रंग लाई सरकार की माफी योजना, व्यापारियों ने चुकाए 852 करोड़ रुपये

रंग लाई सरकार की माफी योजना, व्यापारियों ने चुकाए 852 करोड़ रुपये


हाइलाइट्स


योजना
के
तहत
6,705
आवेदन
दाखिल
किए
गए
थे.
कलेक्शन
का
यह
आंकड़ा
अभी
शुरुआती
है.
इस
योजना
को
सितंबर
तक
एक्सटेंड
करने
का
अनुरोध
किया
गया
है.


नई
दिल्ली
.
सरकार
ने
निर्यातकों
के
लिए
माफी
योजना
के
तहत
करीब
852
करोड़
रुपये
जुटाए
हैं.
अग्रिम
और
ईपीसीजी
की
अनुमति
वाले
निर्यातकों
से
निर्यात
प्रतिबद्धता
में
चूक
के
मामले
में
एकबारगी
निपटान
योजना
शुरू
की
गई
थी.
एक
अधिकारी
ने
यह
जानकारी
देते
हुए
कहा
कि
इस
माफी
योजना
के
तहत
सरकार
852
करोड़
रुपये
जुटा
चुकी
है.
अधिकारी
ने
बताया
कि
ये
आंकड़े
बढ़
सकते
हैं
क्योंकि
अभी
इनका
पूरा
ब्योरा
जुटाने
की
प्रक्रिया
जारी
है.

सरकार
ने
सीमा
शुल्क
और
ब्याज
के
भुगतान
की
आखिरी
तारीख
31
मार्च
तय
की
है.
अधिकारी
ने
कहा,
“योजना
के
तहत
6,705
आवेदन
दाखिल
किए
गए
थे
और
शुरुआती
आंकड़ों
के
अनुसार
लगभग
852
करोड़
रुपये
की
राशि
वसूली
गई
है.
यह
आंकड़ा
और
बढ़ने
की
उम्मीद
है.”
इस
बीच,
कई
छोटे
निर्यातकों
ने
सरकार
से
निर्यात
प्रतिबद्धता
में
चूक
के
मामले
में
एकबारगी
निपटान
योजना
को
सितंबर
तक
जारी
रखने
का
अनुरोध
किया
है.


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का
खजाना

लुधियाना
स्थित
हैंड
टूल्स
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
एस
सी
रल्हन
ने
कहा
है
कि
कई
छोटे
निर्यातक
45
दिन
के
भीतर
एमएसएमई
को
भुगतान
करने
के
अपने
दायित्वों
को
पूरा
करने
के
कारण
योजना
का
लाभ
नहीं
उठा
पाए
हैं.
नई
विदेश
व्यापार
नीति
(एफटीपी)
में
अग्रिम
और
ईपीसीजी
(पूंजीगत
वस्तुओं
के
लिए
निर्यात
प्रोत्साहन)
वाले
निर्यातकों
के
लिए
चूक
के
मामले
में
एकबारगी
निपटान
योजना
की
घोषणा
की
गई
थी.


क्या
है
माफी
योजना?

माफी
योजना
उन
एक्सपोर्टर्स
के
लिए
लाई
गई
थी
जिन्होंने
ईपीसीजी
और
एडवांस
ऑथोराइजेशन
के
तहत
भुगतान
पूरा
नहीं
किया
था.
भुगतान
पेंडिंग
होने
के
कारण
इन
पर
ब्याज
और
ड्यूटी
बढ़कर
काफी
अधिक
हो
गई.
इस
बोझ
के
कारण
वह
बकाया
का
निपटारा
ही
नहीं
कर
पा
रहे
थे.
इस
स्कीम
के
तहत
बकाये
के
ब्याज
पर
100
फीसदी
तक
की
छूट
मिल
सकती
है.


(भाषा
इनपटु
के
साथ)

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