
नई
दिल्ली.
प्रधान
मंत्री
फसल
बीमा
योजना
में
कुछ
और
राज्य
भी
शामिल
हो
सकते
हैं.
बिहार
और
नागालैंड
समेत
कई
राज्यों
ने
इस
योजना
में
शामिल
होने
के
लिए
केंद्रीय
कृषि
मंत्रालय
के
साथ
चर्चा
शुरू
की
है.
अगर
ऐसा
होता
है
तो
इस
सब्सिडी
वाली
फसल
बीमा
योजना
के
कवरेज
का
और
विस्तार
होगा.
फाइनेंशियल
एक्सप्रेस
की
रिपोर्ट
के
अनुसार,
इस
मामले
की
जानकारी
रखने
वाले
सूत्रों
ने
बताया
कि
झारखंड
और
तेलंगाना
ने
पहले
इस
योजना
में
शामिल
होने
का
फैसला
किया
था.
वहीं
बिहार,
जो
पहले
‘प्रीमियम
सब्सिडी
की
लागत’
का
हवाला
देते
हुए
योजना
से
बाहर
हो
गया
था.
लेकिन,
अब
बिहार
ने
भी
इसमें
फिर
से
शामिल
होने
में
रुचि
दिखाई
है.
FY24
में,
प्रधानमंत्री
फसल
बीमा
योजना
(PMFBY)
के
तहत
रजिस्ट्रेशन
का
रिकॉर्ड
4
करोड़
को
पार
कर
गया
और
चालू
वित्त
वर्ष
में
इसमें
और
वृद्धि
होने
का
अनुमान
है.
इससे
पहले
पंजाब
केवल
कपास
के
लिए
फसल
बीमा
लागू
करने
पर
सहमत
हुआ
था.
योजना
में
तेजी
से
बढ़े
किसानों
का
रजिस्ट्रेशन
एक
अधिकारी
ने
कहा,
“चालू
वित्त
वर्ष
में
किसानों
का
नामांकन
तेजी
से
बढ़ेगा
क्योंकि
राज्य
इस
योजना
में
फिर
से
शामिल
हो
रहा
है
और
अधिक
किसानों
को
फसल
के
नुकसान
या
अप्रत्याशित
मौसम
की
घटनाओं
से
होने
वाली
क्षति
से
मिलने
वाली
सुरक्षा
का
एहसास
होगा.”
अधिकारी
ने
कहा
कि
फसल
बीमा
योजना
धीरे-धीरे
लोन-बेस्ड
स्कीम
के
बजाय
मेंबरशिप-बेस्ड
मॉडल
की
ओर
बढ़
रही
है.
एक
अधिकारी
ने
कहा,
“फसल
बीमा
के
तहत
नामांकित
42%
से
अधिक
किसान
ऐसे
हैं
जिन्होंने
बैंकों
से
लोन
नहीं
लिया
था.”
डेढ़
लाख
करोड़
से
ज्यादा
क्लेम
का
भुगतान
2016
में
पीएमएफबीवाई
के
लॉन्च
के
बाद
से,
किसानों
ने
प्रीमियम
के
तौर
पर
32,440
करोड़
रुपये
का
भुगतान
किया,
जबकि
क्लेम
के
तौर
पर
किसानों
को
1.63
लाख
करोड़
रुपये
का
भुगतान
किया
जा
चुका
है.
PMFBY
जिसे
2016
में
लॉन्च
किया
गया
था,
वर्तमान
में
22
राज्यों
और
केंद्रशासित
प्रदेशों
में
लागू
किया
गया
है.
किसान
रबी
फसलों
के
लिए
बीमा
राशि
का
केवल
1.5%
और
खरीफ
फसलों
के
लिए
2%
का
एक
निश्चित
प्रीमियम
का
भुगतान
करते
हैं,
जबकि
नकदी
फसलों
के
लिए
यह
5%
है.
Tags:
Crop
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MSP,
Insurance
Policy,
PM
Modi
FIRST
PUBLISHED
:
July
17,
2024,
12:55
IST