
हाइलाइट्स
बीसीसीआई
के
साथ
158
करोड़
के
विवाद
में
कंपनी
को
झटका.
एनसीएलटी
ने
दिवालिया
प्रक्रिया
शुरू
करने
का
आदेश
जारी
किया.
कंपनी
के
लिए
रिज्योलूशन
प्रोफेशनल
भी
नियुक्त
कर
दिया
है.
नई
दिल्ली.
कभी
डेढ़
लाख
करोड़
रुपये
से
ज्यादा
का
मार्केट
कैप
हासिल
कर
चुकी
एडुटेक
कंपनी
बायजू
का
किस्सा
अब
खत्म
हो
चुका
है.
पिछले
कुछ
साल
से
मुश्किलों
में
घिरा
यह
स्टार्टअप
आखिरकार
नीलाम
होने
की
कगार
पर
पहुंच
गया
है.
राष्ट्रीय
कंपनी
लॉ
ट्रिब्यूनल
(NCLT)
ने
कंपनी
के
मौजूदा
मैनेजमेंट
को
भंग
कर
दिवालिया
समाधान
प्रक्रिया
शुरू
करने
का
आदेश
जारी
कर
दिया
है.
कंपनी
ने
खुद
बचाव
के
लिए
एक
आखिरी
अपील
की
है
और
भारतीय
क्रिकेट
कंट्रोल
बोर्ड
(BCCI)
के
साथ
अपने
विवाद
को
कोर्ट
के
बाहर
सेटलमेंट
करने
की
गुहार
लगाई
है.
कंपनी
ने
अपने
कर्मचारियों
के
साथ
भी
बड़ा
खेल
कर
दिया
है.
NCLT
ने
मंगलवार
16
जून
को
बायजू
की
पैरेंट
कंपनी
थिंक
एंड
लर्न
(Think
and
Learn)
को
बड़ा
झटका
देते
हुए
उसके
खिलाफ
दिवालिया
प्रक्रिया
शुरू
करने
का
आदेश
जारी
कर
दिया.
ट्रिब्यूनल
ने
मौजूदा
मैनेजमेंट
का
भंग
कर
पंकज
श्रीवास्तव
को
अंतरिम
रिज्योलूशन
प्रोफेशनल
नियुक्त
कर
दिया
है.
साथ
ही
कंपनी
के
लेंडर्स
यानी
कर्जदाताओं
को
जल्द
कमेटी
ऑफ
क्रेडिटर्स
बनाने
को
कहा
है
और
तब
तक
इसकी
कमान
पंकज
श्रीवास्तव
के
हाथ
रहेगी.
कर्ज
देने
वालों
के
हाथ
होगी
कमान
NCLT
ने
कहा
है
कि
पंकज
कमेटी
बनने
तक
कंपनी
की
कमान
संभालेंगे.
ट्रिब्यूनल
ने
बायजू
के
सभी
मामलों
को
एकसाथ
रखने
और
भी
कर्जदाताओं
की
कमेटी
बनाने
का
आदेश
दिया
है.
इस
आदेश
के
बाद
कंपनी
के
खिलाफ
दिवालिया
कार्यवाही
शुरू
हो
जाएगी.
अब
कंपनी
की
संपत्तियों
का
मूल्य
निर्धारित
किया
जाएगा
और
उसे
बेचकर
कर्जदाताओं
को
पैसे
चुकाए
जाएंगे.
कोई
भी
संपत्ति
बेच
नहीं
सकती
कंपनी
एनसीएलटी
ने
कहा
है
कि
दिवालिया
प्रक्रिया
पूरी
होने
तक
बायजू
अपनी
किसी
भी
संपत्ति
का
कोई
लेनदेन
नहीं
कर
सकती
है.
आईबीसी
नियमों
के
मुताबिक,
कंपनी
के
प्रबंधन
की
कमान
भी
क्रेडिटर्स
की
कमेटी
को
सौंप
दी
जाएगी.
हाालंकि,
इस
बीच
बायजू
ने
बीसीसीआई
के
साथ
अपने
विवाद
को
कोर्ट
के
बाहर
सेटलमेंट
करने
की
गुहार
लगाई
है.
कंपनी
के
प्रवक्ता
का
कहना
है
कि
आदेश
के
बावजूद
हम
बीसीसीआई
के
सहयोग
से
‘आउट
ऑफ
कोर्ट’
सेटलमेंट
की
कोशिश
करेंगे.
क्या
था
बीसीसीआई
से
विवाद
बीसीसीआई
ने
8
सितंबर,
2023
को
याचिका
दायर
कर
बायजूद
के
खिलाफ
दिवालिया
प्रक्रिया
शुरू
करने
की
अपील
की
थी.
बीसीसीआई
का
दावा
है
कि
बायजू
उसके
158
करोड़
रुपये
के
भुगतान
को
डिफॉल्ट
कर
गई
है.
इस
राशि
में
जीएसटी
नहीं
शामिल
है.
याचिका
को
स्वीकार
करते
हुए
एनसीएलटी
ने
कहा
कि
कंपनी
के
खिलाफ
दिवालिया
प्रक्रिया
शुरू
न
करने
का
कोई
ग्राउंड
दिखाई
नहीं
देता
है.
नहीं
भरा
कर्मचारियों
का
टीडीएस
बायजू
के
मौजूदा
और
पूर्व
कर्मचारियों
ने
कंपनी
पर
बड़ा
आरोप
लगाया
है.
उनका
कहना
है
कि
कंपनी
ने
उनका
टीडीएस
सरकार
यानी
आयकर
विभाग
के
पास
नहीं
जमा
किया
है.
इसका
खुलासा
आईटीआर
भरते
समय
हुआ.
कर्मचारियों
को
मिलने
वाली
सैलरी
स्लिप
में
टीडीएस
काटे
जाने
का
जिक्र
है,
लेकिन
पिछले
साल
जुलाई
से
टैक्स
को
सरकार
के
पास
जमा
नहीं
कराया.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
16,
2024,
14:29
IST