
नई
दिल्ली.
दान-पुण्य
और
भलाई
के
काम
करना
अच्छी
बात
है.
आदमी
के
साथ-साथ
देश
की
बड़ी
संस्थाएं
भी
इस
काम
में
आगे
हैं.
भारत
के
प्राइवेट
सेक्टर
के
एक
बैंक
ने
वित्त
वर्ष
2023-24
में
अपने
सामाजिक
दायित्वों
को
निभाते
हुए
945.31
करोड़
रुपये
खर्च
कर
दिए.
यह
खर्च
बैंक
ने
कॉरपोरेट
सोशल
रिस्पॉन्सबिलिटी
(CSR)
के
तहत
किया.
खास
बात
है
कि
यह
राशि फाइनेंशियल
ईयर
2022-23
की
तुलना
में
लगभग
125
करोड़
रुपये
ज्यादा
है.
एक
साल
में
सीएसआर
पर
945
करोड़
रुपये
खर्च
करने
वाला
यह
बैंक,
भारत
का
सबसे
बड़ा
बैंक
है
जिसका
मार्केट
कैप
1200000
करोड़
से
ज्यादा
है.
इस
बैक
का
नाम
है..एचडीएफसी
बैंक
एचडीएफसी
बैंक
ने
बयान
में
कहा
कि
उसका
सीएसआर
कार्यक्रम
‘परिवर्तन’
लगभग
एक
दशक
से
सक्रिय
है
और
28
राज्यों
व
आठ
केंद्र
शासित
प्रदेशों
में
फैली
इसकी
विभिन्न
पहलों
ने
10
करोड़
से
अधिक
लोगों
के
जीवन
को
प्रभावित
किया
है.
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बैंक
के
‘परिवर्तन’
ने
बदला
जीवन
सालाना
रिपोर्ट
के
अनुसार,
‘परिवर्तन’
की
विभिन्न
पहलें
9,000
गांवों
तक
पहुंचते
हुए
लगभग
10
हजार
घरों
को
प्रभावित
कर
चुकी
हैं.
इस
पहल
के
तहत
आकांक्षी
जिला
कार्यक्रम
(एडीपी)
में
चिन्हित
112
जिलों
में
से
85
जिलों
को
लाया
गया
है.
एचडीएफसी
बैंक
के
उप
प्रबंध
निदेशक
कैजाद
भरूचा
ने
कहा,
“ग्रामीण
विकास,
शिक्षा,
कौशल
संवर्धन,
स्वास्थ्य
सेवा,
वित्तीय
साक्षरता
और
पर्यावरण
के
महत्वपूर्ण
क्षेत्रों
को
देखते
हुए
हमारा
लक्ष्य
उन
समुदायों
में
पर्यावरण
अनुकूल
और
समावेशी
वृद्धि
का
समर्थन
करना
है
जहां
हम
काम
करते
हैं.”
भरुचा
अपनी
अन्य
जिम्मेदारियों
के
अलावा
सीएसआर
और
पर्यावरण,
सामाजिक
और
शासन
(ईएसजी)
कार्यों
को
भी
देखते
हैं.
(भाषा
से
इनपुट
के
साथ)
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FIRST
PUBLISHED
:
July
19,
2024,
14:21
IST