सरकार ने कर ली है 18 लाख मोबाइल सिम बंद करने की तैयारी? जानिए वजह

सरकार ने कर ली है 18 लाख मोबाइल सिम बंद करने की तैयारी? जानिए वजह


हाइलाइट्स


सरकार
पहले
भी
कर
चुकी
है
करीब
2
लाख
सिम
बंद.


अब
18
लाख
सिम
की
जांच
के
दिए
हैं
आदेश.


इनमें
से
अधिकतर
का
गलत
यूज
होने
का
है
शक.


नई
दिल्‍ली.

देश
में
साइबर
अपराध
(Cyber
Fraud)
और
ऑनलाइन
धोखाधड़ी
(Online
Fraud)
पर
अंकुश
लगाने
को
अब
सरकार
ने
कमर
कस
ली
है.
ऑनलाइन
फ्रॉड
में
मोबाइल
सिम
के
इस्‍तेमाल
को
रोकने
के
लिए
दूरसंचार
ऑपरेटर
देशभर
में
करीब
18
लाख
मोबाइल
कनेक्‍शन
काट
सकते
हैं.
विभिन्न
कानून
प्रवर्तन
एजेंसियों
साइबर
अपराध
और
वित्तीय
धोखाधड़ी
के
मामलों
की
जांच
में
इन
मोबाइल
नंबरों
की
संलिप्‍तता
सामने
आई
है.
इसी
को
देखते
हुए
दूरसंचार
विभाग
ने
दूरसंचार
कंपनियों
को
28,220
हैंडसेटों
को
डिस्‍क्‍नेक्‍ट
करने
और
20
लाख
से
अधिक
मोबाइल
कनेक्‍शनों
को
वेरिफाई
करने
को
कहा
है.

जांच
एजेंसियों
को
पता
चला
है
कि
एक
ही
मोबाइल
हैंडसेट
पर
कई
हजार
मोबाइल
सिम
का
इस्‍तेमाल
किया
गया
है.
जालसाज
आम
तौर
पर
अपने
दूरसंचार
स‍र्कल
के
सिम
कार्ड
का
इस्‍तेमाल
करने
के
बजाय
दूसरे
दूरसंचार
सर्किलों
के
सिम
कार्ड
का
इस्‍तेमाल
करते
हैं
ताकि
दूरसंचार
कंपनियों
और
एजेंसियों
की
नजरों
से
बच
सकें.
इसके
अलावा
वे
एक
ही
मोबाइल
में
एक
सिम
का
उपयोग
ज्‍यादा
देर
नहीं
करते.
खुद
को
बचाने
के
लिए
धोखेबाज
केवल
कुछ
आउटगोइंग
कॉल
करते
हैं
और
फिर
सिम
बदल
देते
हैं.



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आधार
को
कर
सकते
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किसी
की
मृत्यु
के
बाद
इस
जरूरी
डॉक्यूमेंट
का
क्या
होता
है?


10
फीसदी
ही
सिम
हो
पाते
हैं
वेरिफाई

इकोनॉमिक
टाइम्‍स
की
एक
रिपोर्ट
के
अनुसार,
एक
अधिकारी
ने
बताया
कि
आम
तौर
पर
संदिग्‍ध
सिम
के
मामलों
में,
केवल
10
फीसदी
कनेक्शन
ही
सत्यापित
हो
पाते
हैं
और
बाकी
डिस्कनेक्ट
हो
जाते
हैं.
जब
टेलीकॉम
कंपनियां
15
दिनों
में
पुन:सत्यापन
करती
है
और
सिम
वेरिफाई
नहीं
हो
पाता
तो
कनेक्शन
काट
दिया
जाता
है.
दूरसंचार
विभाग
को
आशंका
है
कि
जिन
20
लाख
सिम
को
वेरिफाई
करने
का
आदेश
दिया
है,
उनमें
से
अधिकतर
का
इस्‍तेमाल
गलत
कामों
में
मिलेगा
और
इन्‍हें
यूज
करने
वाला
वेरिफाई
नहीं
कराएगा.

दूरसंचार
कंपनियों
ने
साइबर
अपराधों
में
कथित
संलिप्तता
के
लिए
पिछले
साल
लगभग
200,000
सिम
बंद
कर
दिए
थे.
सरकार
ने
हरियाणा
के
मेवात
में
ही
गहन
जांच
के
बाद
एक
साथ
37,000
से
अधिक
सिम
कार्ड
बंद
कर
दिए
थे.
सरकार
का
मानना
है
कि
टेलीकॉम
कंपनियों
को
सिम
के
उपयोग
पैटर्न
का
पता
लगाने
में
अधिक
सक्रिय
होने
की
जरूरत
है,
खासकर
घरेलू
सर्कल
के
बाहर
खरीदे
गए
सिम
के
उपयोग
के
पैटर्न
का
पता
लगाने
में.


बढ़
रहे
हैं
साइबर
अपराध

देश
में
मोबाइल
फोन
आधारित
साइबर
अपराधों
की
संख्या
में
लगातार
वृद्धि
हो
रही
है.
राष्ट्रीय
साइबर
अपराध
रिपोर्टिंग
पोर्टल
(NCRP)
के
अनुसार,
डिजिटल
वित्तीय
धोखाधड़ी
के
पीड़ितों
को
2023
में
₹10,319
करोड़
का
नुकसान
हुआ.
वित्त
पर
संसदीय
स्थायी
समिति
की
एक
रिपोर्ट
के
अनुसार,
2023
में
694,000
से
अधिक
शिकायतें
प्राप्त
हुईं.

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