शहर के बाद अब गांव की बारी, 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाने की तैयारी

शहर के बाद अब गांव की बारी, 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाने की तैयारी


हाइलाइट्स


प्रधानमंत्री
ग्रामीण
सड़क
योजना
की
शुरुआत
साल
2000
में
हुई
थी.


अभी
योजना
का
तीसरा
चरण
चल
रहा
है,
अगले
साल
चौथा
शुरू
होगा.


योजना
के
तहत
कुल
8.14
लाख
किलोमीटर
की
सड़कें
बनानी
हैं.


नई
दिल्‍ली.

बड़े
शहरों
को
आपस
में
जोड़ने
और
लंबे-चौड़े
एक्‍सप्रेसवे
बनाने
के
साथ
सरकार
की
नजर
गांवों
की
कनेक्टिविटी
बढ़ाने
पर
है.
सरकार
का
मानना
है
कि
आर्थिक
गतिविधियों
में
तेजी
लाने
और
गरीबी
घटाने
के
लिए
ग्रामीण
इलाकों
तक
अच्‍छी
सड़कें
होना
बहुत
जरूरी
है.
इसे
अमली
जामा
पहनाने
के
लिए
सरकार
बजट
में
बड़ी
घोषणा
कर
सकती
है.
इसके
लिए
प्रधानमंत्री
ग्रामीण
सड़क
योजना
(PMGSY)
का
दायरा
बढ़ाकर
गांवों
की
सड़कों
को
रीस्‍ट्रक्‍चर
किया
जाएगा.

PMGSY
के
तहत
ऐसे
गांवों
को
अच्‍छी
कनेक्टिविटी
के
लिए
चुना
जाएगा
जहां
की
जनसंख्‍या
कम
से
कम
300
से
400
लोगों
की
होगी.
यह
आंकड़ा
मैदानी
इलाकों
के
लिए,
जबकि
पहाड़ी,
रेगिस्‍तानी
और
कुछ
अन्‍य
पिछड़े
क्षेत्र
में
100
लोगों
की
जनसंख्‍या
वाले
गांवों
तक
अच्‍छी
सड़कें
बनाने
की
प्राथमिकता
रहेगी.
लाइव
मिंट
की
रिपोर्ट
के
अनुसार,
सरकार
बजट
में
इसके
लिए
बड़ा
आवंटन
कर
सकती
है.



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अभी
क्‍या
है
स्थिति

साल
2000
में
शुरू
हुए
PMGSY
का
अभी
तीसरा
चरण
चल
रहा
है.
इसमें
मैदानी
इलाकों
में
500
से
ज्‍यादा
आबादी
वाले
गांवों
को
शहरों
से
जोड़ा
जा
रहा,
जबकि
पहाड़ी
और
रेगिस्‍तानी
क्षेत्र
के
लिए
यह
आंकड़ा
250
लोगों
का
है.
सूत्रों
का
कहना
है
कि
जल्‍द
इस
योजना
का
चौथा
चरण
भी
शुरू
होगा.
योजना
के
तीसरे
चरण
के
लिए
अंतरिम
बजट
में
16,600
करोड़
रुपये
का
आवंटन
किया
गया
था.
माना
जा
रहा
है
कि
अगले
साल
से
चौथा
चरण
भी
शुरू
होगा.


कहां-कहां
जोड़ी
जा
रहीं
सड़कें

PMGSY
के
तहत
ग्रामीण
क्षेत्रों
को
कृषि
मार्केट
यानी
मंडी,
हायर
सेकंडरी
स्‍कूल
और
अस्‍पतालों
से
जोड़ने
के
लिए
1.25
लाख
किलोमीटर
लंबी
सड़कें
बनाई
जा
रहीं.
योजना
का
पहला
और
दूसरा
चरण
99
फीसदी
पूरा
हो
चुका
है.
तीसरे
चरण
का
काम
भी
आखिरी
स्‍टेज
में
है.
इस
योजना
की
शुरुआत
25
दिसंबर,
2000
को
हुई
थी.


अब
तक
कितना
काम
पूरा

योजना
शुरू
होने
के
बाद
से
अब
तक
इस
पर
3.8
लाख
करोड़
रुपये
का
खर्चा
हो
चुका
है.
इन
पैसों
से
7.60
लाख
किलोमीटर
की
सड़कें
बनाई
जा
चुकी
हैं.
हालांकि,
योजना
के
तहत
कुल
813,924
किलोमीटर
सड़कों
का
निर्माण
किया
जाना
है.
इन
सड़कों
को
बनाने
में
होने
वाला
खर्चा
60
फीसदी
केंद्र
सरकार
वहन
करती
है
तो
40
फीसदी
राज्‍यों
को
देना
होता
है.
पहाड़ी
राज्‍यों
के
लिए
केंद्र
90
फीसदी
पैसा
अपनी
तरफ
से
देता
है.
पहाड़ी
क्षेत्रों
में
अब
तक
50
हजार
किलोमीटर
सड़क
बनी
है.

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