
हाइलाइट्स
जापान
को
पीछे
छोड़कर
दुनिया
की
चौथी
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बन
जाएगा.
इसके
बाद
जर्मनी
टार्गेट
होगा,
जो
अभी
तीसरे
पायदान
पर
है.
अभी
भारत
की
विकास
दर
7
फीसदी
के
आसपास
रहती
है,
जो
काफी
अच्छा
है.
नई
दिल्ली.
तेज
रफ्तार
से
बढ़ती
भारतीय
अर्थव्यवस्था
के
पास
अगले
साल
तक
एक
और
उपलब्धि
जुड़
जाएगी.
प्रधानमंत्री
की
आर्थिक
सलाहकार
परिषद
के
सदस्य
संजीव
सान्याल
ने
कहा
है
कि
चालू
वित्तवर्ष
के
समाप्त
होने
तक
भारत
की
इकनॉमी
4
ट्रिलियन
डॉलर
को
पार
कर
जाएगी.
इसका
मतलब
हुआ
कि
हम
जापान
को
पीछे
छोड़कर
दुनिया
की
चौथी
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बन
जाएगा.
इसके
बाद
जर्मनी
टार्गेट
होगा,
जो
अभी
तीसरे
पायदान
पर
है.
अभी
भारत
की
विकास
दर
7
फीसदी
के
आसपास
रहती
है,
जो
काफी
अच्छा
है.
सान्याल
ने
एक
कार्यक्रम
में
कहा,
4
और
5
साल
का
समय
छोडि़ए
चालू
वित्तवर्ष
में
ही
मार्च
खत्म
होने
तक
भारत
दुनिया
की
चौथी
बड़ी
अर्थव्यवस्था
वाला
देश
बन
जाएगा.
मार्च
तक
हमारी
इकनॉमी
4
लाख
करोड़
डॉलर
की
हो
जाएगी.
अभी
भारतीय
अर्थव्यवस्था
का
आकार
3.7
ट्रिलियन
डॉलर
है,
जबकि
जापान
की
इकनॉमी
4.1
ट्रिलियन
डॉलर
की
है.
इसका
मतलब
हुआ
कि
जापान
से
हम
ज्यादा
पीछे
नहीं
हैं
और
जिस
तरह
हमारी
विकास
दर
है,
मार्च
तक
जापान
से
आगे
निकल
जाना
कोई
बड़ी
बात
नहीं
है.
फिर
जर्मनी
रहेगा
टार्गेट
सान्याल
ने
कहा
कि
अगले
साल
की
शुरुआत
या
इसी
साल
के
आखिर
तक
हम
जापान
से
आगे
निकल
जाएंगे
और
फिर
जर्मनी
अगला
टार्गेट
होगा,
जो
अभी
तीसरी
बड़ी
अर्थव्यवस्था
वाला
देश
बना
हुआ
है.
जर्मनी
की
इकनॉमी
अभी
4.6
ट्रिलियन
डॉलर
की
है.
लिहाजा
इस
बात
की
बहुत
संभावना
है
कि
अगले
2
साल
में
हम
जर्मनी
को
पीछे
छोड़
दुनिया
की
तीसरी
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बन
जाएंगे.
विकास
दर
की
बात
की
जाए
तो
भारत
जर्मनी
से
कहीं
आगे
है.
ऐसे
में
हम
कह
सकते
हैं
कि
भारत
अपने
लक्ष्य
से
काफी
नजदीक
आ
चुका
है.
विकास
दर
के
पीछे
नहीं
भागेगा
भारत
सान्याल
ने
कहा
कि
सरकार
विकास
दर
को
बढ़ाने
के
लिए
कोई
मुश्किल
फैसला
नहीं
करेगी.
हम
8
या
9
फीसदी
विकास
दर
के
लिए
बहुत
उत्साहित
नहीं
है.
अगर
सतत
रूप
से
7
फीसदी
की
विकास
दर
बनी
रहती
है
तो
यह
बहुत
अच्छी
है.
ग्रोथ
रेट
का
स्थिर
रहना
जॉब
और
टैक्स
जेनरेट
करने
के
लिए
बहुत
जरूरी
है.
एशियाई
विकास
बैंक,
फिच
रेटिंग्स
सहित
आईएमएफ,
एसएडंपी
ग्लोबल
और
मॉर्गन
स्टेनली
ने
भी
6.8
से
7
फीसदी
की
ग्रोथ
रेट
का
अनुमान
लगाया
है.
तेज
ग्रोथ
के
लिए
गलत
फैसले
नहीं
सान्याल
ने
कहा,
हमारा
जोर
बहुत
ज्यादा
ग्रोथ
रेट
हासिल
करने
पर
नहीं
है.
ग्रोथ
रेट
के
चक्कर
में
हम
कोई
ऐसा
फैसला
नहीं
लेंगे
जो
हमारे
फाइनेंशियल
सिस्टम
को
नुकसान
पहुंचाए.
रुपये
को
ग्लोबल
करेंसी
बनाने
के
सवाल
पर
उन्होंने
कहा
कि
हम
ऐसा
कुछ
नहीं
करना
चाहते.
बस
ट्रेडिंग
में
रुपये
को
मान्यता
दिलाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं.
अगले
एक
दशक
में
इस
दिशा
में
उपलब्धि
मिल
सकती
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
16,
2024,
19:45
IST