योजना एक, लाभ अनेक : मांओं की तरह संतानों को सुरक्षा देगा यह प्लान, रिटर्न शानदार, टैक्स बेनिफिट भी

योजना एक, लाभ अनेक : मांओं की तरह संतानों को सुरक्षा देगा यह प्लान, रिटर्न शानदार, टैक्स बेनिफिट भी

What
is
child
insurance,
types
and
benefits
of
bal
bima
yojna:
सभी
मांओं
से
यह
एक
जरूरी
सवाल
है-
क्या
आपने
चाइल्ड
इंश्योरेंस
के
बारे
में
सुना
है?
यदि
अभी
तक
आपने
अपनी
संतान-
बेटा
या
बेटी
या
फिर
बेटा-बेटी
दोनों-
के
लिए
चाइल्ड
इंश्योरेंस
नहीं
लिया
है
तो
समझिए
यह
एक
जरूरी
कदम
समय
रहते
आपको
उठा
लेना
चाहिए.
दरअसल
चाइल्ड
इंश्योरेंस
प्लान
बीमा
और
निवेश
(insurance
and
investment)
का
ऐसा
कॉम्बिनेशन
है
जो
संतान
को
दोहरी
सुरक्षा
प्रदान
करता
है.
बाल
बीमा
योजना
आपके
बच्चे
के
भविष्य
के
लिए
नियमित
निवेश
के
साथ
पैसा
बचाने
का
शानदार
तरीका
है.



बाल
बीमा
योजना
के
फायदे
आखिर
क्या
हैं…

चाइल्ड
इंश्योरेंस
यानी
बाल
बीमा
योजना
के
जरिए
आप
अपने
बच्चे
के
भविष्य
के
लिए
एक
कोष
बना
लेती
हैं.
आप

रहें
तब
भी
बच्चे
की
शिक्षा
और
शादी
जैसे
खर्चों
के
लिए
एक
बड़ी
राशि
जमा
हो
चुकी
होती
है.
चाइल्ड
इंश्योरेंस
योजनाएं
आपके
बच्चे
की
शिक्षा
के
दौरान
अलग
अलग
समय
पर
फ्लैक्सिबल
भुगतान
भी
करती
हैं.
हालांकि
मौत
या
गंभीर
रोग
बीमारी
को
लेकर
सोचना
आप
नहीं
चाहेंगी
लेकिन
तैयारी
तो
करनी
होती
है…इसलिए
चाइल्ड
इंश्योरेंस
के
जरिए
इस
बाबत
कवर
लिया
जा
सकता
है.
इसमें
माता-पिता
के
लिए
बीमा
कवरेज
भी
है.
प्रीमियम
पैरेंट्स
भरते
हैं.
मगर
पॉलिसी
अवधि
के
दौरान
बीमित
हुए
माता-पिता
का
निधन
हो
जाती
है
तो
चाइल्ड
प्लान
बच्चे
के
खर्चों
को
कवर
करने
के
लिए
कवरेज
देता
है.
वार्षिक
किस्तों
के
रूप
में
या
बच्चे
के
18
वर्ष
का
होने
के
बाद
एकमुश्त
भुगतान
के
रूप
में
मच्योरिटी
बेनिफिट
भी
देता
है.
बाजार
में
मौजूद
ऐसी
इंश्योरेंस
योजनाएं
में
टॉप
मोस्ट
हैं
स्मार्टकिड
(आईसीआईसीआई
प्रू
स्मार्ट
लाइफ)
,
मैक्स
लाइफ
चाइल्ड
इंश्योरेंस
प्लान
आदि
शामिल
हैं.



महिलाओं
और
पर्सनल
फाइनेंस
से
जुड़ी
ऐसी
ही
अधिक
जानकारी
के
लिए

आप
यहां
क्लिक
कर

सकती
हैं.

भारत
में
मोटामोटी
चार
प्रकार
के
चाइल्ड
प्लान
हैं-


एक,
चाइल्ड
यूलिप,

जिसमें
मुख्यतौर
पर
हाई
इंश्योरेंस
कवरेज
मिलती
है.
साथ
ही
नियमित
रूप
से
इन्वेस्टमेटं
होती
है,
इक्विटी
बाजार
में
भी
यह
पैसा
लगता
है.
सम
एश्योर्ड
नॉमिनी
चाइल्ड
या
लीगल
अभिभावक
को
दे
दिया
जाता
है,
यदि
आपका
निधन
हो
जाए.
निधन
के
बाद
फ्यूचल
प्रीमियम
वेव-ऑफ
कर
दिए
जाते
हैं.
मच्योरिटी
के
वक्त
फुल
पेमेंट
कर
दी
जाती
है
जोकि
उस
वक्त
की
मार्केट
के
हिसाब
से
तय
होता
है.
यह
प्लान
आमतौर
पर
10-15
सालों
के
लिए
होता
है.



दूसरा
ट्रेडिशनल
एडोमेंट
प्लान,

जिसमें
बीमा
राशि
पर
बोनस
के
रूप
में
स्टेबल
रिटर्न
मिलता
है.
आमतौर
पर
बोनस
का
भुगतान
दूसरे
साल
से
किया
जाता
है.
तीसरा
प्लान
है,
सिंगल
प्रीमियम
चाइल्ड
प्लान,
जिसमें
आप
एक
बार
में
पूरा
पैसा
बतौर
प्रीमियम
चुका
देती
हैं.
प्रीमियम
भुगतान
की
नियत
तारीखों
को
याद
रखने
का
झंझट
ही
नहीं.
कुछ
कंपनियां
इसके
तहत
छूट
देती
हैं
या
फिर
प्रीमियम
कम
कर
देती
हैं.


(महिलाओं
के
लिए
बेस्ट
क्रेडिट
कार्ड
कौन
सा,
लेने
से
पहले
कर
लें
सारी
एंक्वॉयरी,
जान
लें
सारे
बेनिफिट
)



चौथा
होता
है
रेग्युलर
प्रीमियम
चाइल्ड
प्लान,

जिसमें
आप
प्रीमियम
के
भुगतान
पर
फ्लैक्सिबल
अप्रोच
अपना
सकती
हैं.
आप
प्रीमियम
का
भुगतान
मासिक,
त्रैमासिक,
अर्ध-वार्षिक
या
वार्षिक
रूप
से
कर
सकती
हैं.

(बच्चों
से
है
प्यार
और
सब्र
है
अपार?
बेबी
केयर
सेंटर
खोलें,
ऐसे
कमाएं
मुनाफा
)

इनकम
टैक्स
एक्ट
के
पुराने
रिजीम
का
विकल्प
चुनने
पर
सेक्शन
80सी
के
तहत
इस
इंश्योरेंस
पर
आपको
टैक्स
बेनिफिट
भी
मिलता
है.
जो
पैसा
आप
अपनी
संतान
के
लिए
निवेश
करती
हैं,
बीमा
के
रूप
में,
उस
पर
आपको
छूट
मिलती
है.
इन
बीमा
योजनाओं
के
लिए
भुगतान
किया
गया
प्रीमियम
आपकी
कुल
कर
योग्य
आय
से
1.5
लाख
रुपये
तक
की
कटौती
के
योग्य
है.
आयकर
अधिनियम
की
धारा
10(10डी)
के
तहत,
बाल
बीमा
योजनाओं
से
प्राप्त
परिपक्वता
लाभ
पूरी
तरह
से
कर-मुक्त
है.
यानी
मच्योरिटी
पर
आपको
मिलने
वाली
एकमुश्त
राशि,
जिसमें
अर्न
किया
हुआ
बोनस
भी
शामिल
है,
आयकर
से
मुक्त
है.

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