बिना गारंटी वाले लोन में बड़ा खतरा! RBI को सता रहा इस बात का डर

बिना गारंटी वाले लोन में बड़ा खतरा! RBI को सता रहा इस बात का डर


हाइलाइट्स


RBI
ने
अनसिक्योर्ड
लोन
पर
चिंता
जताई.


NBFCs
को
इस
बारे
में
आगाह
किया.


इस
तरह
के
लोन
पर
ज्यादा
निर्भर
नहीं
होना
चाहिए.


मुंबई.

भारतीय
रिजर्व
बैंक
के
डिप्टी
गवर्नर
स्वामीनाथन
जे,
ने
आगाह
किया
है
कि
असुरक्षित
माने
जाने
वाले
अनसिक्योर्ड
लोन
यानी
बिना
गारंटी
वाले
कर्ज
और
पूंजी
बाजार
वित्तपोषण
पर
अत्यधिक
निर्भरता
लंबे
समय
में
गैर-बैंकिंग
वित्तीय
कंपनियों
(NBFCs)
के
लिए
समस्या
खड़ी
कर
सकती
हैं.
स्वामीनाथन
ने
आरबीआई
के
बुधवार
को
आयोजित
एक
सम्मेलन
में
गैर-बैंकिंग
वित्तीय
कंपनियों
के
आश्वासन
कार्यों
(अनुपालन,
जोखिम
और
आंतरिक
ऑडिट)
प्रमुखों
को
संबोधित
करते
हुए
लैंडिंग
के
बारे
में
निर्णय
लेने
के
लिए
‘एल्गोरिदम’
पर
अत्यधिक
निर्भरता
को
लेकर
भी
चेतावनी
दी.

उन्होंने
‘नियमों
की
अनदेखी
करने’
के
लिए
नियमों
के
‘बुद्धिमतापूर्ण
विश्लेषण’
के
रुख
पर
आरबीआई
की
निराशा
को
भी
सार्वजनिक
किया.
उन्होंने
इसे
वित्तीय
प्रणाली
के
लिए
‘महत्वपूर्ण
जोखिम’
बताया.



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लंबे
समय
टिकने
वाला
नहीं
है
ये
सेक्टर

स्वामीनाथन
ने
कहा
कि
कुछ
प्रोडक्ट्स
या
अनसिक्योर्ड
लोन
जैसे
क्षेत्रों
के
लिए
जोखिम
काफी
ज्यादा
हैं
और
यह
लंबे
समय
तक
टिकने
वाला
नहीं
है.
उन्होंने
कहा,
‘‘ऐसा
लगता
है
कि
ज्यादातर
एनबीएफसी
में
एक
ही
काम
करने
की
इच्छा
है.
जैसे
कि
खुदरा
असुरक्षित
ऋण,
‘टॉप
अप’
ऋण
अथवा
पूंजी
बाजार
वित्तपोषण,
ऐसे
उत्पादों
पर
अत्यधिक
निर्भरता
बाद
में
समस्या
खड़ी
कर
सकती
है.’’

स्वामीनाथन
ने
‘एल्गोरिदम’
आधारित
कर्ज
देने
के
मुद्दे
पर
कहा
कि
कई
संस्थाएं
बही-खातों
में
तेजी
से
वृद्धि
के
लिए
नियम-आधारित
‘क्रेडिट’
का
रुख
कर
रही
हैं.
उन्होंने
कहा,
‘‘हालांकि,
स्वचालन
दक्षता
को
बढ़ा
सकता
है,
पर
एनबीएफसी
को
ऐसे
मॉडल
से
खुद
को
बांधना
नहीं
चाहिए.
यह
पहचानना
महत्वपूर्ण
है
कि
नियम-आधारित
कर्ज
देने
की
व्यवस्था
केवल
उतने
ही
प्रभावी
हैं
जितने
कि
आंकड़े
और
मानदंड
जिनपर
वे
बनाए
गए
हैं.’’


NBFCs
को
दी
निगरानी
करने
की
सलाह

स्वामीनाथन
ने
कहा,
‘‘विशेष
रूप
से
उभरती
बाजार
स्थितियों
में
ऐतिहासिक
आंकड़े
या
एल्गोरिदम
पर
अत्यधिक
निर्भरता
से
कर्ज
मूल्यांकन
में
चूक
हो
सकती
है.’’
उन्होंने
एनबीएफसी
को
अपनी
क्षमताओं
और
सीमाओं
पर
स्पष्ट
दृष्टिकोण
बनाए
रखने
और
निगरानी
व्यवस्था
पर
ध्यान
देने
को
कहा.
उन्होंने
एनबीएफसी
से
साइबर
सुरक्षा
जोखिमों
पर
भी
पर्याप्त
ध्यान
देने
को
कहा.

डिप्टी
गवर्नर
ने
कहा
कि
जोखिम
प्रबंधन
और
आंतरिक
ऑडिट
कार्यों
को
कौशल
मानदंडों
पर
कसना
होगा
ताकि
वे
समय-समय
पर
आईटी
और
साइबर
सुरक्षा
को
लेकर
अपनी
संस्थाओं
की
तैयारियों
का
आकलन
करने
में
सक्षम
हो
सकें.

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