भारत के दोस्त US के एक फैसले ने तोड़ दी चीन की कमर, हसीन सपनों पर फेरा पानी

भारत के दोस्त US के एक फैसले ने तोड़ दी चीन की कमर, हसीन सपनों पर फेरा पानी


नई
दिल्ली.

अमेरिकी
सरकार
अब
एक
बार
फिर
चीन
के
बढ़ते
व्यापार
के
खिलाफ
शिंकजा
कस
रही
है.
अमेरिकी
राष्ट्रपति
जो
बिडेन
(Joe
Biden)
चीन
से
आयात
होने
वाले
कई
सामानों
पर
टैरिफ
बढ़ाने
जा
रहे
हैं.
इनमें
सेमीकंडक्‍टर्स,
बैटरीज,
सोलर
सेल
और
क्रिटिकल
मिनरल्‍स
समेत
कई
सामान
शामिल
हैं.
बिडेन
चीनी
निर्मित
इलेक्ट्रिक
व्हीकल्स
(Electric
Vehicles)
पर
100
फीसदी
टैरिफ
की
घोषणा
की
है.
यह
अमेरिकी
अमेरिकी
मैन्युफैक्चरर्स
को
सस्ते
आयात
से
बचाने
के
लिए
डिजाइन
किए
गए
एक
पैकेज
के
हिस्से
के
रूप
में
है.

इस
कदम
से
दुनिया
की
2
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्थाओं
के
बीच
ट्रेड
टेंशन
बढ़ने
की
संभावना
है.
व्हाइट
हाउस
ने
कहा
कि
वह
18
अरब
डॉलर
के
चीनी
सामानों
पर
और
अधिक
कड़े
प्रतिबंध
लगा
रहा
है.
सूत्रों
ने
कहा
कि
यह
कदम
4
साल
की
समीक्षा
के
बाद
उठाया
गया
है.
यह
कदम
अमेरिकी
बाजार
में
सस्ते
सब्सिडी
वाले
चीनी
सामानों
की
बाढ़
को
रोकने
के
लिए
उठाया
गया
है.


इलेक्ट्रिक
व्हीकल्स
के
टैरिफ
दर
में
4
गुना
बढ़ोतरी

इलेक्ट्रिक
व्हीकल्स
की
टैरिफ
दर
4
गुना
हो
गई
है.
ईवी
पर
टैरिफ
25
फीसदी
से
बढ़ाकर
100
फीसदी,
लिथियम
बैटरी
पर
7.5
फीसदी
से
बढ़ाकर
25
फीसदी,
क्रिटिकल
मिनिरल
पर
0
से
25
फीसदी,
सोलर
शेल
पर
25
फीसदी
से
50
फीसदी
और
सेमीकंडक्टर
पर
25
फीसदी
से
50
फीसदी
तक
लेवी
बढ़ा
दी
गई
है.


सालाना
30
मिलियन
ईवी
का
प्रोडक्शन
कर
रहा
है
चीन

स्टील,
एल्यूमीनियम
और
पर्सनल
सुरक्षा
उपकरणों
पर
टैरिफ,
जो
शून्य
से
7.5
फीसदी
तक
है,
25
फीसदी
तक
बढ़
जाएगा. बीजिंग
से
प्रतिशोध
के
रिक्स
के
बावजूद
बिडेन
ने
कहा
कि
बढ़ी
हुई
लेवी
ईवी
सेक्टर
में
चीन
की
ओवरकैपेसिटी
के
लिए
एक
प्रोपोर्शनेट
प्रतिक्रिया
थी.
सूत्रों
ने
कहा
कि
चीन
प्रति
वर्ष
30
मिलियन
ईवी
का
प्रोडक्शन
कर
रहा
है,
लेकिन
घरेलू
स्तर
पर
केवल
22-23
मिलियन
ही
बेच
सकता
है.

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