क्‍यों ITR को सत्‍यापित करना है जरूरी? कैसे करें रिटर्न को वेरिफाई? जानिए

क्‍यों ITR को सत्‍यापित करना है जरूरी? कैसे करें रिटर्न को वेरिफाई? जानिए


हाइलाइट्स


ITR
वेरिफाई
होने
के
बाद
ही
आयकर
विभाग
उसे
प्रोसेस
करता
है.
आईटीआर
वेरिफिकेशन
ऑनलाइन
या
ऑफलाइन
हो
सकता
है.


आईटीआर
भरने
की
तारीख
से
30
दिन
बाद
तक
इसे
वेरिफाई
किया
जा
सकता
है.


नई
दिल्‍ली.

आयकर
रिटर्न
भरने
की
अंतिम
तिथि
(ITR
Filing
Last
Date)
31
जुलाई
है.
अब
तक
लाखों
आयकरदाताओं
ने
रिटर्न
दाखिल
भी
कर
दी
है.
लेकिन,
आपको
यह
ध्‍यान
रखना
होगा
कि
केवल
आईटीआर
भरना
ही
काफी
नहीं
है.
आईटीआर
को
सत्‍यापित
यानी
वेरिफाई
करना
भी
जरूरी
है.
अगर
आयकरदाता
आईटीआर
दाखिल
करने
के
के
बाद
उसे
सत्‍यापित
नहीं
करता
है
तो
उस
आईटीआर
को
आयकर
विभाग
अमान्‍य
घोषित
कर
देता
है.
इसलिए
अगर
आपने
भी
आईटीआर
दाखिल
कर
दी
है
तो
उसे
वेरिफाई
करना

भूलें.

आईटीआर
को
आयकरदाता
के
वेरिफाई
करने
के
बाद
ही
आयकर
विभाग
उसे
प्रोसेस
करता
है.
टैक्‍सपेयर
ऑनलाइन
अपनी
आईटीआर
को
सत्‍यापित
कर
सकता
है.
इसे
ई-वेरिफिकेशन
कहा
जाता
है.
आयकरदाता
के
रिटर्न
को
वेरिफाई
किए
जाने
के
बाद
उसे
प्रोसेस
होने
में
आम
तौर
पर
15
से
45
दिन
का
समय
लगता
है.
पहले
आयकरदाता
ऑनलाइन
आईटीआर
दाखिल
करने
के
120
दिनों
तक
आईटीआर
वेरिफाई
कर
सकते
थे.
लेकिन,
यह
समय
घटाकर
30
दिन
कर
दिया.



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भीतर
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वेरिफाई

इनकम
टैक्‍स
डिपार्टमेंट
की
वेबसाइट
के
अनुसार,
आईटीआर
भरने
की
तारीख
से
30
दिन
बाद
तक
आयकरदाता
अपनी
आईटीआर
को
सत्‍यापित
कर
सकता
है.
30
दिन
वाला
नियम
अगस्‍त,
2022
में
लागू
हुआ
था.
इस
संबंध
में
सीबीडीटी
ने
एक
नोटिफिकेशन
जारी
किया
था.
नोटिफिकेशन
में
कहा
गया,
“इले‍क्‍ट्रोनिक
आईटीआर
भरने
के
30
दिन
के
भीतर
फॉर्म
आईटीआर-वी
दाखिल
करना
होगा.
अगर
इस
अवधि
के
बाद
आईटीआर-वी
दाखिल
किया
जाता
है
तो
इसे
ऐसे
समझा
जाएगा
कि
जिस
रिटर्न
के
संबंध
में
यह
फॉर्म
दाखिल
किया
गया
है,
वह
कभी
भरा
नहीं
गया.
फिर
आयकरदाता
को
दोबारा
डेटा
भरना
(रिटर्न)
होगा
और
फिर
इसके
30
दिन
की
समयावधि
में
फॉर्म
आईटीआर-वी
दाखिल
करना
होगा.”


बिना
वेरिफाई
किए
अमान्‍य
होती
है
ITR

इनकम
टैक्स
रिटर्न
(ITR)
भरने
की
प्रक्रिया
में
आखिरी
चरण
उसको
वेरिफाई
या
सत्यापित
करना
होता
है.
बिना
वेरिफिकेशन
के
आईटीआर
(ITR)
अमान्य
माना
जाएगा.
इस
स्थिति
में
आपको
दोबारा
रिटर्न
दाखिल
करनी
पड़ेगी
और
उसे
वेरीफाई
करना
होगा.
अगर
आप
वेरिफाई
नहीं
करते
हैं
तो
आपको
इनकम
टैक्स
रिफंड
नहीं
मिलेगा.
अगर
कोई
व्यक्ति
नियत
तारीख
से
पहले
अपने
आईटीआर
(Income
Tax
Return)
को
सत्यापित
करने
(ITR
Verification)
में
विफल
रहता
है,
तो
वह
देरी
का
कारण
बताते
हुए
विभाग
से
उसे
देरी
से
आईटीआर
वेरीफाई
करने
का
अनुरोध
कर
सकता
है.
यदि
यह
अनुरोध
स्वीकृत
हो
जाता
है,
तो
वह
रिटर्न
सत्यापित
कर
सकता
है.


6
तरीकों
से
कर
सकते
हैं
यह
काम

आईटीआर
को
ऑनलाइन
और
ऑफलाइन
दोनों
तरह
से
वेरिफाई
किया
जा
सकता
है.
ITR
को
वेरिफाई
करने
के
कुल
6
तरीके
हैं.
इनमें
से
5
तरीके
ऑनलाइन
और
एक
तरीका
ऑफलाइन
है.
रजिस्टर्ड
मोबाइल
नंबर
पर
मिलने
वाले
ओटीपी,
बैंक
अकाउंट,
डीमैट
अकाउंट,
एटीएम
और
नेटबैंकिंग
की
सहायता
से
ऑनलाइन
आईटीआर
वेरीफाई
कर
सकते
हो.
आईटीआर-वी
फार्म
की
साइन
की
हुई
कॉपी
डाक
से
इनकम
टैक्‍स
विभाग
को
भेजकर
भी
आईटीआर
का
वेरीफिकेशन
किया
जा
सकता
है.

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