दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आ गई नई तारीख! अब करना होगा लंबा इंतजार

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आ गई नई तारीख! अब करना होगा लंबा इंतजार


Delhi-Mumbai
Expressway:

कार
से
12
से
13
घंटे
में
दिल्ली
से
मुंबई
जाने
के
सपने
को
साकार
होने
में
और
वक्त
लग
सकता
है.
क्योंकि,
दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे
के
निर्माण
के
पूरा
होने
की
तारीख
फिर
बढ़
सकती
है.
मोदी
सरकार
के
इस
अहम
रोड
प्रोजेक्ट
के
अब
अगले
साल
के
आखिरी
तक
पूरी
तरह
से
चालू
होने
की
संभावना
है.
टीओआई
की
रिपोर्ट
के
अनुसार,
इस
मामले
से
जुड़े
सूत्रों
ने
कहा
कि
गुजरात
में
जमीन
अधिग्रहण
से
संबंधित
समस्या
के
कारण
इस
रोड
परियोजना
में
देरी
हुई
है.
दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे
प्रोजेक्ट
को
जनवरी
2023
तक
पूरा
करने
का
लक्ष्य
रखा
गया
था
लेकिन
समय-समय
पर
टाइम
लाइन
बढ़ाई
गई.
इस
रोड
प्रोजेक्ट
की
रिवाइज्ड
डेडलाइन
मार्च
2024
दी
थी
जो
कि
निकल
चुकी
है.
अब
यह
टाइम
लाइन
सवा
साल
और
बढ़
गई
है.

दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे,
यह
देश
का
सबसे
लंबा
एक्‍सप्रेसवे
है.
1,386
किलोमीटर
लंबे
इस
एक्सप्रेसवे
से
12
से
13
घंटे
में
दिल्ली
से
मुंबई
पहुंचा
जा
सकेगा.
फिलहाल,
यह
ट्रैवल
टाइम
24
घंटे
है.
ऐसे
में
इस
एक्सप्रेसवे
के
तैयार
होने
से
सीधे
12
घंटे
की
बचत
होगी.
1,386
किलोमीटर
लंबे
इस
रोड
प्रोजेक्ट
में
से
लगभग
630
किलोमीटर
हिस्से
को
वाहनों
की
आवाजाही
के
लिए
खोल
दिया
गया
है.



ये
भी
पढ़ें-
खुलने
जा
रहा
यूपी
का
सबसे
बड़ा
एक्सप्रेसवे,
594
KM
का
हाईटेक
सफर,
नीचे
दौड़ेंगी
गाड़ियां,
ऊपर
उड़ेंगे
हेलिकॉप्टर


गुजरात
में
अटका
एक्सप्रेसवे
का
काम

गुजरात
में
62
किलोमीटर
के
दो
‘पैकेजों’
पर
काम
में
अड़चन
आई
है.
दरअसल
नवंबर
2023
में
ही
इन
पैकेज
के
लिए
बोली
लगा
दी
गई
थी.
एक
पैकेज
पर
इस
साल
अप्रैल
में
काम
शुरू
हुआ
था,
जबकि
दूसरे
हिस्से
पर
निर्माण
कार्य
इस
महीने
शुरू
हुआ
है.
सूत्रों
ने
कहा
कि
किसी
भी
हिस्से
को
बनाने
में
कम
से
कम
डेढ़
साल
का
समय
लगता
है.
अधिकारियों
ने
कहा
कि
जमीन
की
उपलब्धता
से
जुड़े
सभी
शेष
मुद्दों
को
सुलझाया
जा
रहा
है.
अधिकारियों
ने
कहा
कि
उन्हें
भरोसा
है
कि
सोहना
से
वडोदरा
(845
किमी)
तक
देश
के
सबसे
लंबे
एक्सप्रेसवे
का
पहला
सेक्शन
मार्च
2025
तक
यातायात
के
लिए
पूरी
तरह
से
खोल
दिया
जाएगा.

इसके
बाद,
मुंबई
में
जेएनपीटी
के
तीन
लिंक,
उत्तर
प्रदेश
में
जेवर
हवाई
अड्डे
और
दिल्ली
में
डीएनडी
फ्लाईवे
सहित
अन्य
सेक्शन
को
ट्रैफिक
के
लिए
ओपन
किया
जाएगा.
एनएचएआई
के
एक
पूर्व
अधिकारी
ने
कहा,
“किसी
भी
रोड
प्रोजेक्ट
के
पूरा
होने
में
जमीन
की
कमी
सबसे
बड़ी
बाधा
है.
संबंधित
राज्य
सरकारों
को
यह
सुनिश्चित
करने
के
लिए
सक्रिय
कदम
उठाने
की
जरूरत
है.
खासकर,
जब
हम
ग्रीनफील्ड
या
नए
हाईवे
और
एक्सप्रेसवे
का
निर्माण
कर
रहे
हैं.”


और
सवा
साल
का
इंतजार

पिछले
साल
रोड
ट्रांसपोर्ट
और
हाईवे
मिनिस्ट्री
ने
राज्यसभा
में
सौंपे
एक
लिखित
जवाब
में
कहा
था
कि
एनएचएआई
ने
गुजरात
के
वलसाड
जिले
में
एक्सप्रेसवे
कॉरिडोर
के
35
किलोमीटर
लंबे
हिस्से
के
निर्माण
का
काम
सौंपा
था,
जिसकी
लागत
रु.
3,633
करोड़
रुपये
और
नवसारी
जिले
में
27
किमी
हिस्से
की
लागत
2,287
करोड़
रुपये
है.
हालांकि,
दोनों
पर
निर्माण
शुरू
नहीं
हुआ
था.

दिल्ली-मुंबई
एक्सप्रेसवे
देश
के
5
बड़े
राज्यों
(हरियाणा,
राजस्थान,
मध्य
प्रदेश,
गुजरात
और
महाराष्ट्र)
से
होकर
गुजरता
है.
टीओआई
की
रिपोर्ट
के
अनुसार,
मध्य
प्रदेश
और
राजस्थान
में
पड़ने
वाले
सभी
सेक्शन
पर
लगभग
काम
पूरा
हो
चुका
है
लेकिन
गुजरात
में
निर्माण
कार्य
की
प्रगति
बेहद
धीमी
है.
अधिकारियों
ने
कहा,
अब
चूंकि
सभी
पैकेजों
में
काम
शुरू
हो
गया
है,
इसलिए
उन्हें
पूरा
भरोसा
है
कि
अगले
साल
अक्टूबर
तक
पूरा
एक्सप्रेसवे
चालू
हो
जाएगा.

Tags:

Business
news
,

Dwarka
Expressway
,

Expressway
New
Proposal
,

Union
Minister
Nitin
Gadkari