
नई
दिल्ली.
एक
व्यक्ति
ने
कुछ
भी
नहीं
किया
और
उसके
हाथ
खजाना
लग
गया.
दरअसल,
उस
व्यक्ति
के
दादा
ने
स्टेट
बैंक
ऑफ
इंडिया
(SBIN)
के
500
रुपये
के
शेयर
खरीदे
थे.
खरीदने
के
बाद
कभी
बेचे
नहीं.
बाद
में
उनकी
मृत्यु
हो
गई
और
अब
उसके
पोते
के
हाथ
वह
सर्टिफिकेट
लग
गए,
जिससे
पता
चलता
है
कि
उसे
वो
पैसा
मिल
सकता
है.
व्यक्ति
की
खुशी
का
ठिकाना
नहीं
रहा.
कहानी
चंडीगढ़
की
है.
एक
डॉक्टर
(बाल
रोग
विशेषज्ञ)
तन्मय
मोतीवाला
ने
सोशल
मीडिया
पर
शेयर
खरीद
से
जुड़े
बॉन्ड
को
अपलोड
किया
और
पूरी
कहानी
बताई
है.
उसने
लिखा,
“पावर
ऑफ
होल्डिंग
इक्विटी.”
उन्होंने
लिखा,
“मेरे
दादा
ने
1994
में
500
रुपये
के
स्टेट
बैंक
ऑफ
इंडिया
के
शेयर
खरीदे
थे.
उन्होंने
खरीदे
और
फिर
भूल
गए.
और
तो
और,
मुझे
तो
यह
भी
नहीं
पता
कि
उन्होंने
शेयर
खरीदे
क्यों
थे
और
अब
भी
होल्डिंग
में
हैं.”
उन्होंने
आगे
बताया,
“मुझे
वो
सर्टीफिकेट
तब
मिले,
जब
हम
अपने
परिवार
की
होल्डिंग्स
को
एक
जगह
पर
जुटा
रहे
थे.”
पढ़ें
–
EPFO
ने
किया
बड़ा
बदलाव,
अब
ऑटोमैटिक
ट्रांसफर
हो
जाएगा
बैलेंस
500
रुपये
के
निवेश
पर
कितना
बना
रिटर्न
जैसे
ही
डॉ.
मोतीवाला
ने
सोशल
मीडिया
पर
यह
पोस्ट
डाली
तो
वायरल
होने
लगी.
लोगों
ने
पूछना
शुरू
कर
दिया
कि
1994
में
500
रुपये
का
निवेश
अब
कितना
हो
चुका
है.
डॉ.
मोतीवाला
ने
एक
और
पोस्ट
डाली
और
लिखा
कि
डिविडेंड्स
को
छोड़
दिया
जाए
तो
फिलहाल
उन
500
रुपये
के
शेयरों
की
वैल्यू
3.75
लाख
रुपये
हो
चुकी
है.
सुनने
में
हालांकि
यह
अमाउंट
काफी
लगता
हो,
मगर
सही
से
कैलकुलेशन
देखा
जाए
तो
यह
750
गुना
रिटर्न
हो
चुका
है.
जोकि
काफी
बड़ा
है.
आसान
नहीं
फिजिकल
शेयरों
को
डीमैट
में
डलवाना
अपने
दादा
के
शेयरों
के
हकदार
डॉ.
मोतीवाला
ने
बताया
कि
पहले
कागज
पर
लिखित
में
शेयर
खरीदे
जाते
थे.
अब
डीमैट
अकाउंट
का
होना
जरूरी
है.
पहले
के
फिजिकल
शेयरों
को
डीमैट
में
डलवाना
काफी
थकाऊ
प्रक्रिया
है.
डीमैट
में
डिजिटली
ही
इन
शेयरों
को
बेचा
जा
सकता
है.
उन्होंने
बताया,
“कई
सारी
समस्याएं
हैं.
हमने
इस
काम
के
लिए
एक
सलाहकार
(एडवाइजर)
की
सहायता
ली
है,
क्योंकि
ये
प्रक्रिया
काफी
जटिल
और
लम्बी
है.
नाम
की
स्पेलिंग
में
गड़बड़ी
से
लेकर,
पता,
सिग्नेचर
इत्यादी
मिसमैच
हो
सकते
है.
सलाहकार
होने
के
बावजूद
लम्बा
समय
लग
रहा
है.”
उन्होंने
यह
भी
बताया
कि
चूंकि
फिलहाल
उन्हें
कैश
की
कोई
जरूरत
नहीं
है
तो
शेयर
बेचने
का
कोई
मन
नहीं
बनाया
है.
.
Tags:
Investment,
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FIRST
PUBLISHED
:
April
2,
2024,
16:00
IST