फूंकते ही जिसे चढ़ता है सुरूर! भारत ने बाहर भेज दी 13000 करोड़ की ये चीज

फूंकते ही जिसे चढ़ता है सुरूर! भारत ने बाहर भेज दी 13000 करोड़ की ये चीज


नई
दिल्ली.

देश
का
तंबाकू
निर्यात
में
इस
साल
आठ
प्रतिशत
से
अधिक
की
सालाना
वृद्धि
के
साथ
13,000
करोड़
रुपये
के
पार
पहुंचने
का
अनुमान
है.
एक
वरिष्ठ
सरकारी
अधिकारी
ने
बुधवार
को
यह
जानकारी
दी.
वाणिज्य
विभाग
में
अतिरिक्त
सचिव
राजेश
अग्रवाल
ने
यह
भी
कहा
कि
तंबाकू
बोर्ड
ने
किसानों
की
आमदनी
बढ़ाने
में
मदद
के
लिए
कई
कदम
उठाए
हैं.
भारत,
चीन
के
बाद
दुनिया
में
तंबाकू
का
दूसरा
सबसे
बड़ा
उत्पादक
है.
यह
चीन,
ब्राजील
और
जिम्बाब्वे
के
बाद
दुनिया
में
फ्लू-क्योर
वर्जीनिया
(एफसीवी)
तंबाकू
का
चौथा
सबसे
बड़ा
उत्पादक
भी
है.

अग्रवाल
ने
यहां
संवाददाताओं
से
कहा,
‘‘ब्राजील
के
बाद
भारत
अनिर्मित
तंबाकू
(मात्रा
के
हिसाब
से)
का
दूसरा
सबसे
बड़ा
निर्यातक
है.
तंबाकू
निर्यात
भारतीय
खजाने
में
विदेशी
मुद्रा
का
बड़ा
योगदान
देता
है.
इस
साल
हम
13,000
करोड़
रुपये
(का
निर्यात
स्तर)
लांघने
जा
रहे
हैं…तंबाकू
किसानों
की
आय
भी
पिछले
साल
में
दोगुनी
हो
गई
है.’’
वित्त
वर्ष
2023-24
के
दौरान
तंबाकू
निर्यात
12,005.89
करोड़
रुपये
(1.5
अरब
डॉलर)
रहा
था.


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वजह


किसानों
को
मदद

विभाग
के
तहत
तंबाकू
बोर्ड
ने
उद्योग
की
स्थिरता
और
विकास
सुनिश्चित
करने
के
लिए
कई
रणनीतिक
गतिविधियां
की
हैं.
इनमें
घरेलू
और
निर्यात
दोनों
मांग
को
पूरा
करने
के
लिए
फसल
नियोजन
और
उत्पादन
का
विनियमन
शामिल
है.
बोर्ड
आयात
करने
वाले
देशों
के
मानकों
को
पूरा
करने
के
लिए
अपेक्षित
गुणवत्ता
के
तंबाकू
का
उत्पादन
करने
के
लिए
सहायता
प्रदान
करके
80,000-85,000
पंजीकृत
किसानों
का
समर्थन
करता
है.

उन्होंने
कहा
कि
किसानों
के
लिए
बेहतर
मूल्य
निर्धारण
और
लाभकारी
मूल्य
सुनिश्चित
करने
के
लिए
तंबाकू
बोर्ड
ने
सिगरेट
के
मुख्य
घटक
एफसीवी
तंबाकू
के
लिए
एक
आईटी-सक्षम
इलेक्ट्रॉनिक
नीलामी
प्रणाली
लागू
की
है.
आंध्र
प्रदेश
(16)
और
कर्नाटक
(10)
में
26
नीलामी
मंच
हैं,
जो
देश
के
दो
प्रमुख
तंबाकू
उत्पादक
राज्य
हैं.
आंध्र
प्रदेश
के
तंबाकू
में
कर्नाटक
की
तुलना
में
निकोटीन
का
स्तर
अधिक
होता
है.
पिछले
साल,
भारत
ने
30
करोड़
किलोग्राम
तंबाकू
का
उत्पादन
किया.
सरकार
उत्पादन
को
नियंत्रित
करती
है
और
इसका
लक्ष्य
उत्पादन
के
स्तर
को
लगभग
27
करोड़
किलोग्राम
पर
बनाए
रखना
है.

अतिरिक्त
सचिव
ने
कहा
कि
भारत
उत्पादन
में
वृद्धि
को
बढ़ावा
नहीं
देता
है
क्योंकि
यह
इसने
विश्व
व्यापार
संगठन
की
तंबाकू
नियंत्रण
संधि
(डब्ल्यूएचओ
एफसीटीसी)
पर
हस्ताक्षर
किए
हैं.
पिछले
10
साल
में
सरकार
ने
उत्पादन
के
लिए
किसानों
को
पंजीकृत
नहीं
किया
है.
उन्होंने
कहा,
‘‘फ्लू
क्योर्ड
वर्जीनिया
(एफसीवी)
तंबाकू
किसानों
की
आय
वित्त
वर्ष
2019-20
और
2023-24
के
बीच
दोगुनी
से
अधिक
हो
गई
है.’’
तंबाकू
उद्योग
के
समग्र
विकास
के
लिए
संसद
के
एक
अधिनियम
द्वारा
एक
जनवरी,
1976
को
तंबाकू
बोर्ड
की
स्थापना
की
गई
थी.

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