
Success
Story:
जिंदगी
में
जमीन
से
आसमां
तक
का
सफर
करने
के
लिए
अच्छे
और
बुरे
हर
तरह
के
दिन
देखने
पड़ते
हैं.
जो
आज
बुलंदियों
पर
हैं,
किसी
जमाने
में
उन्होंने
सड़कों
पर
सफलता
के
लिए
संघर्ष
किया.
नेता
से
लेकर
एक्टर
और
उद्योगपति,
हर
कामयाब
व्यक्ति
की
यही
कहानी
है.
नारायण
मजूमदार
की
कहानी
भी
ऐसी
ही
है.
साइकिल
पर
दूध
बेचने
वाला
आज
मिल्क
मैन
बन
गया.
इनके
बारे
में
ज्यादातर
लोगों
ने
नहीं
सुना
होगा
लेकिन
इनकी
कंपनी
को
जरूर
जानते
होंगे.
नारायण
मजूमदार
भारत
के
सबसे
सफल
व्यवसायियों
में
से
एक
हैं.
नारायण
मजूमदार,
अनुभवी
डेयरी
टेक्नोलॉजिस्ट
से
अब
सफल
उद्योगपति
बन
गए
हैं.
नारायण
मजूमदार,
रेड
काउ
डेयरी
के
फाउंडर
और
मैनेजिंग
डायरेक्टर
हैं.
हालांकि,
इस
मकाम
पर
पहुंचने
के
लिए
उन्होंने
कई
सालों
तक
मेहनत
की.
अपना
बिजनेस
शुरू
करने
से
पहले,
नारायण
मजूमदार
ने
कई
ब्रांडेड
डेयरी
कंपनियों
में
काम
किया.
इतना
ही
नहीं
नारायण
मजूमदार
ने
कॉलेज
पढ़ाई
का
खर्च
निकालने
के
लिए
पार्ट
टाइम
जॉब
के
तौर
पर
सुबह
5
बजे
से
7
बजे
तक
दूध
बेचना
शुरू
किया.
इससे
उन्हें
3
रुपये
की
कमाई
होती
थी.
कभी
साइकिल
तो
कभी
पैदल
दूध
लेकर
आए
काफी
सालों
तक
कई
कंपनियों
में
काम
करने
के
बाद
नारायण
मजूमदार
ने
साल
1997
में
अपना
बिजेनस
वेंचर
‘रेड
काऊ
डेयरी’
शुरू
किया.
अपने
डेयरी
उद्योग
को
खड़ा
करने
के
लिए
नारायण
मजूमदार
हर
दिन
अपनी
साइकिल
लेकर
गांव-गांव
जाकर
दूध
इकट्ठा
करते
और
घर-घर
तक
सप्ताई
करते.
गाँवों
में
कच्ची
सड़कें
होने
के
कारण
उन्हें
कई
किलोमीटर
तक
पैदल
चलना
पड़ता
था.
32,000
लीटर
से
4
लाख
लीटर
प्रतिदिन
की
सेल
आज
की
तारीख
में
रेड
काऊ,
पूर्वी
भारत
की
सबसे
बड़ी
डेयरी
है.
इस
कंपनी
का
सालाना
टर्न
ओवर
800
करोड़
रुपये
से
ज्यादा
है.
यह
कंपनी
दूध,
दही,
घी,
पनीर
और
रसगुल्ला
के
अलाव
दूध
से
बने
कई
अन्य
उत्पाद
बेचती
है.
रेड
काउ
डेयरी,
आज
कोलकाता
में
बड़ा
नाम
बन
गया
है.
अब
इस
बिजनेस
में
नारायण
मजूमदार
के
बेटे
नंदन
भी
जुड़
गए.
नंदन
ने
भी
पिता
की
तरह
अपने
पारिवारिक
व्यवसाय
को
तेजी
से
बढ़ाया.
वे
रेड
काउ
डेयरी
की
दूध
बिक्री
को
32,000
लीटर
प्रति
दिन
से
4
लाख
लीटर
प्रति
दिन
तक
ले
गए.
वर्तमान
में
रेड
काउ
डेयरी
के
3
प्रोडक्शन
प्लांट
हैं.
इस
फर्म
से
बंगाल
के
12
जिलों
के
तीन
लाख
से
अधिक
किसान
जुड़े
हैं.
Tags:
Business
ideas,
Indian
startups,
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Story
FIRST
PUBLISHED
:
May
18,
2024,
12:30
IST