिए कर्नाटक में जॉब नहीं, सरकार के फैसले से खफा ये अरबपति

अब मेरे बच्चों के लिए कर्नाटक में जॉब नहीं, सरकार के फैसले से खफा ये अरबपति


Karnataka
Job
Reservation
Quota
Row:

प्राइवेट
सेक्टर
की
नौकरियों
में
100
फीसदी
तक
आरक्षण
की
व्यवस्था
करने
वाले
बिल
को
मंजूरी
देने
के
बाद
कर्नाटक
सरकार
बुरी
तरह
घिर
गई
है
हालांकि,
इस
फैसले
की
कड़ी
आलोचना
होने
पर
सीएम
सिद्धारमैया
ने
यू
टर्न
ले
लिया,
लेकिन
अब
आम
आदमी
से
लेकर
उद्योगपति
तक
कर्नाटक
सरकार
को
निशाने
पर
ले
रहे
हैं.
फिनटेक
कंपनी
PhonePe
के
फाउंडर
और
सीईओ
समीर
निगम
ने
कर्नाटक
में
स्थानीय
लोगों
के
लिए
100
प्रतिशत
आरक्षण
अनिवार्य
करने
के
कर्नाटक
सरकार
के
फैसले
की
आलोचना
की
और
इसे
शर्मनाक
बताया.

समीर
निगम
ने
अपने
पिता
का
उदाहरण
दिया
जो
भारतीय
नौसेना
में
काम
करते
थे
और
पूछा
कि
बिल
के
अनुसार
“क्या
उनके
बच्चे
कर्नाटक
में
नौकरी
के
लायक
नहीं
हैं.”
समीर
निगम
ने
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
X
पर
कर्नाटक
सरकार
के
इस
फैसले
के
खिलाफ
अपना
गुस्सा
जाहिर
किया.



ये
भी
पढ़ें-
सिद्धारमैया
जब
तक
‘गलती’
छुपाते,
पड़ोसियों
ने
कर
डाला
खेल,
एक
नीति
तबाह

कर
दे
इंडियन
सिलिकॉन
वैली!


कर्नाटक
सरकार
से
पूछा
सवाल

समीर
निगम
ने
X
पर
लिखा,
“मैं
46
साल
का
हूं.
15
साल
से
ज्यादा
कभी
एक
राज्य
में
नहीं
रहा.
मेरे
पिता
भारतीय
नौसेना
में
काम
करते
थे
उनकी
देशभर
में
पोस्टिंग
हुई.
क्या
अब
उनके
बच्चे
कर्नाटक
में
नौकरी
के
लायक
नहीं
हैं?
मैं
कंपनी
बनाई
और
पूरे
भारत
में
25000
से
ज्यादा
नौकरियाँ
पैदा
की
हैं!
लेकिन,
अब
मेरे
बच्चे
अपने
गृह
नगर
में
नौकरी
के
लायक
नहीं
हैं?
शर्म
आनी
चाहिए.’

Karnataka Job Reservation Quota, Karnataka Job Reservation Quota row, Phone Pay Founder Sameer Nigam, Phone Pay Founder Sameer Nigam Slams Karnataka Govt, siddaramaiah government, कर्नाटक में 100 फीसदी आरक्षण, कर्नाटक में स्थानीय आरक्षण पर बवाल, सिद्धारमैया सरकार, सिद्धारमैया सरकार का फैसला, बिजनेस न्यूज

हालाँकि,
कर्नाटक
सरकार
ने
प्राइवेट
सेक्टर
में
स्थानीय
लोगों
के
लिए
आरक्षण
अनिवार्य
करने
वाले
बिल
पर
रोक
लगा
दी.
सिद्धारमैया
सरकार
अगली
कैबिनेट
बैठक
में
इस
मुद्दे
पर
विस्तार
से
चर्चा
करेगी.
लेकिन,
इस
मामले
के
सामने
आने
के
बाद
कर्नाटक
सरकार
को
हर
वर्ग
से
कड़े
विरोध
का
सामना
करना
पड़
रहा
है.


आईटी
कंपनियों
ने
कहा-
छोड़ना
पड़ेगा
कर्नाटक

दरअसल,
कर्नाटक
कैबिनेट
ने
प्राइवेट
सेक्टर
में
C
और
D-ग्रेड
पदों
के
लिए
कन्नडिगाओं,
या
स्थानीय
निवासियों
को
100
प्रतिशत
आरक्षण
अनिवार्य
करने
वाले
विधेयक
को
मंजूरी
दी
थी.
कर्नाटक
सरकार
के
इस
कदम
पर
आईटी
कंपनीज
और
नैसकॉम
ने
कड़ी
चिंता
जताई.
इन
फर्म
ने
कहा
कि
इससे
सेक्टर
की
ग्रोथ
प्रभावित
हो
सकती
है.
नौकरियों
पर
असर
पड़ने
से
कंपनियों
को
राज्य
से
अन्य
स्टेट्स
में
स्थानांतरित
होने
के
लिए
मजबूर
होना
पड़
सकता
है.

Tags:

Business
news
,

IT
Companies
,

Karnataka
,

Reservation
news